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रियो डि जेनेरो: इंटरनेशनल ओलिंपिक कमेटी (आईओसी) की नवनिर्वाचित सदस्य नीता अंबानी ने सोमवार को यहां रियो खेलों में महिलाओं के 400 मीटर फ्रीस्टाइल में पदक जीतने वाली खिलाड़ियों को पदक दिए. वह ओलंपिक पुरस्कार वितरण समारोह में पदक देने वाली पहली भारतीय महिला हैं. चार अगस्त को नीता आईओसी के लिए निर्वाचित हुई थीं और इसकी सदस्य बनने वाली पहली भारतीय महिला बन गईं. उन्होंने वर्ल्‍ड रिकार्डधारक अमेरिकी तैराक कैथलीन लेडेकी को गोल्‍ड, ग्रेट ब्रिटेन की जैज कार्लिन को सिल्‍वर और एक और अमेरिकी तैराक लिया स्मिथ को ब्रांज मेडल दिया. कैथलीन ने तीन मिनट 56.46 सेकेंड का विश्व रिकार्ड बनाते हुए स्पर्धा जीती जबकि जैज और कार्लिन ने क्रमश: चार मिनट 01.23 एवं चार मिनट 01.92 सेकेंड का समय लिया. 52 साल की नीता आईओसी में भारत की एकमात्र सक्रिय सदस्य हैं और 70 साल की उम्र तक ओलंपिक समिति की सदस्य बनी रहेंगी. 2001-2014 के बीच आईओसी के सदस्य रहे भारतीय ओलंपिक संघ के पूर्व महासचिव रणधीर सिंह इस समय ओलंपिक समिति के मानद सदस्य हैं.

रियो डि जेनेरो: भारतीय महिला तीरंदाजों का रियो ओलंपिक में लचर प्रदर्शन जारी रहा जब लक्ष्मीरानी मांझी व्यक्तिगत स्पर्धा के पहले दौर में स्लोवाकिया की एलेक्सांद्रा लोंगोवा के खिलाफ 1-7 की शिकस्त के साथ प्रतियोगिता से बाहर हो गई. लक्ष्मीरानी अपने से शीर्ष तीरंदाज को कोई चुनौती नहीं दे पाई और वह चार में से एक भी सेट नहीं जीत पाई. भारतीय खिलाड़ी सिर्फ तीसरे सेट में 26-26 से बराबर रही. स्लोवाकिया की खिलाड़ी ने पहला, दूसरा और चौथा सेट क्रमश: 27-25, 28-26, 27-24 से जीता. भारतीय खिलाड़ी ने मैच में कुल 101 अंक जुटाए और वह 10 अंक का सिर्फ एक शॉट मार सकी. लोंगोवा ने 108 अंक जुटाए और इस दौरान तीन 10 अंक के शॉट मारे. लक्ष्मीरानी की शुरुआत खराब रही और पहले दो सेट में वह एक बार भी 10 अंक नहीं जुटा सकी. उन्होंने ये दोनों सेट गंवाए. उन्होंने तीसरे सेट में एक बार 10 अंक जुटाए और सेट 26-26 से बराबर करने में सफल रही. चौथे सेट में लक्ष्मीरानी 7, 8 और नौ अंक ही जुटा सकी जो उनका दिन का सबसे खराब प्रदर्शन रहा और इसके साथ उन्होंने सेट और मैच गंवा दिया. लक्ष्मीरानी की टीम की दो अन्य साथी दीपिका कुमारी और बोम्बायला देवी अपने व्यक्तिगत वर्ग के मुकाबलों की शुरुआत 10 अगस्त से करेंगे जबकि पुरुष वर्ग में अतानु दास कल चुनौती पेश करेंगे.

रियो डि जिनेरियो: आखिरी मिनटों में गोल गंवाने की आदत भारतीय हाकी टीम पर एक बार फिर भारी पड़ी और रियो ओलंपिक में पूल बी के रोमांचक मैच में दो बार की ओलंपिक चैम्पियन जर्मनी ने आखिरी सीटी बजने से ठीक पहले गोल करके उसे 2-1 से हरा दिया। भारतीय हाकीप्रेमियों के लिये यह हार दिल तोड़ने वाली रही क्योंकि मैच में अधिकांश समय भारत का पलड़ा भारी रहा और निर्धारित समय से पहले जर्मनी ने विजयी गोल दागा। आखिरी दो मिनट में जर्मन खिलाडि़यों ने जमकर हमले बोले। भारतीय डिफेंस एक बार फिर आखिरी पलों में बिखर गया और क्रिस्टोफर रूर ने विजयी गोल दागकर भारतीयों को स्तब्ध कर दिया। इससे पहले जर्मनी ने निकलस वेलेन (18वां मिनट) के गोल के दम पर बढत बनाई। भारत के लिये बराबरी का गोल रूपिंदर पाल सिंह ने 23वें मिनट में तीसरे पेनल्टी कार्नर पर किया। इस जीत से जर्मनी का ओलंपिक में 1996 के बाद से भारत के खिलाफ जीत का रिकार्ड बरकरार रहा। भारत ने आखिरी बार अटलांटा ओलंपिक में जर्मनी को 3-0 से हराया था। हार के बावजूद भारतीय अपने प्रदर्शन पर गर्व कर सकते हैं। भारत ने लंदन में चैम्पियंस ट्राफी में जर्मनी को 3-3 से ड्रा पर रोका लेकिन ओलंपिक से ठीक पहले वालेंशिया में 0-4 से हार गई थी।

रियो डि जिनेरियो: भारत के स्टार निशानेबाज अभिनव बिंद्रा की दूसरा ओलंपिक पदक जीतने की उम्मीद टूट गयी, वह आज यहां रियो ओलंपिक खेलों के तीसरे दिन पुरूष वर्ग की 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में तनावपूर्ण शूट आफ में करीब से पदक से चूक गये। देश के एकमात्र ओलंपिक स्वर्ण पदकधारी बिंद्रा शूट आफ में यूक्रेन के सरहिये कुलीश से पिछड़ गये। दोनों 16 शाट के बाद 163़8 अंक से संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर थे। अपना पांचवां और अंतिम ओलंपिक खेल रहे बिंद्रा अपने शानदार कैरियर को बेहतरीन समापन से वंचित रह गये। वह पोडियम की रेस में बाहर होने वाले पांचवें निशानेबाज रहे। अगर वह शूट आफ जीत जाते तो कांस्य पदक जीत सकते थे। इस 33 वर्षीय भारतीय ने 2008 बीजिंग ओलंपिक में इसी स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था। वह एक समय दूसरे स्थान पर चल रहे थे लेकिन बाद में नीचे खिसक गये। वह एलिमिनेशन राउंड में चौथे स्थान पर थे लेकिन दूसरे एलिमिनेशन राउंड में दूसरे स्थान पर पहुंच गये थे। बिंद्रा ने 11वें शाट में शानदार 10.7 अंक लगाने से दूसरे स्थान पर पहुंच गये थे लेकिन वह तीसरे एलिमिनेशन राउंड के बाद फिर तीसरे स्थान पर खिसक गये। चौथे एलिमिनेशन राउंड में दो खराब शाट से वह चौथे स्थान पर खिसक गये लेकिन अगले राउंड में 10.6 और 10.2 के स्कोर से फिर से उन्होंने वापसी की। पर बिंद्रा के लिये शीर्ष तीन में रहने के लिये इतना ही काफी नहीं था और वह यूक्रेन के निशानेबाज कुलीश के साथ 163.8 अंक से तीसरे स्थान बराबरी पर आ गये।

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