ताज़ा खबरें
संसद में अडानी और संभल पर हंगामा,दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित

नई दिल्ली: नेशनल हेराल्ड केस में दिल्ली हाईकोर्ट ने पटियाला हाउस कोर्ट के फैसले को पलटते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी को बड़ी राहत दी है। गौरतलब है कि ट्रायल कोर्ट ने उनको कांग्रेस और एसोसिएट जर्नल लिमिटेड की इनकम टैक्स बैलेंस सीट और मंत्रालयों के कागजात सौंपने का आदेश दिया था। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि सीआरपीसी के सेक्शन 91 के तहत कोई भी ऑर्डर देने से पहले आरोपी पक्ष को सुना जाना जरूरी है, जो इस मामले मे नहीं किया गया। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में सुब्रमण्यम स्वामी ने गंभीर तरीके से आवेदन नहीं लगाया और उसी तरीके से उस पर कोर्ट (पटियाला कोर्ट) ने आदेश दे दिए। स्वामी न तो गवाहों की लिस्ट के साथ इन कागजातों को जोड़ पाए और न ही यह बता पाए कि ट्रायल में इन कागजातों की क्या अहमयित है। कोर्ट ने अपने आदेश मे कहा कि सुब्रमण्यम स्वामी मंगलवार के इस आदेश के खिलाफ़ अपील कर सकते हैं। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 11 मार्च को नेशनल हेराल्ड मामले में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की उस मांग को स्‍वीकार कर लिया था, जिसमें इंडियन नेशनल कांग्रेस (आईएनसी) और एसोसिएटिड जनरल प्रा.लि.(एजेएल) की वित्तीय जानकारी से जुड़े कुछ कागजात समन करने की मांग की गई थी। कोर्ट ने सभी संबंधित विभागों को आदेश जारी किया था कि वह संबंधित दस्‍तावेजों की प्रति सुब्रमण्‍यम स्‍वामी को दे। एमएम लवलीन की कोर्ट ने इस मामले में स्वामी की अर्जी पर दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुनाया था। जिरह के दौरान स्वामी ने कहा था कि उनकी अर्जी सही है क्योंकि यह कागजात मामले की सुनवाई के लिए जरूरी हैं।

अहमदाबाद: आम आदमी पार्टी में शामिल होने की तैयारी कर रहे बीजेपी के पूर्व विधायक यतीन ओझा ने दावा किया कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के बीच बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राज्य के मुस्लिम बहुल उत्तरी पट्टी में वोटरों का ध्रुवीकरण करने के लिए एक बैठक के दौरान 'समझौता' हुआ था। इस आरोप को लेकर आप और भाजपा के बीच आरोप प्रत्यारोप शुरू हो गया। भाजपा की गुजरात इकाई के मीडिया प्रभारी ने इस आरोप को 'मीडिया का ध्यान खींचने का एक प्रयास' करार देते हुए खारिज कर दिया। वहीं आप नेता एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, 'अगर यह सही है तो यह भाजपा... मोदी... शाह का असली चेहरा उजागर करता है। ओझा ने बीते चार जुलाई को केजरीवाल को भेजे एक पत्र में दावा किया था कि 15 सितंबर, 2015 को शाह के निवास पर तड़के हुई बैठक में वह खुद भी मौजूद थे। ओझा ने दावा किया कि बैठक में यह तय हुआ था कि 'ओवैसी जहरीला साम्प्रदायिक भाषण देंगे और यह भाषण अमित शाह लिखेंगे।' हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि बैठक शाह के गुजरात आवास पर हुई थी या दिल्ली में हुई थी।

नई दिल्ली: चार अफ्रीकी देशों की यात्रा पूरी कर मंगलवार सुबह स्वदेश लौटने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के हालत की समीक्षा की। उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता पीएम मोदी ने की और यह बैठक दो घंटे से ज्यादा चली । इस हाई लेवल मीटिंग में खुफिया विभाग और एनएसए प्रमुख भी शामिल हुए। बैठक के बाद कश्मीर को केंद्र सरकार की तरफ से हर संभव मदद देने की बात कही गयी है। प्रधानमंत्री मोदी ने कश्मीर में शांति बनाए रखने की लोगों से अपील की है। उन्होंने कहा कि कश्मीर में किसी निर्दोष को कोई नुकसान नहीं पहुंचे। बैठक में प्रधानमंत्री को घाटी के घटनाक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई, जहां शुक्रवार को वानी की मौत के बाद से हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। इस दौरान सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच संघर्ष में मरने वालों की तादाद 24 हो गई है। बैठक में गृह मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री अरूण जेटली, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल और विदेश सचिव एस जयशंकर सहित अन्य लोगों ने शिरकत की। इस बीच कश्मीर के बिगड़ते हालात की वजह से गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने अपना अमेरिकी दौरा रद्द कर दिया है। राजनाथ 17 जुलाई को अमेरिका में सुरक्षा को लेकर होने वाली बैठक में शामिल होने वाले थे। जम्मू कश्मीर के हालात पर कल रात एक महत्वपूर्ण बैठक में पर्रिकर, जेटली और डोवाल ने शिरकत की थी। डोवाल प्रधानमंत्री के साथ दक्षिण अफ्रीका की यात्रा पर गए थे, पर उनसे एक दिन पहले ही वापस लौट आए। मंत्रियों को केन्द्रीय सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुखों ने घाटी में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दी।

नई दिल्ली: कश्मीर में सोमवार को तनावपूर्ण शांति रहने के बीच गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में यहां हुई वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों तथा अधिकारियों की उच्चस्तरीय बैठक में सुरक्षाबलों से बल का विवेकपूर्ण तरीके से इस्तेमाल करने तथा अमरनाथ तीर्थयात्रियों का सुगम आवागमन सुनिश्चित करने को कहा गया। बैठक हिज्बुल मुजाहिदीन के शीर्ष आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद जम्मू कश्मीर में उत्पन्न तनावपूर्ण स्थिति पर चर्चा करने के लिए बुलाई गई थी जिसमें रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर, वित्त मंत्री अरुण जेटली, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल तथा अन्य शामिल हुए। इसमें राज्य में स्थिति का जायजा लिया गया। केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुखों ने मंत्रियों को घाटी में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी। सभी बलों से अमरनाथ तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और सीमा पार से घुसपैठ के ताजा प्रयासों को रोकने के लिए सीमा पर चौकसी बढ़ाने को कहा गया। सूत्रों ने बताया कि बलों से कहा गया कि वे प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बल का विवेकपूर्ण इस्तेमाल करें। पर्रिकर ने संवाददाताओं से कहा कि कश्मीर की समूची सुरक्षा स्थिति का आकलन गृह मंत्रालय को करना है और सेना किसी भी क्षेत्र में जरूरत के हिसाब से बल का स्तर बढ़ाने जैसी कोई भी मदद उपलब्ध कराने को तैयार है।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख