नई दिल्ली: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज भारत के 70वें स्वतंत्रता दिवस पर ‘ऐट होम’ का आयोजन किया जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर ने गर्मजोशी भरे माहौल में हंसी-मजाक किया। इससे कुछ घंटे पहले ही ठाकुर ने प्रधानमंत्री के लाल किले से संबोधन में न्यायपालिका द्वारा सामना की जा रही समस्याओं का जिक्र नहीं किये जाने पर असंतोष जाहिर किया था। समारोह में उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, उनकी पत्नी सलमा, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनकी पत्नी, भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा की पत्नी विमला शर्मा, केंद्रीय मंत्री, तीनों सेनाओं के प्रमुख और राजनयिक कोर के सदस्यों सहित विभिन्न शख्सियतें मौजूद थीं। वायु सेना के 97 वर्षीय मार्शल अर्जन सिंह भी मौजूद थे। राष्ट्रगान बजाए जाने के बाद राष्ट्रपति मुखर्जी राष्ट्रपति भवन में नवनिर्मित समारोह हॉल में बनाए गए मंच पर अपनी सीट संभालने के पहले अतिथियों से मिलने गए। राष्ट्रपति का कार्यकाल अगले साल जुलाई में खत्म हो रहा है। आम तौर पर मुगल गार्डेन के इर्द गिर्द होने वाला ‘ऐट होम’ का आयोजन स्थल भारी बारिश के कारण पिछले साल के कार्यक्रम में हुई आपाधापी को देखते हुए सेरेमोनियल हॉल में स्थानांतरित किया गया। प्रधानमंत्री मोदी हॉल के पास अतिथियों से हाथ मिलाते, शुभकामनाएं देते नजर आए। स्वतंत्रता दिवस के अपने संबोधन के लिए उन्हें तारीफ भी मिली।
अतिथि जब जलपान और चाय का आनंद ले रहे थे, मोदी और प्रधान न्यायाधीश ठाकुर लंबे वक्त तक बातचीत करते ओर हंसी मजाक करते नजर आए। आधिकारिक तौर पर समारोह की समाप्ति के बाद भी गर्मजोशी बरकरार रही। मोदी व्हीलचेयर पर आए मार्शल अर्जन सिंह से भी मिले। न्यायपालिका और सरकार के बीच पिछले कुछ समय से, और अब खास कर उच्च न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति में देरी पर टकराव चल रहा है। इसकी एक बानगी तब देखने को मिली जब प्रधान न्यायाधीश ने दिन में एक कार्यक्रम में कहा, ‘मैंने लोकप्रिय प्रधानमंत्री को डेढ़ घंटे तक सुना..मुझे अपेक्षा थी कि वह न्याय क्षेत्र और न्यायाधीशों की नियुक्ति के बारे में भी कुछ उल्लेख करेंगे।’’ अपनी नाखुशी जाहिर करते हुए न्यायमूर्ति ठाकुर ने कहा, ‘मैं सिर्फ एक ही बात प्रधानमंत्री से कहना चाहता हूं। आप गरीबी हटाएं, रोजगार का सृजन करें, योजनाएं लाएं लेकिन देशवासियों के लिए न्याय के बारे में भी सोचें।’ इस कार्यक्रम में विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद भी मौजूद थे।