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पठानकोट (पंजाब): केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान पर बरसते हुए कहा कि अगर पड़ोसी देश पठानकोट एयरबेस पर हमले के मामले में जांच के लिए एनआईए के दल को वहां जाने की इजाजत नहीं देता तो यह भारत के साथ 'विश्वासघात' होगा। उन्होंने यह भी कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच जम्मू-कश्मीर कभी मुद्दा नहीं रहा और अगर दोनों देशों के बीच कोई मुद्दा है, तो वह पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर का है। पठानकोट में जानेमाने लोगों और विद्वानों को संबोधित करते हुए गृहमंत्री ने कहा कि जब पाकिस्तान के संयुक्त जांच दल ने पठानकोट आतंकी हमले की जांच के सिलसिले में भारत आने का प्रस्ताव रखा था, तो परस्पर सहमति बनी थी कि पाकिस्तानी जांचकर्ताओं के भारत दौरे के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) का एक दल भी जांच के लिए और कुछ लोगों से पूछताछ के लिए पाकिस्तान जाएगा। उन्होंने कहा, 'लेकिन पाकिस्तान ने अभी तक एनआईए को वहां जाने की अनुमति नहीं दी है। अगर एनआईए के दल को पाकिस्तान जाने की इजाजत नहीं दी जाती तो यह भारत के साथ विश्वासघात होगा।' राजनाथ ने कहा कि पाकिस्तान को एनआईए के दल को पाकिस्तान दौरे की अनुमति देकर साबित करना चाहिए कि वह आतंकवाद का समर्थन नहीं कर रहा है।

नई दिल्ली: रणनीतिक लिहाज से महत्वपूर्ण हेरांत प्रांत में 1700 करोड़ रुपये से निर्मित एक ऐतिहासिक बांध का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि राजनीति और भूगोल की बाधाओं और यहां उसके मिशन पर आतंकी हमलों के बावजूद भारत युद्ध प्रभावित अफगानिस्तान के साथ सहयोग करता रहेगा। मोदी ने कहा कि दूसरे देशों के लिए संबंधों की समय सीमा हो सकती है, लेकिन अफगानिस्तान के साथ हमारा संबंध समय से परे है। राष्ट्रपति अशरफ गनी के साथ अफगान-भारत मैत्री बांध का उद्घाटन करने के बाद मोदी ने कहा, ‘‘हमारे संसाधन भले ही सीमित हों लेकिन हमारी इच्छाशक्ति असीम है। दूसरों के लिए, प्रतिबद्धताएं समयबद्ध हो सकती हैं लेकिन हमारा संबंध समय से परे है। भले ही हमारे समक्ष भूगोल और राजनीति की बाधाएं हों लेकिन हम अपने उद्देश्य की स्पष्टता से अपना मार्ग परिभाषित करते हैं।’’ उन्होंने आतंकवाद को खारिज करने के लिए अफगानिस्तान की जनता की तारीफ की और कहा कि उनका आपसी विभाजन सिर्फ उन लोगों की मदद करेगा, जो बाहर से ‘‘दबदबा’’ बनाये रखना चाहते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘यह अफगान निर्माण का युद्ध नहीं था, इसने तो अफगानों की पूरी एक पीढ़ी का भविष्य चुरा लिया।’’ उन्होंने कहा कि आज अफगानिस्तान के बहादुर लोग यह संदेश दे रहे हैं कि ‘‘तबाही और मौत तथा वंचना एवं वर्चस्व कायम नहीं रहेगा।’’

हेरात (अफगानिस्तान): प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने आज (शनिवार) यहां संयुक्त रूप से एतिहासिक मैत्री बांध का उद्घाटन किया। रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हेरात प्रांत में 1,700 करोड़ रपये की लागत से तैयार इस बांध से युद्धग्रस्त इस देश में पुनर्निर्माण गतिविधियों को आगे बढ़ाने के प्रति भारत की मजबूत प्रतिबद्धता का पता चलता है। भारत-अफगानिस्तान मैत्री बांध नाम से जाना जाने वाला यह बांध पश्चिमी हेरात में चिश्त-ए-शरीफ नदी पर बना है जो कि ईरान सीमा के नजदीक है। इस बांध से यहां 75,000 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होगी और करीब 42 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जायेगा। पहले इसे सलमा बांध के नाम से जाना जाता था। मोदी अपनी पांच देशों की यात्रा के पहले पड़ाव में यहां पहुंचे हैं। छह माह से भी कम समय में मोदी की यह दूसरी अफगानिस्तान यात्रा है। इस परियोजना को भारत और अफगानिस्तान मैत्री की एतिहासिक ढांचागत परियोजना माना जा रहा है। मोदी शीर्ष अधिकारियों के साथ आज करीब पौने दस बजे अफगानिस्तान के लिये रवाना हुए थे। उन्होंने अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के साथ दोपहर में हेरात प्रांत में भारत अफगानिस्तान मैत्री बांध (सलमा बांध) का लोकार्पण किया। गनी ने प्रधानमंत्री के सम्मान में दोपहर के भोज का आयोजन किया है। दोनों नेताओं के बीच अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण में भारत के सहयोग के बारे में चर्चा भी होगी। उल्लेखनीय है कि मोदी ने गत वर्ष 25 दिसंबर को काबुल में भारत के सहयोग से निर्मित संसद भवन का उद्घाटन किया था।

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (शनिवार) से पांच देशों अफगानिस्तान, कतर, स्विट्जरलैंड, अमेरिका और मेक्सिको के दौरे की शुरुआत करेंगे। उनकी इस यात्रा का मुख्य मकसद इन देशों के साथ भारत के व्यापार, उर्जा और सुरक्षा सहयोग को विस्तार देना तथा संबंधों को नई गति प्रदान करनी है। अपने इस विदेश प्रवास के दौरान मोदी 48 सदस्यीय परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत की सदस्यता के लिए स्विट्जरलैंड का सहयोग मांग सकते हैं क्योंकि ये दोनों इस प्रतिष्ठित समूह के मुख्य सदस्य हैं। वाशिंगटन में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ मोदी की बातचीत के दौरान भी यह मुद्दा उठ सकता है। स्विट्जरलैंड के नेतृत्व के साथ बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री वहां के बैंकों में भारतीय नागरिकों के जमा कालेधन के मुद्दे को भी उठा सकते हैं। अपनी विदेश यात्रा के पहले पड़ाव के तौर पर प्रधानमंत्री मोदी अफगानिस्तान जाएंगे जहां हेरात प्रांत में वह अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी के साथ अफगान-भारत मित्रता सेतु का भी उद्घाटन करेंगे। पहले इसे सलमा बांध के नाम से जाना जाता था। दोनों नेता अफगानिस्तान में मौजूदा हालात सहित कई मुद्दों पर बातचीत करेंगे। अफगानिस्तान से मोदी शनिवार को ही कतर जाएंगे और फिर वहां से रविवार को दो दिन के लिए स्विट्जरलैंड जाएंगे।

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