ताज़ा खबरें
संसद में अडानी और संभल पर हंगामा,दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित
किसान आंदोलन: एसकेएम नेता डल्लेवाल को पुलिस ने हिरासत मे लिया
कन्नौज में एक्सप्रेस-वे पर दुर्घटना, सैफई में तैनात पांच डॉक्टरों की मौत
दिल्ली-यूपी में बढ़ी ठंड, हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी; तमिलनाडु में तूफान

पेरिस: पुर्तगाल ने यूरो 2016 का फाइनल मैच आज जीत लिया। उसने फ्रांस को 1-0 से हराकर यूरोपियन फुटबाल चैंपियनशिप पर कब्जा कर लिया। काफी कशमकश भरे इस फाइनल मैच में अंतिम समय तक कोई भी टीम गोल नहीं कर सकी। अतिरिक्त समय में पुर्तगाल ने फ्रांस पर गोल दागकर यह खिताब जीत लिया। पुर्तगाल ने पहली बार यूरोपियन चैंपियशिप जीती है। इस तरह पुर्तगाल ने पहली बार एक महत्वपूर्ण फुटबाल टाइटल जीता। मैच के दौरान पुर्तगाल टीम के कप्तान और शानदार खिलाड़ी रोनाल्डो क्रिस्टियानो चोट लगने के कारण फर्स्ट हाफ में मैच से बाहर हो गए। दूसरे हाफ में भी निर्धारित समय में कोई गोल नहीं हो सका। फैसला न होने पर अतिरिक्त समय दिया गया। मैच के 109 वें मिनट में पुर्तगाल के एदर ने शानदार गोल करके जीत अपने हिस्से में कर ली।

लंदन: दुनिया के नंबर दो और ब्रिटेन के नंबर एक टेनिस खिलाड़ी एंडी मरे ने रविवार को वर्ष के तीसरे ग्रैंड स्लेम विंबलडन के हाई वोल्टेज फाइनल मुकाबले में कनाडा के मिलोस राओनिक को हराकर दूसरी बार इस टूर्नामेंट का चैंपियन बनने का गौरव हासिल कर लिया। दो घंटे और 48 मिनट तक चले इस बेहद रोमांचक मुकाबले में दूसरी वरीयता प्राप्त मरे ने छठी सीड राओनिक की चुनौती को लगातार सेटों में 6-4, 7-6, 7-6 से ध्वस्त कर खिताब अपने नाम किया। मारक सर्विस करने के लिये मशहूर कनाडा के तूफानी खिलाड़ी राओनिक अपने नाम इतिहास दर्ज करने से सिर्फ एक कदम दूर रह गए। मरे के सामने कनाडाई खिलाड़ी जीत के लिए जोर लगाते रहे लेकिन ब्रिटिश खिलाड़ी ने अपने अनुभव और कौशल से दूसरी बार जीत का सेहरा अपने सिर सजा लिया। इससे पहले उन्होंने 2013 में यहां चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया था। 29 वर्षीय मरे ने पहला सेट 6-4 से जीता। इसके बाद उन्हें अगले दोनों सेट जीतने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी। राओनिक ने मरे को कड़ी चुनौती दी और मरे ने अगले दोनों सेट टाइब्रेक में जीते।

लंदन: सेरेना विलियम्स ने विंबलडन खिताब जीतकर अपने खाते में 22 ग्रैंड स्लैम सिंग्लस ख़िताब जमा कर लिए। इसी के साथ सेरेना ने जर्मनी की स्टेफ़ी ग्राफ़ के 22 ग्रैंड स्लैम जीतने के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली। विंबलडन के महिला फ़ाइनल मुक़ाबले में सेरेना विलियम्स और जर्मनी की एंजेलिक कर्बर के बीच टक्कर शुरुआत से ही रोमांचक रही। पहले ही सेट में दोनों 1-1 गेम जीतकर एक-दूसरे को बढ़त लेने से रोकती रहीं। पहला सेट टाई-ब्रेकर में गया। यहां सेरेना से कर्बर की तेज़ी पर लगाम लगाते हुए 48 मिनट में 7-5 से सेट जीत लिया। दूसरे सेट में कर्बर ने ज़ोरदार वापसी करते हुए सेरेना को बैकफ़ुट पर ढकेल दिया। कर्बर ने 2-1 की बढ़त बनाने के क्रम में कुछ शानदार शॉट्स लगाए, लेकिन इसके बाद सेरेना ने कर्बर को इतिहास में नाम शामिल करने का मौक़ा नहीं दिया। सेरेना ने 33 मिनट में 6-3 से दूसरा सेट जीता और सातवीं बार विंबलडन का ख़िताब अपने नाम किया। इसी के साथ सेरेना ने जर्मनी की स्टेफ़ी ग्राफ़ के 22 ग्रैंड स्लैम जीतने के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली। जीत के बाद सेरेना ने कहा, 'मुझे कर्बर के ख़िलाफ़ खेलने में मज़ा आया। कर्बर एक शानदार खिलाड़ी हैं। कोर्ट के बाहर जब हम साथ होते हैं तो वो एक अच्छी इंसान हैं, जो हमेशा हसंती रहती हैं। एक अच्छा इंसान होने के लिए थैक्यू'। वहीं ग्राफ़ के रिकॉर्ड की बराबरी करने पर सेरेना ने कहा, '22वें ग्रैंड स्लैम के लिए नहीं सोचना मुश्किल था।

लंदन: मिलोस राओनिच विंबलडन सेमीफाइनल में शुक्रवार यहां सात बार के चैम्पियन रोजर फेडरर को पांच सेट में हराकर ग्रैंडस्लैम पुरुष एकल फाइनल में जगह बनाने वाले कनाडा के पहले खिलाड़ी बने। छठे वरीय राओनिच ने मैराथन मुकाबले में तीसरे वरीय फेडरर को 6-3, 6-7, 4-6, 7-5, 6-3 से हराया। राओनिच फाइनल में 2013 के चैम्पियन और दूसरे वरीय ब्रिटेन के एंडी मरे और 10वें वरीय चेक गणराज्य के टॉमस बर्डीच के बीच होने वाले दूसरे सेमीफाइनल के विजेता से भिड़ेंगे। 25 साल के राओनिच की यह ग्रास कोर्ट पर शीर्ष 10 में शामिल प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ पहली जीत है और इसके साथ ही फेडरर की रिकॉर्ड आठवां विंबलडन और कुल 18वां ग्रैंडस्लैम खिताब जीतने की उम्मीद भी टूट गई। रोओनिच ने इसके साथ ही 2014 विंबलडन सेमीफाइनल में फेडरर के हाथों मिली हार का बदला भी चुकता कर दिया। चौथे सेट में जूझते हुए लग रहे राओनिच ने मैच के बाद कहा, ‘‘मुझे मौका मिला और मैंने इसका पूरा फायदा उठाया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कनाडा के लिए इसका बड़ा असर होगा। उम्मीद करता हूं कि अगर मैं रविवार को जीता तो असर और बड़ा होगा।’’ फेडरर की शुरुआत अच्छी नहीं रही और उन्होंने पहला सेट आसानी से गंवा दिया लेकिन इसके बाद स्विट्जरलैंड का यह खिलाड़ी हावी रहा। चौथे सेट में हालांकि मजबूत स्थिति में दिख रहे फेडरर ने बड़ी गलती की और फिर इससे नहीं उबर पाए।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख