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नई दिल्ली: चार विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार और संगठन में बदलाव की चर्चाओं के बीच छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने कांग्रेस का 'हाथ' छोड़ दिया। उन्होंने अपनी नई पार्टी का बनाने का ऐलान किया है। कांग्रेस नेताओं का मानना है कि जोगी के जाने से पार्टी को फायदा होगा। पार्टी महासचिव दिग्विजय सिंह, जिनके जोगी से रिश्ते खराब रहे हैं, ने कहा "जिस व्यक्ति ने कांग्रेस के उम्मीदवारों को पैसे लेकर भाजपा को बेच दिया था उसका चले जाना ही हितकर होगा।"। जोगी छत्तीसगढ़ से राज्यसभा उम्मीदवार बनना चाहते थे, पर पार्टी ने उनकी जगह छाया वर्मा को उम्मीदवार बनाया। इससे वह काफी नाराज थे। इसके अलावा एक सीडी मामले में भी अनुशासन समिति ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इस मामले में उनके बेटे अमित जोगी को कांग्रेस से निकाल दिया गया था। पार्टी के ज्यादातर नेताओं का कहना है कि जोगी के जाने से पार्टी पर खास फर्क नही पड़ेगा। वर्ष 2013 और 2008 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के बीच वोट प्रतिशत में एक फीसदी से भी कम का फर्क है। पार्टी के एक नेता ने कहा कि पिछले चुनाव में जोगी ने कांग्रेस उम्मीदवारों को हराने की कोशिश की थी, ताकि रमन सिंह को फायदा मिले। एक उम्मीदवार के नाम वापस लेने की बातचीत की कथित सीडी भी आई थी।

कई नेता जोगी के अलग पार्टी बनाने के ऐलान को कांग्रेस के लिए झटका मान रहे हैं। उनकी दलील है कि अजीत जोगी के अलग पार्टी बनाने से विपक्ष के वोट में बंटवारा होगा। इसका सीधा फायदा भाजपा को मिलेगा। असम विधानसभा चुनाव में पार्टी को हेमंत विश्वसर्मा के पार्टी छोड़ने का नुकसान हुआ है। ऐसे में पार्टी को इस तरह के जोखिम से बचना चाहिए, क्योंकि कांग्रेस के लिए अगले विधानसभा चुनाव काफी अहम हैं।

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