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लंदन: मिलोस राओनिच विंबलडन सेमीफाइनल में शुक्रवार यहां सात बार के चैम्पियन रोजर फेडरर को पांच सेट में हराकर ग्रैंडस्लैम पुरुष एकल फाइनल में जगह बनाने वाले कनाडा के पहले खिलाड़ी बने। छठे वरीय राओनिच ने मैराथन मुकाबले में तीसरे वरीय फेडरर को 6-3, 6-7, 4-6, 7-5, 6-3 से हराया। राओनिच फाइनल में 2013 के चैम्पियन और दूसरे वरीय ब्रिटेन के एंडी मरे और 10वें वरीय चेक गणराज्य के टॉमस बर्डीच के बीच होने वाले दूसरे सेमीफाइनल के विजेता से भिड़ेंगे। 25 साल के राओनिच की यह ग्रास कोर्ट पर शीर्ष 10 में शामिल प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ पहली जीत है और इसके साथ ही फेडरर की रिकॉर्ड आठवां विंबलडन और कुल 18वां ग्रैंडस्लैम खिताब जीतने की उम्मीद भी टूट गई। रोओनिच ने इसके साथ ही 2014 विंबलडन सेमीफाइनल में फेडरर के हाथों मिली हार का बदला भी चुकता कर दिया। चौथे सेट में जूझते हुए लग रहे राओनिच ने मैच के बाद कहा, ‘‘मुझे मौका मिला और मैंने इसका पूरा फायदा उठाया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कनाडा के लिए इसका बड़ा असर होगा। उम्मीद करता हूं कि अगर मैं रविवार को जीता तो असर और बड़ा होगा।’’ फेडरर की शुरुआत अच्छी नहीं रही और उन्होंने पहला सेट आसानी से गंवा दिया लेकिन इसके बाद स्विट्जरलैंड का यह खिलाड़ी हावी रहा। चौथे सेट में हालांकि मजबूत स्थिति में दिख रहे फेडरर ने बड़ी गलती की और फिर इससे नहीं उबर पाए।

विंबलडन में पिछले 42 साल में फाइनल में जगह बनाने वाला सबसे उम्रदराज खिलाड़ी बनने की चुनौती पेश कर रहे फेडरर ने सेट में तीन ब्रेक प्वाइंट गंवाए और फिर 12वें गेम में अपनी सर्विस पर 40-0 से आगे होने के बावजूद उन्होंने सर्विस गंवा दी। इससे पहले फेडरर को मारिन सिलिच के खिलाफ क्वार्टर फाइनल के दौरान भी पांच सेट तक जूझना पड़ा था और उन्होंने तीन मैच प्वाइंट भी बचाए थे। अपना पिछला ग्रैंडस्लैम 2012 में विंबलडन के रूप में जीतने वाले फेडरर को पांचवें और निर्णायक सेट के दौरान चोट का उपचार भी कराना पड़ा जब वह कोर्ट पर गिर गए और उनकी दायीं जांघ और बायें घुटने पर चोट लगी। फेडरर से नौ साल छोटे राओनिच ने पांचवें सेट की शुरुआत में ही फेडरर की सर्विस तोड़कर 3-1 की बढ़त बनाई जबकि स्विट्जरलैंड के खिलाड़ी को छठे गेम में भी दो ब्रेक प्वाइंट बचाने पड़े। कनाडा के खिलाड़ी ने हालांकि धर्य बरकरार रखा और उस समय मैच जीत लिया जब फेडरर ने फोरहैंड कोर्ट से बाहर मार दिया। फेडरर को इस तरह विंबलडन सेमीफाइनल में पहली बार हार का सामना करना पड़ा। राओनिच ने मैच के दौरान 23 ऐस और 75 विनर लगाए जबकि फेडरर नौ ब्रेक प्वाइंट में से सिर्फ एक का ही फायदा उठा पाए जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा। राओनिच ने मैच की शानदार शुरुआत की और पहले सेट का एकमात्र ब्रेक प्वाइंट जीतकर 3-1 की बढ़त बनाई। उन्होंने पांचवें गेम में 231.7 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से टूर्नामेंट की सबसे तेज सर्विस भी की। उन्होंने पहला सेट आसानी से जीता। फेडरर ने दूसरे सेट में 10वें गेम में चार सेट प्वाइंट गंवाए लेकिन इसके बावजूद टाईब्रेकर में सेट जीतकर 1-1 से बराबरी करने में सफल रहे। फेडरर ने तीसरे सेट के सातवें गेम में पहली बार राओनिच की सर्विस तोड़ी और फिर सेट जीतकर 2-1 की बढ़त बनाई। अंतिम दो सेट में हालांकि फेडरर उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाए और उन्हें शिकस्त का सामना करना पड़ा।

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