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रियो डि जेनेरो: विश्व की नंबर एक युगल खिलाड़ी सानिया मिर्जा और उनकी अनुभवहीन जोड़ीदार प्रार्थना थोम्बारे को ओलंपिक टेनिस टूर्नामेंट के महिला युगल के पहले दौर में ही शुहाई च्यांग और शुहाई पेंग की चीनी जोड़ी के हाथों हार का सामना करना पड़ा. सानिया और प्रार्थना ने हालांकि अपनी अनुभवी प्रतिद्वंद्वियों को कड़ी चुनौती दी लेकिन दो घंटे 44 मिनट तक चले मैच में आखिर में उन्हें 6-7, 7-5, 5-7 से हार का सामना करना पड़ा. टेनिस में भारतीय चुनौती अब मिश्रित युगल पर टिकी है जिसमें सानिया और रोहना बोपन्ना खेलेंगे. भारत के लिए असल में महिला युगल में पदक की संभावना थी. सानिया के साथ यदि दमदार जोड़ीदार होती तो वह निश्चित तौर पर इस मुकाबले में भारत को जीत दिलाने में सफल रहती. प्रार्थना को इस मुकाबले में कमजोर कड़ी माना जा रहा था. उन्होंने जुझारूपन दिखाया लेकिन हुनर के मामले में वह उन्नीस ही साबित हुईं. प्रार्थना की कमजोर सर्विस के कारण भारत ने मैच गंवाए क्योंकि उन्होंने कई बार अपनी सर्विस गंवाई. मैच का पहला सेट 70 मिनट तक चला जिसमें भारतीय और चीनी दोनों ही जोड़ियों ने सर्विस में गलती की. दोनों ने एक दूसरे की तीन- तीन बार सर्विस तोड़ी. यह सेट टाईब्रेकर तक खिंचा जिसमें चीनी जोड़ी ने 8-6 से जीत दर्ज की. दूसरे सेट में भारतीय जोड़ी ने 2-0 और फिर 3-1 से बढ़त बनाई लेकिन प्रतिद्वंद्वी टीम ने अच्छी वापसी की और स्कोर 5-5 कर दिया. चीनी जोड़ी इसके बाद अपनी सर्विस गंवा बैठी जिससे सानिया और प्रार्थना ने 49 मिनट में 7-5 से यह सेट अपने नाम कर दिया.
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रियो डि जेनेरो: रियो ओलंपिक में पुरुषों की साइक्लिंग रोड रेस की फिनिशिंग लाइन के पास शनिवार को एक जोरदार धमाका हुआ लेकिन बाद में यह जानकारी दी गयी कि बम रोधी दस्ते ने एक लावारिस पड़े बैग को विस्फोट से नष्ट किया। हालांकि इसमें कोई घायल नहीं हुआ है। केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने रियो धमाके के बाद ट्वीट कर कहा कि वह भारतीय राजदूत सुनील लाल के संपर्क में हैं और रियो में सभी भारतीय सुरक्षित हैं। रायटर ने एक प्रत्यक्षदर्शी के हवाले से बताया था कि साइक्लिंग कोर्स की फिनिशिंग लाइन के पास जोरदार धमाका सुना गया। ब्राजील ने रियो ओलंपिक की सुरक्षा के मद्देनजर शहर को जैसे किले में बदल रखा है और सेना के साथ-साथ टैंक भी सड़कों पर हैं। सुरक्षा विभाग की महिला प्रवक्ता ने चिंताओं को खारिज करते हुये कहा कि यह बैग किसी बेघर व्यक्ति का था लेकिन सुरक्षा कारणों से ऐसे किसी भी बैग को नष्ट करने के निर्देश हैं। नियंत्रित विस्फोट के साथ इस बैग को नष्ट किया गया।
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रियो डि जिनेरियो: रियो ओलिंपिक में भारत के लिए शनिवार निराशा भरा दिन रहा। देश को सबसे बड़ा झटका सातवीं बार ओलिंपिक में भाग लेकर टेनिस में रिकॉर्ड बनाने वाले लिएंडर पेस और उनके जोड़ीदार रोहन बोपन्ना की हार से लगा। इस जोड़ी से भारत को पदक उम्मीदें थीं। शूटिंग में जीतू राय, गुरप्रीत सिंह, अपूर्वी चंदेला और आयोनिका पॉल जहां हार गईं, वहीं तीरंदाजी में दीपिका कुमारी के तीर भी निशाने पर नहीं लगे और अब उनकी पदक की उम्मीद धूमिल हो गई है। उपलब्धि के तौर पर कहें कि भारत के 'खेवनहार' सेना के दत्तू बब्बन भोकानल और हॉकी टीम रही. दत्तू ने रोइंग स्कल्स के क्वार्टरफाइनल में पहुंचे, तो हॉकी टीम ने पहला मैच जीतकर देश की पदक की उम्मीदों को जिंदा रखा है। भारतीय सेना के दत्तू बब्बन भोकानल देश के लिए शनिवार की एकमात्र उपलब्धि रहे। उन्होंने रोइंग की पुरुष स्कल्स प्रतियोगिता में अपने क्वालिफाइंग राउंड में तीसरा स्थान हासिल कर क्वार्टरफाइनल में प्रवेश किया और वह पदक की रेस में बने हुए हैं। वह दिन की पहली हीट में 2000 मीटर रेस में सात मिनट 21.67 सेकेंड के समय से क्यूबा के एंजेल फौरनियर रोड्रिगेज (सात मिनट 6.89 सेकेंड) और मेक्सिको के जुआन कालरेस काबरेरा (सात मिनट 8.27 सेकेंड) के बाद तीसरे स्थान पर रहे। ओलिंपिक में भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने 12 साल बाद जीत दर्ज की. उसने आयरलैंड को 3-2 से हराया, जिसमें रुपिंदर पाल सिंह के दो और वीआर रघुनाथ के एक गोल का योगदान रहा।
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रियो डी जेनेरियो: भारतीय महिला भारोत्तोलक सैखोम मीराबाई चानू निराशाजनक प्रदर्शन कर शनिवार को रियो ओलिंपिक 2016 की 48 किलोग्राम भारवर्ग भारोत्तोलन स्पर्धा से बाहर हो गईं. मीराबाई का प्रदर्शन स्नैच स्पर्धा में तो औसत रहा, जहां से वह क्लीन एंड जर्क में बेहतर प्रदर्शन कर मेडल की उम्मीद कर सकती थीं. लेकिन क्लीन एंड जर्क स्पर्धा में वह तीनों कोशिशों में असफल रहीं. उन्होंने स्नैच स्पर्धा के दूसरे प्रयास में अपना सर्वश्रेष्ठ 82 किलोग्राम भार उठाया, लेकिन तीसरे प्रयास में 84 किलोग्राम भार वह नहीं उठा सकीं. वहीं क्लीन एंड जर्क में उनकी 104 किलोग्राम भार उठाने की पहली कोशिश नाकाम साबित हुई और अगली दो कोशिशों में वह 106 किलोग्राम भार उठाने में असफल रहीं. मीराबाई 12 प्रतिस्पर्धियों में 11वें स्थान पर रहीं, जबकि वियतनाम की थी ह्यून व्यूंग स्पर्धा पूरी नहीं कर सकीं. स्पर्धा का गोल्ड मेडल थाईलैंड की सोपिता तानसान ने जीता. वह प्रतियोगिता में अन्य सभी प्रतिस्पर्धियों से कहीं बेहतर रहीं. सोपिता ने कुल 200 किलोग्राम भार उठाया, जिसमें स्नैच में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 92 किलोग्राम और क्लीन एंड जर्क में 108 किलोग्राम रहा.
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