नई दिल्ली: हिजबुल कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में उत्पन्न हुए तनाव के बीच सुरक्षा की स्थिति का जायजा लेने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज (सोमवार) उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है। बैठक में आंतरिक सुरक्षा पर चर्चा होगी। इस बीच कश्मीर में हिंसक प्रदर्शन में मरनेवालों की संख्या बढ़कर 23 हो गई है। इस बीच घाटी में कर्फ्यू जैसी पाबंदी लागू है और मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित बनी हुई हैं। हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर बुहरान वानी की मौत के बाद फैली हिंसा के मद्देनजर आज तीसरे दिन अमरनाथ यात्रा भी निलंबित रही। कुछ फंसे हुए तीर्थयात्रियों को सुरक्षित निकाला गया। बहरहाल, कश्मीर में बेस कैम्प से यात्रा जारी रही। मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व में हुई जम्मू-कश्मीर कैबिनेट की बैठक में हालात और सुरक्षा बलों के साथ झड़प में लोगों के मारे जाने को लेकर दुख जताया गया। सरकार ने वादा किया कि अगर सुरक्षा बलों की ओर से अनुचित ढंग से बल प्रयोग किया गया है तो उसकी जांच हागी। सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे हिंसा भड़काने वालों के कुचक्र में नहीं फंसे। कैबिनेट ने हुर्रियत कांफ्रेंस सहित सभी अलगाववादियों और नेशनल कांफ्रेंस, कांग्रेस और माकपा जैसी मुख्यधारा की पार्टियों से अपील की है कि वे राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने में मदद करें। दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने घाटी में हालात की समीक्षा की और मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से बात कर उन्हें हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।
शांति बनाये रखने की अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि राज्य की जनता के सामने आ रहे मुद्दों का समाधान करने के लिए आंतरिक और बाहरी मोर्चे पर सुलह के प्रयास करते हुए लोगों से संपर्क साधे ताकि हिंसा रके जिसने मौत और तबाही का तांडव मचा रखा है। महबूबा ने शनिवार को जारी बयान में कहा, ‘कश्मीरियों का दर्द ऐसे स्तर पर पहुंच गया है जहां अगर राज्य और उसकी जनता से संबंधित मुद्दों पर ध्यान देने के लिए वास्तविक विश्वास बहाली के कदम उठाये जाते हैं तो शांति की उम्मीद को महत्वपूर्ण स्थानीय समर्थन मिलना तय है।’ महबूबा ने सुरक्षा बलों से भीड़ नियंत्रण के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं को अपनाने तथा बलों के अत्यधिक इस्तेमाल से बचने को कहा। शांति की अपील करते हुए महबूबा ने घाटी में स्थिति सामान्य करने के लिए जनता का सहयोग मांगा। उन्होंने कहा कि हिंसा लोगों के लिए मुसीबत लाती है और मृतकों के परिवारों के लिए दुख लाती है। कश्मीर में दूसरे दिन भी मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित रहीं वहीं दक्षिण कश्मीर के इलाकों में मोबाइल फोन से संचार भी अवरद्ध रहा। सैयद अली शाह गिलानी और मीरवाइज उमर फारक समेत अलगाववादी नेता अब भी नजरबंद है, वहीं मोहम्मद यासीन मलिक को एहतियातन हिरासत में रखा गया है।