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नई दिल्ली: हिजबुल कमांडर बुरहान वानी की मौत पर कश्मीर में मचे बवाल के बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों में कोई समझौता नहीं हो सकता । हालांकि उन्होंने संघर्ष में लोगों की जान जाने पर भी क्षोभ व्यक्त किया। सोनिया गांधी ने इस बात का उल्लेख किया कि पिछले दो दशकों से भी अधिक समय में जम्मू कश्मीर में राजनीतिक प्रक्रिया को बल मिला है और ‘ये बेकार नहीं जाना चाहिए।’ एक बयान में उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी मामलों पर ‘कोई समझौता नहीं’ किया जा सकता और आतंकवाद से कड़ाई से निपटा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘ इसके बावजूद हमारे इतने सारे नागरिकों की मौत और सुरक्षा बलों पर हमले पीड़ादायक हैं।’ घाटी के लोगों से अपील करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि वे राजनीतिक दलों को ‘उनकी आकांक्षाओं को सार्थक तरीके से पूरा करने के ठोस और स्थायी समाधान को शांतिपूर्ण तथा लोकतांत्रिक तरीके से ढूंढने दें ।’ कश्मीर में शुक्रवार को मुठभेड़ में वानी की मौत के बाद प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच हुए संघर्ष में 23 लोग मारे गए हैं । राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने भी घाटी में कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति पर चिंता जाहिर की और कहा कि ‘बड़ा नुकसान हुआ है जिसकी भरपाई नहीं की जा सकती’ जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री आजाद ने कहा कि और अधिक लोगों की जान जाने से पहले जल्द से जल्द कानून व्यवस्था की बहाली सुनिश्चित करना वक्त की जरूरत है ।

नैरोबी: दुनिया में आईएसआईएस के पांव पसारने की पृष्ठभूमि में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को चेताया कि ‘घृणा और हिंसा की बात करने’ वाले हमारे समाज के तानेबाने के समक्ष खतरा उत्पन्न कर रहे हैं। उन्होंने युवाओं से कट्टरपंथी विचारधारा के जवाब में एक अवधारणा तैयार करने को कहा। प्रधानमंत्री ने परोक्ष रूप में पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए कहा कि जो लोग आतंकवादियों को शरण देते हैं और उनका राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल करते हैं, उनकी निंदा करनी चाहिए। नौरोबी विश्वविद्यालय में छात्रों को संबोधित करते हुए मोदी ने घृणा और आतंक मुक्त विश्व की वकालत की और कहा कि आर्थिक विकास के लाभ का फायदा उठाने के लिए लोगों और समाज की सुरक्षा जरूरी है। मोदी ने कहा, ‘घृणा और हिंसा की बात करने वाले हमारे समाज के तानेबाने के समक्ष खतरा उत्पन्न कर रहे हैं।’ कट्टरपंथ का मुकाबला करने की जरूरत को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा, ‘कट्टरपंथी विचारधारा का मुकाबला करने के लिये युवा एक जवाबी अवधारणा तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।’ प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी ऐसे समय में महत्वपूर्ण मानी जा रही है जब आतंकी संगठन आईएसआईएस कई स्थानों पर पांव पसार रहा है, विशेषतौर पर कट्टरपंथ के अपने अभियान के जरिये युवाओं को आकषिर्त कर रहा है। हाल ही में बांग्लादेश में एक कैफे पर छह पढे लिखे युवकों के हमले में 22 लोग मारे गए थे जिसमें से अधिकांश विदेशी थे।

नई दिल्ली: विवादास्पद धर्म उपदेशक जाकिर नाइक अगले दो-तीन हफ्ते तक भारत नहीं लौटेगा। जाकिर को तय कार्यक्रम के अनुसार आज मुम्बई पहुंचना था लेकिन वह नहीं आया। जाकिर मुंबई स्थित इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरओ) का संस्थापक एवं अध्यक्ष है। आईआरओ की तरफ से सोमवार को कहा गया कि नाइक जांच में सहयोग के लिए तैयार है। इस बीच जाकिर नाइक की कल यानी मंगलवार को होनेवाली प्रेस कांफ्रेस रद्द कर दी गई है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक जाकिर इस समय सऊदी अरब में है और अफ्रीका के किसी देश में जाने की तैयारी में है। वहीं, मुंबई स्थित जाकिर के घर के पास सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। इन खबरों के सामने आने के बाद लोगों में उसके प्रति नाराजगी है कि बांग्लादेश की राजधानी ढाका में पिछले दिनों एक रेस्तरां में भयावह आतंकी हमले को अंजाम देने वाले कुछ उग्रवादी नाइक के कथित ‘भड़काउ’ भाषणों से प्रेरित थे। नाइक ने अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों को हालांकि खारिज कर दिया है। मुंबई पुलिस आज जाकिर नाइक के घर पर पहुंची। माना जा रहा है कि इस मामले में जाकिर नाइक से मुंबई पुलिस पूछताछ भी कर सकती है। सुरक्षा एजेंसियां भी इस मामले की जांच कर रही है। इस बीच शिवसेना ने विवादित इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक को सऊदी अरब से भारत लौटते ही गिरफ्तार किया करने की मांग की है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में एक संपादकीय में कहा है ‘जिस तरह पाकिस्तान में रह रहे अजहर मसूद जैसे उन्मादी खुलेआम जहर उगलते है, उसी तरह जाकिर नाइक जैसे लोग शांति के नाम पर अपने सामाजिक कार्य की आड़ में अपने इरादों को अंजाम देते हैं।

नई दिल्ली /इस्लामाबाद: ऐसे समय जब भारत, आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद कश्‍मीर घाटी में अमन कायम करने के जीतोड़ प्रयास कर रहा है, पाकिस्‍तान की ओर से मामले में ऐसा बयान आया है जो यहां तनाव को और बढ़ा सकता है। गौरतलब है कि एक एककाउंटर में बुरहान वानी के मारे जाने के बाद कश्‍मीर में भड़की हिंसा में अब तक 23 लोगों की मौत हुई है, जबकि करीब 300 घायल हुए हैं। पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री ने अपने बयान में भारतीय सेना और अर्धसैनिक बलों के हाथों बुरहान और अन्‍य नागरिकों की मौत पर गहरा दुख जताया है। नवाज शरीफ के ऑफिस की ओर से जारी एक बयान में यह जानकारी दी गई है। इस बयान पर भारत की ओर से भी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की गई है। भारत ने पाकिस्तान को चेताते हुए कहा है कि वह हमारे आंतरिक मामलों में दखल न दे। भारतीय विदेश मंत्रालय ने साफ तौर पर कहा है कि कश्मीर हिंसा पर पाकिस्तान के बयानों से आतंकवाद को शह देने की पुष्टि होती है। गौरतलब है कि आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के टॉप कमांडर 22 वर्षीय वानी को सुरक्षा बलों ने शुक्रवार रात को कश्‍मीर में मार गिराया था। इस घटना के बाद से राज्य में आगजनी और हिंसा जारी है और नागरिकों की ओर से सुरक्षा बलों पर हमले किए जा रहे हैं। पाकिस्‍तान के कब्जे वाले कश्‍मीर (पीओके) में जमात प्रमुख हाफिज सईद ने एक रैली की जिसमें सार्वजनिक रूप से 'और अधिक बुरहान वानी लाने' की चेतावनी दी गई।

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