नई दिल्ली: पहलवान नरसिंह यादव को रियो ओलंपिक में जाने से रोकने के लिए बड़ा षड्यंत्र रचा गया था। सूत्रों के मुताबिक ,नरसिंह ने मंगलवार को उस संदिग्ध व्यक्ति की पहचान कर ली, जिसने उन्हें खाने में प्रतिबंधित दवा मिलाकर दी थी। उसके खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराया जाएगा। नरसिंह बुधवार को होने वाली नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) की सुनवाई में अपना पक्ष रखेंगे। भारतीय कुश्ती महासंघ और नरसिंह के वकील नाडा के सामने कई सबूत पेश करेंगे। इसमें सीसीटीवी की वो फुटेज भी है, जिसमें पिछले दिनों एक अज्ञात शख्स खाने में कुछ मिलाने की कोशिश करता नजर आ रहा था। राहत के लिए नाडा के सामने नरसिंह को यह साबित करना होगा कि उनके फंसने से सीधा प्रतिद्वंद्वी को फायदा पहुंच रहा था। माना जा रहा है कि नरसिंह इसमें अपने प्रतिद्वंद्वी पहलवान और उनके रिश्तेदार का सीधा नाम ले सकते हैं। वाडा का नियम 10.4 कहता है कि यदि साजिश के तहत किसी को फंसाया गया है, तभी उसे निलंबन से छूट दी जाएगी। यदि नरसिंह पूरी तरह अपना पक्ष साबित नहीं कर सके तो उन्हें कम से कम एक साल का निलंबन झेलना होगा। सूत्रों ने बताया कि नरसिंह को 5 जून को खाने में मिलाकर प्रतिबंधित दवा दी गई।
यह साजिश सोनीपत स्थित भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के हॉस्टल में रची गई। सूत्रों का कहना है कि हॉस्टल के दो रसोइयों ने बताया कि उन्होंने एक संदिग्ध आदमी को खाने में कुछ मिलाते हुए देखा था। उन्होंने कहा कि वे उस व्यक्ति को पहचान सकते हैं। दोनों रसोइयों का कहना है कि संदिग्ध ने प्याज और टमाटर की सलाद पर कुछ पाउडर जैसा छिड़का था। देखने में वह बेकिंग सोडा जैसा लग रहा था। सूत्रों के अनुसार नरसिंह के स्थान पर प्रवीण राणा को 74 किलो वर्ग में रियो भेजा जा सकता है। हालांकि, कुश्ती संघ और भारतीय ओलंपिक संघ ने इसकी पुष्टि नहीं की है। नरसिंह के एक साथी ने बताया कि जिस दिन नरसिंह के डोप टेस्ट में नाकाम होने की खबर आई थी, वह बुरी तरह टूट गया था और बदनामी से बचने के लिए आत्महत्या करना चाहता था। "कुश्ती के लिए बहुत दुखी हूं। मुझे पूरा यकीन है कि नरसिंह ऐसा नहीं कर सकता। कुश्ती महासंघ भी मान रहा है कि उसके खिलाफ साजिश हुई है।" -योगेश्वर दत्त, पहलवान "बिना सबूत के मुझपर और मेरे शिष्य पर उंगली उठाना सही नहीं है। अगर सबूत है तो दिखाएं। हम किसी भी जांच को तैयार हैं।" -सतपाल सिंह, कुश्ती कोच