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नई दिल्‍ली: भारत में व्यक्तियों की कुल व्‍यक्तिगत संपत्ति 5,200 अरब डॉलर होने के साथ यह दुनिया में 10 सर्वाधिक धनवान देशों की सूची में शामिल है लेकिन इसकी एक वजह यहां बड़ी आबादी का होना भी है। वहीं प्रति व्यक्ति आधार पर औसत भारतीय ‘काफी गरीब’ है। न्यू वर्ल्ड वेल्थ की रिपोर्ट में यह बात कही गई है। इसके मुताबिक भारत दुनिया में 10 अति रईस देशों की सूची में सातवें पायदान पर है। इस मामले में व्यक्तियों की 48,700 अरब डॉलर की कुल संपत्ति के साथ अमेरिका पहले स्थान पर है। रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘भारत का दुनिया के अति धनाढ़्य 10 देशों की सूची में शामिल होने का कारण बड़ी आबादी का होना है। प्रति व्यक्ति आधार पर औसत भारतीय काफी गरीब हैं।’’ इसमें यह भी कहा गया है कि पिछले 15 साल में देश की वृद्धि ‘मजबूत’ रही है। न्यू वर्ल्ड वेल्थ के अनुसार, ‘‘अति धनाढ़्य 10 देशों में चीन पिछले 15 साल (2000-15) में तीव्र गति से वृद्धि हासिल करने वाला देश रहा।

नई दिल्ली: राज्यसभा चुनावों के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया आज (मंगलवार) समाप्त हो गयी जहां उत्तर प्रदेश और हरियाणा में मुकाबले के आसार हो सकते हैं। केंद्रीय मंत्रियों पीयूष गोयल, निर्मला सीतामरण तथा वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पी. चिदंबरम समेत अन्य कई नेताओं ने उच्च सदन के लिए नामांकन दाखिल किये हैं। उत्तर प्रदेश में मुकाबला रोचक हो गया है जहां सामाजिक कार्यकर्ता प्रीति महापात्र ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर समय सीमा समाप्त होने से पहले अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। इसके साथ अब 11 खाली सीटों के लिए 12 प्रत्याशी होने से मतदान होना तय हो गया है। भाजपा के कई विधायक, छोटे दलों के सदस्य और निर्दलीय विधायक प्रीति का समर्थन कर रहे हैं। इसके अलावा इस प्रदेश से राज्यसभा के लिए सपा के सात प्रत्याशी जबकि बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा समेत दो उम्मीदवार हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल और भाजपा के शिव प्रताप शुक्ला भी मैदान में हैं। उत्तर प्रदेश की 403 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारूढ़ सपा के 229 विधायक हैं। बसपा के 80, भाजपा के 41 और कांग्रेस के 29 सदस्य हैं। इसके अलावा कुछ सदस्य छोटे दलों के और निर्दलीय हैं। प्रत्येक उम्मीदवार को जीतने के लिए 37 वोट चाहिए। आज कई उम्मीदवारों ने समय सीमा समाप्त होने से पहले अपने नामांकन पत्र दाखिल किये जिनमें रेल मंत्री सुरेश प्रभु, मीडिया कारोबारी सुभाष चंद्रा, जाने-माने वकील आरके आनंद, मध्य प्रदेश से भाजपा के एमजे अकबर आदि के नाम शामिल हैं।

रायबरेली: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के दो साल पूरे होने के मौके पर मनाये जाने वाले जश्न पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि मोदी प्रधानमंत्री हैं, कोई शहंशाह नहीं, मगर उनके मंत्री उसी तरह जश्न मना रहे हैं, जैसे किसी शहंशाह के लिये मनाया जाता है। अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र रायबरेली के दो दिवसीय दौरे के पहले दिन डलमउ पहुंची सोनिया ने संवाददाताओं से बातचीत में मोदी सरकार के दो साल पूरे होने और उनके मंत्रियों के जश्न मनाने के सवाल पर कहा ‘‘मैंने ऐसा कभी नहीं देखा। मोदी प्रधानमंत्री हैं, शहंशाह नहीं। उनके मंत्री ऐसे जश्न मना रहे हैं, जैसा किसी शहंशाह के लिये मनाया जाता है। मैंने ऐसा प्रधानमंत्री नहीं देखा।’’ उन्होंने कहा कि देश में गरीबी, सूखा और भ्रष्टाचार है। किसान परेशान हैं, ऐसे में मुझे नहीं लगता कि इस तरह के जश्न मनाना सही बात है। अपने परिवार पर लगातार लगाये जा रहे भ्रष्टाचार के आरोपों को साजिश करार देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि यह भी ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ का अभियान भी एक षड्यंत्र है। अपने दामाद राबर्ट वाड्रा के लन्दन स्थित ‘बेनामी’ आवास के मुद्दे के बारे में पूछे जाने पर सोनिया ने कहा ‘‘हां, यह भी हमारे परिवार के खिलाफ षड्यंत्र है। ये लोग रोज कुछ ना कुछ यह बहाना बनाते हैं। अगर यह आरोप सच है तो बिना भेदभाव के जांच करा ली जाए। दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।’’ मालूम हो कि सरकार ने वाड्रा के लंदन में बेनामी आवास के मामले की नये सिरे से जांच शुरू की है।

नई दिल्ली: आर्ट ऑफ लिविंग का 4.75 करोड़ रुपए की बैंक गारंटी का प्रस्ताव एनजीटी ने ख़ारिज कर दिया है। यही नहीं एनजीटी पर 5 हज़ार का जुर्माना भी लगाया है और कहा कि रकम का भुगतान एक हफ्ते में करें। एनजीटी ने आर्ट ऑफ लिविंग पर 5 करोड़ का जुर्माना लगाया था, जिसमें से 25 लाख आर्ट ऑफ़ लिविंग ने जमा करा दिया था, लेकिन यमुना पर हुए प्रोग्राम के बाद 4.75 करोड़ आर्ट ऑफ़ लिविंग ने नहीं दिया और कहा कि वह सिर्फ बैंक गारंटी दे सकती है। नाराज एनजीटी ने कहा कि आपको प्रोग्राम करने की अनुमति इसी शर्त पर दी गयी थी कि आप रक़म समय पर चुकाएंगे, लेकिन आप रकम चुकाने के बजाय अपने वादे से मुकर गए और फिर यह रकम न चुकानी पड़े उसके लिए आपने ढेरों याचिकाएं लगा दीं। एओएल (आर्ट ऑफ लिविंग) का कहना है कि वह इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकते हैं। वे इस फैसले से खुश नहीं हैं। दिल्ली में यमुना के किनारे मार्च में आर्ट ऑफ लिविंग का महोत्सव हुआ था। इस मामले में आर्ट ऑफ लिविंग पर 5 करोड़ का जुर्माना लगाया गया था। आर्ट ऑफ लिविंग ने महोत्सव के पहले दिन 11 मार्च को 25 लाख रुपये दिए थे। शेष रकम अदा करने की डेडलाइन 1 अप्रैल थी। आर्ट ऑफ लिविंग ने ट्रिब्यूनल से कहा था वह बैंक गारंटी के तौर पर बाकी रकम देगा। उन्होंने यह भी कहा था कि साइट का साइंटिफिक असेसमेंट होना चाहिए।

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