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नई दिल्ली: एक समय में राम मंदिर आंदोलन की सक्रिय सदस्य रहीं केंन्द्रीय मंत्री उमा भारती बातचीत के माध्यम से लंबे समय से चले आ रहे इस विवाद का समाधान चाहती हैं। हालांकि विवादित भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी को अपना ‘नायक’ बताते हुए मंत्री ने उनकी सराहना की। मंत्री ने कहा कि वह उनके (स्वामी के) वचन पर विश्वास करती हैं कि अयोध्या में राम मंदिर का काम इस वर्ष के आखिर तक शुरू हो जायेगा। भारती ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में उनको मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाये जाने की संभावना को खारिज किया लेकिन विश्वास जताया कि अमित शाह की अगुवाई में भाजपा राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इस राज्य में अपनी सरकार बनाने में सक्षम होगी। राम मंदिर निर्माण और इस वर्ष इसका कार्य शुरू होने को लेकर स्वामी के बयान पर भारती ने कहा, ‘मैं स्वामी का बहुत अधिक सम्मान करती हूं। वह मेरे नायक हैं। मैं 15-16 वर्ष की थी जब आपात काल लागू किया गया था और डॉक्टर स्वामी एवं जार्ज फर्नांडीस मेरे नायक थे। मेरे लिए उनका व्यक्तित्व नायक की तरह है। वह जो कहते हैं, उस पर मुझे विश्वास है।’

दोहा: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कतर में रहने वाले भारतीय कामगारों को आश्वासन दिया कि वह खड़ी देश के नेताओं के साथ होने वाली अपनी बातचीत के दौरान उनकी समस्याओं को उठाएंगे। दोहा के एक चिकित्सा शिविर में भारतीय कामगारों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि उन्हें भारतीय कामगारों और उन्हें यहां लाने वाली कंपनियों को आने वाली दिक्कतों का ज्ञान है। उन्होंने कहा, ‘‘आप जिन समस्याओं का सामना कर रहे हैं, मुझे उनकी जानकारी है। जब मैं अधिकारियों से मिलूंगा, उनसे इस पर बातचीत करूंगा।’’ मोदी रविवार को कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी के साथ विस्तृत वार्ता करेंगे। मोदी ने रेखांकित किया कि उनकी पांच देशों की यात्रा के दूसरे चरण में, कतर के दो दिवसीय दौरे पर पहला कार्यक्रम भारतीय कामगारों की शिविर में आना था। उन्होंने कहा, ‘‘मैं शाम में दोहा आया और मेरे कार्यक्रम में पहले नंबर पर आपसे मिलना था।’’ कतर में भारतीय मूल के छह लाख से ज्यादा लोग रहते हैं। अपने छोटे से संबोधन के बाद मोदी ने कामगारों के साथ बातचीत की और साथ में जलपान भी किया।

दोहा: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी दो दिन की यात्रा पर आज यहां पहुंचे। उनकी इस यात्रा से भारत और उर्जा संपन्न कतर के बीच आर्थिक रिश्तों और विशेषकर हाइड्रोकार्बन क्षेत्र के संबंधों को नई मजबूती मिलेगी। मोदी इस दौरान कतर के अमीर शेख तमीन बिन हमद अल-थानी के साथ विस्तृत बातचीत करेंगे और कतर के व्यावसायिक समुदाय को संबोधित करेंगे। कतर से भारत को एलएनजी की बड़ी मात्रा में आपूर्ति की जाती है। पिछले वित्त वर्ष में देश के कुल एलएनजी आयात में 65 प्रतिशत हिस्सा कतर का था। मोदी के यहां पहुंचने पर कतर के प्रधानमंत्री अब्दुल्ला बिन नासेर बिन खलीफा अल थानी ने हवाईअड्डे पर गर्मजोशी के साथ उनका स्वागत किया। मोदी ने यहां पहुंचने पर अपने ट्वीट में कहा, ‘दोहा पहुंच गया। भारत कतर के साथ मजबूत रिश्तों को काफी प्राथमिकता देता है। मेरी इस यात्रा का मकसद हमारे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध को आगे बढ़ाना है।’ एक अन्य ट्वीट में मोदी ने कहा, ‘मैं उन सभी कार्यक्रमों की तरफ नजरें लगाये हूं जिनसे भारत और कतर के बीच आर्थिक संबंधों का विस्तार हो और जनता के बीच रिश्ते और गहरे हों।’

मुंबई: भूमि सौदे में गड़बड़ियों सहित भ्रष्टाचार के कई आरोपों को लेकर सवालों के घेरे में आए महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री एकनाथ खड़से ने शनिवार को इस्तीफा दे दिया। यह नरेन्द्र मोदी-अमित शाह की जोड़ी के भ्रष्टाचार को बिल्कुल भी बर्दाश्त न करने का प्रण लेकर भाजपा की कमान संभालने के बाद पार्टी को लगा पहला झटका है। खड़से के पास विकल्प नहीं बचे थे और केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें एक साफ और कड़ा संदेश दिया था जिसके बाद उत्तरी महाराष्ट्र के 64 साल के कद्दावर नेता आज सुबह यहां मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के आधिकारिक निवास पहुंचे और अपने इस्तीफे की पेशकश की। खड़से की किस्मत का फैसला दो दिन पहले ही हो गया था जब फडणवीस ने दिल्ली में मोदी और शाह को उनके खिलाफ लगे आरोपों की जानकारी दी थी। भाजपा नेतृत्व वाली राज्य की पहली सरकार को शर्मसार करने वाले यह आरोप न केवल कांग्रेस, राकांपा और आप ने लगाए बल्कि इन्हें लेकर सहयोगी शिवसेना ने भी खडसे को बर्खास्त करने की मांग की थी। राजस्व और कृषि जैसे महत्वपूर्ण विभाग संभाल रहे खड़से को कैबिनेट में ‘नंबर दो’ समझा जाता था। वह पुणे में भूमि सौदे में गड़बड़ियों, कराची स्थित फरार गैंगस्टर दाउद इब्राहिम के घर से कथित फोन कॉल आने सहित कई आरोपों को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं। साथ ही उनके एक निजी सहायक पर भी कथित रूप से रिश्वत मांगने का आरोप है। उन पर आरोप है कि उन्होंने पुणे में अपनी पत्नी और दामाद के नाम पर 3.75 करोड़ रुपये की मामूली कीमत पर महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम की तीन एकड़ जमीन उसके असली मालिक से खरीदी थी।

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