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नई दिल्ली: फ्रांस के साथ प्रस्तावित राफेल लड़ाकू विमान के करार में भारत करीब 1,50,000 यूरो की अंतिम छूट हासिल करने की पुरजोर कोशिश कर रहा है। भारत पहले ही इन विमानों की कीमतों में करीब दो अरब यूरो की कमी लाने में सफल हो चुका है। बहरहाल, फ्रांसीसी पक्ष ने 36 लड़ाकू विमानों के लिए पिछले अप्रैल महीने करीब 7.89 अरब यूरो की पेशकश की थी और वह आज भी उस पर अड़ा हुआ है। शुरू में इन विमानों की कीमत करीब 10 अरब यूरो थी। लेकिन बाद में कई कारणों से इसमें कमी लाई गई जिसमें फ्रांसीसी सरकार की ओर से छूट की पेशकश और कुछ शर्तों को नए सिरे से तय करना शामिल था। भारतीय पक्ष अब वार्ता टीम की बजाय सीधा फ्रांसीसी दूतावास से बातचीत कर रही है, क्योंकि अब बातचीत का ज्यादा जोर कीमतों पर है। वार्ता टीम को पेरिस से आना पड़ता था। एक रक्षा सूत्र ने बताया, ‘फ्रांस के झुकने की एक सीमा है।’ सूत्र ने बताया कि करार पर दस्तखत होना अब तय है। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर साफ कर चुके हैं कि वह विमान के लिए बेहतरीन सौदा करने की खातिर मोलभाव करेंगे। रक्षा मंत्रालय से फाइल वित्त मंत्रालय जाएगी और तब कैबिनेट की सुरक्षा मामलों की समिति के पास जाएगी और फिर इस करार पर दस्तखत होंगे। इस करार में देरी होने की आशंका नहीं है क्योंकि सरकार भारतीय वायुसेना के लिए राफेल की खरीद के लिए उत्सुक है।

नई दिल्ली: अंतर राज्यीय परिषद की बैठक आज दिल्ली में हुई। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि राज्यों एवं केंद्र के निकट समन्वय के साथ काम करने से ही विकास हो सकता है। इस बैठक में आंतरिक सुरक्षा, आर्थिक और सामाजिक योजना और अंतरराज्यीय संबंधों समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई। 10 साल के अंतराल के बाद आयोजित अंतर-राज्यीय परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्रियों से कहा कि राष्ट्र तभी प्रगति कर सकता है जब केंद्र और राज्य सरकारें कंधे से कंधा मिलाकर चलें। उन्होंने कहा, ‘किसी भी सरकार के लिए किसी योजना को खुद से क्रियान्वित करना मुश्किल होगा। इसलिए पर्याप्त वित्तीय संसाधनों का प्रावधान उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि क्रियान्वयन की जिम्मेदारी।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे कुछ ही अवसर होते हैं जब केंद्र और राज्यों के नेतृत्व एकत्र होते हैं। पीएम मोदी ने कहा, ‘सहयोगात्मक संघवाद का यह फोरम लोगों के हितों, उनकी समस्याओं के समाधान और सामूहिक तथा ठोस फैसले लेने के बारे में विचारविमर्श का बेहतरीन मंच है। यह हमारे संविधान निर्माताओं की दूरदृष्टि को दिखाता है।’ मोदी ने कहा कि अंतरराज्यीय परिषद एक अंतर सरकारी फोरम है जिसे नीति तैयार करने और इसका क्रियान्वयन सुनिश्चत करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘जितना हम इन विषयों पर सर्वसम्मति बनाने में सफल होंगे, उतना ही मुश्किलों को पार करना आसान होगा। इस प्रक्रिया में हम न सिर्फ सहयोगात्मक संघवाद की भावना को मजबूत करेंगे, बल्कि केंद्र और राज्यों के संबंधों को भी मजबूत करेंगे तथा अपने नागरिकों का बेहतर भविष्य भी सुनिश्चित करेंगे।’

नई दिल्ली: राष्ट्रीय महिला आयोग ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को सुझाव दिया है कि वह कानून के तहत वैवाहिक बलात्कार को मान्यता दे और लैंगिक समानता के सिद्धांत पर ‘तीन तलाक’ के मुद्दे को सुलझाया जाए। आयोग ने राष्ट्रीय महिला नीति के मसौदे को लेकर अपनी सिफारिशों के तहत इस हफ्ते की शुरूआत में मंत्रालय को सुझाव भेजे हैं। मंत्रालय को भेजी गई आयोग की सिफारिश में कहा गया है, ‘वैवाहिक बलात्कार को कानून के तहत मान्यता देनी चाहिए। महिलाओं को जरूरी सहायता देकर वैवाहिक बलात्कार की पीड़ितों के मुद्दों को सुलझाने की जरूरत है।’ ‘तीन तलाक’ के विवादित मुद्दे पर आयोग ने लैंगिक समानता के सिद्धांत के आधार पर ‘पर्सनल लॉ’ में सुधार की जरूरत बताई। इस मुद्दे पर मौजूदा मसौदा नीति में कहा गया, ‘पर्सनल लॉ की बहुलता को देखते हुए इसकी समीक्षा की जरूरत है।’ आयोग ने अपनी सिफारिशों में ‘पर्सनल लॉ’ में बहुलता स्वीकार की है, लेकिन कहा है, ‘बुनियादी मसला बहुलता नहीं है, बल्कि यह तथ्य है कि सभी पर्सनल लॉ किसी न किसी तरीके से लैंगिक असमानता को बढ़ावा देते हैं।’ सिफारिशों के मुताबिक, ‘एकरूपता इस समस्या का समाधान नहीं हो सकती। अलग-अलग तरीके के ‘पर्सनल लॉ’ के दायरो में लैंगिक समानता के आधार पर सुधारों को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन ज्यादा स्वीकार्य समाधान हो सकता है।’

नई दिल्ली: भारत ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर में स्थिति पर पाकिस्तान कैबिनेट द्वारा स्वीकार किए गए फैसलों को पूरी तरह और निर्विवाद रूप से खारिज किया। भारत ने कहा कि प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों से संबंधित आतंकवादियों का लगातार गुणगान करने से यह पूरी तरह स्पष्ट हो जाता है कि पाकिस्तान की सहानुभूति कहां है। भारत ने पाकिस्तान से कहा कि वह उसके अंदरूनी मामलों में दखल देने और आतंकवादियों तथा अन्य विध्वंसक गतिविधियों का समर्थन कर दक्षिण एशिया में अस्थिरता पैदा करने से बाज आए। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत अपने आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने के पाकिस्तान के लगातार प्रयासों से निराश है जहां पाकिस्तान या किसी अन्य बाहरी पक्ष को दखल देने का कोई अधिकार नहीं है। कश्मीर के हालात को और बिगाड़ने की कोशिश करते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा कि कश्मीर में नागरिकों की मौत के खिलाफ उनका देश 19 जुलाई को 'काला दिवस' मनाएगा। न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान कैबिनेट की हुई विशेष बैठक में कश्मीरी लोगों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए 19 जुलाई को 'काला दिवस' के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया। रेडियो पाकिस्तान के मुताबिक आज की बैठक में नवाज ने मारे गए हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी को 'शहीद' बताया।

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