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नई दिल्ली: दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की आज पहली बरसी है। इस मौके पर उनके राष्ट्रीय स्मारक का शिलान्यास आज तमिलनाडु के रामेश्वरम में किया गया। रक्षा मंत्रालय ने कलाम के राष्ट्रीय स्मारक के लिए शिलान्यास, उनकी आदमकद प्रतिमा के अनावरण और स्मारक का एक त्रिआयामी मॉडल जारी करने समेत अनेक कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई थी। राष्ट्र निर्माण की दिशा में कलाम के जीवन और उपलब्धियों को चित्रित करती ‘मिशन ऑफ लाइफ’ नाम की एक प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया जाएगा। शहरी विकास और सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम. वेंकैया नायडू और रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर प्रतिमा तथा स्मारक मॉडल का अनावरण किया। 27 जुलाई 2015 को भारतमाता ने अपने सबसे पसंदीदा राष्ट्रपति अब्दुल कलाम को खोया। मिसाइल मैन एपीजे अब्दुल कलाम को उस समय हार्ट अटैक आया जब वह शिलांग स्थित भारतीय प्रबंधन संस्थान में छात्रों को संबोधित कर रहे थे। पूर्व राष्ट्रपति ए. पी. जे. अब्दुल कलाम भले ही रॉकेट वैज्ञानिक थे, लेकिन जमीन से जुड़े हुए थे। राष्ट्रपति के रूप में भारत के सबसे शीर्ष पद पर रहते हुए भी एपीजे अब्दुल कलाम ने समाज के हर तबके के साथ सहानुभूति दिखाई और कभी भी आडंबर का प्रदर्शन नहीं किया।

कलाम साहब का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। कलाम के पिता के पास उन्हें पढ़ाने के लिए पैसे नहीं थे, इसलिए उन्हें पढ़ाई करने के लिए अखबार बेचने का काम करना पड़ा। साल 1997 में भारत सरकार ने कलाम साहब को देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से नवाज़ा। वह 1992 से 1999 तक रक्षा सलाहकार भी थे। साल 1998 में पोखरण में हुए परमाणु टेस्ट में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी।

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