नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): राज्यसभा के लिए 57 सदस्यों के 11 जून को होने वाले चुनावों में 34 सदस्यों को निर्विरोध चुन लिया गया है। वहीं उत्तर प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, झारखण्ड और हरियाणा के 23 सदस्यों के लिए चुनाव होगा। इन सभी प्रदेशों में भाजपा ने निर्दलीय उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतार कर राज्यसभा में अपनी ताकत बढ़ाने की कोशिश की है। भाजपा को इस प्रयास में कितनी सफलता मिली इसका फैसला 11 जून को चुनाव नतीजों के बाद होगा । फिलहाल ये कहा जा सकता है कि भाजपा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों ने राज्यसभा चुनाव में खरीद-फरोख्त की संभावना को प्रबल कर दिया है। भाजपा की ओर से रेल मंत्री सुरेश प्रभु और कांग्रेस की ओर से पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम शुक्रवार को राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुने गए। प्रभु आंध्र प्रदेश, जबकि चिदंबरम महाराष्ट्र से चुने गए हैं। वहीं, गुजरात से भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पुरुषोत्तम रूपाला निर्वाचित हुए। आंध्र प्रदेश से तेलुगुदेशम पार्टी की ओर से केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री वाई सत्यनारायण चौधरी और टीजी वेंकेेश जबकि वाईएसआर कांग्रेस से वी विजयसाई रेड्डी भी निर्विरोध चुने गए। निर्वाचन अधिकारी के सत्यनारायण राव ने इन उम्मीदवारों को निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया। वहीं महाराष्ट्र से भाजपा की ओर से केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल, विनय सहस्रबुद्धे और विकास महात्मे, एनसीपी की ओर से पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल और शिवसेना की ओर से संजय राउत भी निर्विरोध निर्वाचित हुए। महाराष्ट्र में छह सीटों के लिए छह उम्मीदवार थे। तमिलनाडु से एआईडीएमके के चार जबकि डीएमके के दो सदस्य निर्विरोध चुन लिए गए।
इसके साथ ही राज्यसभा में एआईडीएमके की ताकत 11 से बढ़कर 12 सदस्यों पर पहुंच जाएगी। वहीं, डीएमके चार सांसद ही रहेंगे। बिहार से जदयू के शरद यादव, रामचंद्र प्रसाद सिंह, राजद के राम जेठमलानी और पूर्व सीएम लालू प्रसाद की पुत्री मीसा भारती जबकि भाजपा के गोपाल नारायण सिंह राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुने गए। इससे बिहार से राज्यसभा की 16 सीटों में से जदयू के नौ, भाजपा के पांच और राजद के दो सदस्य हो गए। यूपी में राज्यसभा के चुनाव होना लगभग तय है। 12 सीटों में से किसी ने नामांकन वापस नहीं लिया। निर्दलीय प्रीति महापात्र ने राज्य की 11 राज्यसभा सीटों के लिए होने वाले चुनाव में 12वें उम्मीदवार के रूप में अंतिम क्षणों में अपना नामांकन भरा। इसके कारण मतदान की प्रबल संभावना है। हरियाणा की दो सीटों के लिए तीन उम्मीदवार हैं। एक सीट से भाजपा ने केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह को राज्यसभा में भेज दिया है। अब दूसरी सीट के लिए मतदान होगा। वहीं, राजस्थान से चार सीटों पर पांच उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। कर्नाटक में भी चार सीटों के लिए पांच उम्मीदवार हैं। ऐसे में दोनों राज्यों में चुनाव तय है। पंजाब में कांगे्रस की वरिष्ठ नेता अंबिका सोनी एवं सत्तारूढ़ शिअद के बलविंदर सिंह भुंडर निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया है। वहीं, छत्तीसगढ़ से भाजपा के रामविचार नेताम और कांग्रेस की छाया वर्मा चुनी गई। ओडिशा में बीजद के तीन उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए।