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नई दिल्ली: कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर में भड़की बड़े पैमाने पर हिंसा को लेकर आज भाजपा पर निशाना साधा और कहा कि यह घाटी में आरएसएस का एजेंडा ‘थोपे जाने’ के खिलाफ ‘प्रतिक्रिया’ है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘यह आरएसएस के उस एजेंडे के खिलाफ बड़ी प्रतिक्रिया है जिसे थोपा जा रहा है। भाजपा को यह स्वीकार करना चाहिए कि उसने राज्य में सरकार बनाने के लिए क्षेत्रीय पार्टी पर यह कहकर दबाव बनाया था कि अगर उसने सरकार नहीं बनाई तो वह धन नहीं देगी। जम्मू-कश्मीर में जो हो रहा है, भाजपा को उसकी जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी।’ उन्होंने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर में जो हो रहा है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। भाजपा को इस सबके लिए जिम्मेदारी लेनी चाहिए। भाजपा अपनी जिम्मेदारी से नहीं भाग सकती क्योंकि वहां उसकी सरकार है।’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘पुलिस को जिस तरह से युवकों और बुजुर्गों पर ‘ढीला छोड़ दिया गया’ वह बहुत भयावह है। 15,000 से अधिक लोग घायल हुए हैं और 24 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है।’ आजाद ने कहा कि यह बात समझ में आती है कि सरकार कानून-व्यवस्था के हालात को नियंत्रण में रखने के लिए कुछ कदम उठाती है लेकिन तब ‘बहुत गंभीर मुद्दा’ हो जाता है जब पुलिस इतने लोगों को मारने लगे।

नई दिल्ली/अलीगढ़: विवादास्पद उपदेशक जाकिर नाइक द्वारा संचालित एनजीओ की विदेशी फंडिंग के मामले में की गई प्रारंभिक जांच से पता चला है कि अधिकांश राशि ब्रिटेन, सऊदी अरब और कुछ पश्चिम एशियाई देशों से आई। एनजीओ को 2012 से पहले पांच साल की अवधि में कथित तौर पर करीब 15 करोड़ रुपये मिले थे। इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) द्वारा धनराशि को राजनीतिक गतिविधियों और लोगों को कट्टरपंथी विचारों के प्रति प्रेरित करने के लिए इस्तेमाल किए जाने के आरोपों के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय की जांच जहां जारी है, वहीं कुछ मुस्लिम विद्वानों और धार्मिक विद्वानों ने आज सरकार से कहा कि वह नाइक के खिलाफ कोई कार्रवाई करने के संबंध में ‘एहतियात बरते।’ ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुसलिमीन (एआईएमआईएम) ने विवाद को नाइक का ‘मीडिया ट्रायल’ बताते हुए इसकी निन्दा की। नाइक के खिलाफ वर्तमान में कई जांच चल रही हैं जिनके भाषणों ने ढाका हमले में शामिल कुछ हमलावरों को कथित तौर पर प्रेरित किया। PM मोदी ने जाकिर नाइक पर साधा निशाना, कहा-नफरत की बात करने वाले समाज के लिए खतरा और पढ़ें PM मोदी ने जाकिर नाइक पर साधा निशाना, कहा-नफरत की बात करने वाले समाज के लिए खतरा गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नयी दिल्ली में कहा कि आईआरएफ के खिलाफ जांच जारी है जिसका पंजीकरण विदेशी अंशदान नियमन अधिनियम (एफसीआरए) के तहत हुआ था। यह पाया गया है कि इसका अधिकांश विदेशी धन ब्रिटेन, सऊदी अरब और पश्चिम एशिया के कुछ देशों से आया।

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी मंत्रिपरिषद में एक महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री नजमा हेपतुल्ला व भारी उद्योग राज्यमंत्री जी एम सिद्देश्वरा को हटा दिया है। अल्पसंख्यक मामलों के राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी अब पदोन्नत होकर इसी मंत्रालय में स्वतंत्र प्रभार वाले राज्यमंत्री होंगे। शहरी विकास व गरीबी उन्मूलन राज्यमंत्री बाबुल सुप्रियो का भी विभाग बदलते हुए उन्हें भारी उद्योग मंत्रालय में भेजा गया है। बीते मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी मंत्रिपरिषद का विस्तार व व्यापक फेरबदल किया था। मंत्रिपरिषद में 75 साल से कम उम्र के मंत्री ही रखने के फार्मूले के चलते नजमा हेपतुल्ला का हटना तय था। सूत्रों के अनुसार पांच जुलाई को विस्तार के समय नजमा विदेश में थी इसलिए उनके वापस आने के बाद ही इस्तीफा लिया गया है। हेपतुल्ला को तेलंगाना का राज्यपाल बनाए जाने की संभावना है। मोदी सरकार के एक और मंत्री कलराज मिश्रा भी 75 साल पार कर गए हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश के चुनावों को देखते हुए उनको मंत्री बनाए रखा गया है। जी एम सिद्देश्वरा का चूंकि पांच जुलाई को जन्मदिन था, इसलिए उन्होंने इस्तीफा देने के लिए कुछ समय मांगा था। बेहतर कामकाज ने होने के चलते जिन राज्यमंत्रियों को हटाया गया है उनमें सिद्देश्वरा भी शामिल थे। मोदी ने एक और बदलाव बाबुल सुप्रियो के मंत्रालय में किया है। सूत्रों के अनुसार सुप्रियो को लेकर उनके वरिष्ठ मंत्री वेंकैया नायडू नाराज थे।

नई दिल्ली: कोल घोटाले के आरोपियों से मिलने और जांच में दखल देने के मामले में सीबीआई के पूर्व डायरेक्टर रंजीत सिन्हा की मुश्किलें बढ़ती नज़र आ रही हैं। मंगलवार को सीबीआई के पूर्व स्पेशल डायरेक्टर एमएल शर्मा की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त किए गए पैनल ने कोर्ट को रिपोर्ट सौंपी, जो अटॉर्नी जनरल के मुताबिक, सिन्हा के खिलाफ है। सूत्रों के मुताबिक रिपोर्ट में कहा गया है कि रंजीत सिंन्हा इस मामले में शामिल हैं और शक की सुई उनकी तरफ है। प्रशांत भूषण ने सीबीआई के पूर्व डायरेक्टर रंजीत सिन्हा के घर की विजिटिंग डायरी दी है, वह जेनुअन है। काफी लोग सिन्हा से घर पर मिले और इनमें कई कोल घोटाले के आरोपी थे। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है कि इस रिपोर्ट के आधार पर क्या कारवाई की जाए। कोर्ट ने कहा है कि FIR दर्ज की जाए और मामले की जांच एसआईटी को सौंपी जाए।

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