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नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सैफुद्दीन सोज ने शनिवार को देश के सभी राजनीतिक दलों से कहा कि पी. चिदंबरम के सुझावों पर गौर करें जिन्होंने जम्मू-कश्मीर के लिए वृहद् स्वायत्ता का पक्ष लिया था। वर्ष 2014 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर इकाई का नेतृत्व करने वाले सोज ने शनिवार को चिदंबरम से मुलाकात की और कश्मीर की स्थिति को ठीक तरीके से पेश करने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा था, ‘मेरा मानना है कि उनका तरीका गलत है। हमने बड़े समझौते की उपेक्षा की है जिसके तहत कश्मीर का भारत में विलय हुआ था। मेरा मानना है कि हमने विश्वास तोड़ा, हमने वादे तोड़े और इसका परिणाम यह हुआ कि हमें भारी कीमत चुकानी पड़ी है।’ सोज ने कहा कि कश्मीर मुद्दे पर यह सबसे सही रूख है। उन्होंने कहा, ‘यह राजनीतिक समस्या है और इसका राजनीतिक समाधान करना जरूरी है। सेना के माध्यम से कुछ नहीं किया जा सकता।’ उन्होंने भाजपा और पीडीपी को सलाह दी कि चिदंबरम के सुझावों पर गौर करें।

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री के गृह राज्य गुजरात में उच्च जाति के हिंदू गौरक्षकों द्वारा दलित युवकों की बेरहमी से पिटाई के मुद्दे पर संसद से लेकर सड़क तक हंगामा और कई जगह हिंसक प्रदर्शन जारी है। लेकिन एक वेबसाइट 'इंडिया स्पेंड' की एक रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि विगत दस वर्षो में दलितों और आदिवासियों के खिलाफ आपराधिक मामलों में सजा की दर गुजरात में राष्ट्रीय औसत से छह गुना कम है। हाल के उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, साल 2014 में गुजरात में दलितों के खिलाफ हुए अपराधों में सिर्फ 3.4 प्रतिशत मामले में ही सजा मिली थी, जबकि इस तरह के मामलों में सजा की राष्ट्रीय दर 28.8 प्रतिशत थी। इसी तरह आदिवासियों के खिलाफ हुए अपराधों में सजा की राष्ट्रीय औसत दर 37.9 प्रतिशत थी, जबकि गुजरात में यह दर सिर्फ 1.8 प्रतिशत थी। विगत 11 जुलाई को अशांति तब शुरू हुई, जब एक मृत गाय की खाल उतारने को अपराध मानकर गौरक्षकों ने चार दलित युवकों को कार से बांध दिया और कपड़े उतारकर उनकी पीठ की चमड़ी उधेड़ दी। बाद में उच्च जाति के गौरक्षकों ने दलितों और मुस्लिमों को चेतावनी देने के लिए पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। इसके अलावा अब विगत मई महीने में हुए एक और हमले का वीडियो भी वायरल हुआ है। गुजरात सरकार ने संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन प्रतीत होता है कि गौरक्षकों के दुस्साहस की जड़ गुजरात की आपराधिक प्रणाली में है जो निचली हिंदू जातियों और आदिवासियों के खिलाफ अपराधों पर ध्यान देने में विफल रही है। ऐसी ही विफलता महाराष्ट्र और कर्नाटक में भी देखने को मिली है।

नई दिल्ली: दिल्ली राज्य चुनाव आयोग ने कोर्ट से कहा कि चांदनी चौक से वर्ष 2004 का लोकसभा चुनाव लड़ने वाले केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल समेत सभी उम्मीदवारों द्वारा दाखिल किए गए मूल हलफनामों और कुछ अन्य दस्तावेजों का पता नहीं चल रहा है। हालांकि चुनाव पैनल ने कहा कि यह सूचना उसकी वेबसाइट पर उपलब्ध है। एक अधिकारी ने अदालत के इस आदेश के बाद आयोग का पक्ष रखा कि ईरानी की शैक्षणिक योग्यता से जुड़े रिकॉर्ड पेश किए जाएं। ईरानी के खिलाफ चुनाव पैनल के सामने पेश हलफनामों में कथित रूप से गलत सूचना देने को शिकायत दर्ज करायी गई थी। आयोग के अधिकारी ने मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट हरविंदर सिंह से कहा, 'वर्ष 2004 में चांदनी चौक से लोकसभा चुनाव लड़ने वाले सभी उम्मीदवारों के मूल चुनावी फॉर्मों और हलफनामों का यथासंभव कोशिश के बाद भी पता नहीं चल रहा है। लेकिन उनकी छायाप्रतियां आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।' अधिकारी ने 2004 के चुनाव के सिलसिले में ईरानी द्वारा दी गई सूचना के सिलसिले में एक हलफनामा भी दाखिल किया। इसी बीच अदालत ने शिकायतकर्ता पत्रकार अहमेर खान का बयान दर्ज किया और मामले की अगली सुनवाई की तारीख 27 अगस्त तय की। अदालत ने शिकायतकर्ता का यह अनुरोध पिछले साल 20 नवंबर को मान लिया था कि चुनाव आयोग और दिल्ली विश्वविद्यालय के अधिकारियों को ईरानी की शिक्षा से संबंधित रिकॉर्ड सामने लाने का निर्देश दिया जाए, क्योंकि वह उन्हें अदालत के सामने पेश करने में असमर्थ हैं।

नई दिल्ली: कांग्रेस ने कश्मीर में स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए उम्मीद जताई कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह घाटी के अपने दौरे के दौरान विश्वास बहाली उपाय के साथ ही यह भी घोषणा करेंगे कि प्रदर्शनकारियों पर अब 'पैलेट गन' का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा और आरोप लगाया कि उन्हें और उनकी सरकार को कश्मीर के लोगों की चिंता नहीं है, क्योंकि जब मुद्दे पर चर्चा हो रही थी वह न तो लोकसभा और न ही राज्यसभा में ही मौजूद थे। आजाद ने कहा, 'अब 16 दिन बाद गृह मंत्री कश्मीर गए हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि वह कश्मीर के लोगों के सामने घोषणा करेंगे कि अब से कश्मीर में पैलेट गन का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।' उन्होंने कहा, 'मैं यह भी उम्मीद करता हूं कि गृह मंत्री विश्वास बहाली उपाय शुरू करेंगे, ताकि कश्मीर के लोग एक बार फिर केंद्र और राज्य सरकारों में विश्वास जताएं।' आजाद ने कहा कि कश्मीर में स्थिति 'गंभीर चिंता' का विषय थी जो हिजबुल मुजाहिदीन आतंकवादी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद हुई हिंसा से प्रभावित थी। उन्होंने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, 'कश्मीर मुद्दे पर राज्यसभा और लोकसभा में चर्चा हुई, लेकिन उन्होंने उनमें से किसी में भी हिस्सा नहीं लिया जो यह दिखाता है कि कश्मीर के लोगों की सरकार और प्रधानमंत्री को कितनी चिंता है।'

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