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नई दिल्ली: भारतीय सेना की एक इंफैन्ट्री यूनिट में असंतोष की खबर आई है। सेना के नियमित अभ्यास के दौरान एक जवान की मौत के बाद यूनिट के जवानों में भावनात्मक आक्रोश पैदा हो गया। हालांकि सेना के शीर्ष अधिकारियों के मुताबिक़ ऐसी कोई बात नहीं है। जानकारी के मुताबिक़ अरुणाचल प्रदेश के किबतु के हलयूलियांग में यह घटना अभ्यास के दौरान रोड मार्च के वक्त की है। मार्च के दौरान एक जवान को सीने में दर्द की शिकायत हुई। इसके बाद उसका मेडिकल चेकअप कराया गया, जहां उसकी हालत ठीक बताई गई। आरोप है कि मेडिकल चेकअप बाद भी जवान से मार्च करवाया जाता है और दो घंटे बाद जवान की मौत हो जाती है। इस घटना को लेकर सेना के जवान और अफसर के बीच काफी तीखी झड़प की बात सामने आयी है। सेना ने इस मामले के जांच के आदेश दे दिये हैं और कहा है कि अगर कोई दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सेना ने एक बयान जारी कर कहा है कि जवान की मौत सामान्य अभ्यास के दौरान उत्तर पूर्व में हुई है। यह कोई विद्रोह की बात नहीं है। जवान ने मार्च के दौरान सीने में दर्द की शिकायत की फिर उसका मेडिकल चेक अप हुआ और वह फिट पाया गया। बाद में मार्च के दौरान जवान गिर गया और उसे अस्पताल ले जाने के दौरान ही उसकी मौत हो गई। हादसे ने कुछ जवानों को भावुक कर दिया और वह तैश में आ गए जिसकी वजह से उनकी अफसरों से झड़प हुई। हालांकि झगड़े में किसी के गंभीर रूप से घायल होने की खबर नहीं है।

गौरतलब है कि 2012 में ऐसी ही एक अनुशासनात्मक कार्यवाही के दौरान सेना के जवानों ने न्योमा, लद्दाख़ में अफसरों पर हमला कर दिया था। सेना ने इस वारदात को फील्ड फायरिंग के दौरान तोपों की युनिट में हुई झड़प बताकर खारिज कर दिया था। हालांकि बाद में आई रिपोर्टों से पता चला था कि युनिट के जवानों ने अपने अधिकारियों पर तब हमला किया जब उनके साथियों और कमांडिंग अफसर पर वरिष्ठों ने बुरी तरह प्रहार किया था।

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