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रियो डि जिनेरियो: भारतीय खिलाड़ियों के रियो ओलंपिक में लगातार लचर प्रदर्शन के बीच तीरंदाज अतनु दास ने आज पुरूषों की व्यक्तिगत रिकर्व एलिमिनेशन दौर के प्री क्वार्टर फाइनल में प्रवेश करके उम्मीद जगायी। दास ने अपना प्रभावशाली प्रदर्शन जारी रखते हुए आज यहां एक घंटे के अंदर लगातार दो मैच जीते। उन्होंने दूसरे दौर में क्यूबा के आंद्रियन आंद्रेस पेरेज पुएंटस को 6-4 से हराया। इससे पहले पश्चिम बंगाल के इस 24 वर्षीय तीरंदाज में नेपाल के जीतबहादुर मुक्तान को 6-0 से करारी शिकस्त दी थी। दास को हालांकि प्री क्वार्टर फाइनल में दक्षिण कोरिया के तीरंदाज ली सेंगुइन की कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा। यह मुकाबला 12 अगस्त को होगा। पहले दौर में आसान जीत दर्ज करने वाले दास को क्यूबा के तीरंदाज ने अच्छी चुनौती दी लेकिन भारतीय खिलाड़ी आखिर में यह मुकाबला 28-26, 29-26, 26-27, 27-28, 29-28 से जीतने में सफल रहे। इस मुकाबले का ओवरआल स्कोर 139-135 रहा लेकिन भारतीय खिलाड़ी ने जरूरत के समय पर अच्छा प्रदर्शन करके जीत दर्ज की। पहले दो सेट में तीन परफेक्ट 10 का स्कोर बनाने के दास तीसरे और चौथे सेट में एक बार भी ‘बुल्स आई’ पर निशाना नहीं साध पाये। उन्होंने हालांकि अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पांचवें और निर्णायक सेट के लिये बचाकर रखा था। इस सेट में दास ने दो बार दस का स्कोर बनाया।

रियो डि जिनेरियो: भारत ने अंतिम क्वार्टर में अर्जेंटीना टीम के हमलों से बचते हुए आज (मंगलवार) यहां रियो ओलंपिक की पुरूष हॉकी स्पर्धा में 2-1 की रोमांचक जीत दर्ज की जिससे उसकी क्वार्टर फाइनल में पहुंचने की उम्मीद बढ़ गयी। भारत अब गुरुवार को अपने अगले मैच में लंदन ओलंपिक रजत पदकधारी नीदरलैंड से भिड़ेगा। पूल बी चरण में इस दूसरी जीत ने भारत ने क्वार्टर फाइनल में अपना स्थान लगभग पक्का कर लिया है क्योंकि अब उसके छह अंक हो गये हैं और टीम दूसरे स्थान पर पहुंच गयी है। भारत ने पहले तीन क्वार्टर में दबदबे भरा प्रदर्शन किया लेकिन अंतिम 15 मिनट में वह दबाव में आ गया और इस दौरान उन्होंने कम से कम पांच पेनल्टी कार्नर गंवाये। अर्जेंटीना की टीम ने 0-2 से पिछड़ने के बाद अंतिम क्वार्टर में दमदार प्रदर्शन किया जिसमें भारतीय टीम कमजोर दिखी। भारतीयों के लिये अंतिम क्वार्टर तनावपूर्ण रहा। ड्रैग फ्लिकर गोंजालो पेलात ने 49वें मिनट में अपने पहले पेनल्टी कार्नर को गोल में तब्दील कर अर्जेंटीना के लिए गोल दागा। उन्होंने तेज तर्रार शाट लगाया जिसे गोलकीपर पीआर श्रीजेश बचा नहीं सके। ऐसा लग रहा था कि भारतीयों को दूसरा झटका भी लग सकता है क्योंकि कल भी भारतीय टीम ने जर्मनी के खिलाफ अंतिम क्षणों में एक गोल गंवा दिया था जिसमें उसे 1-2 से पराजय का मुंह देखना पड़ा था। इस क्वार्टर में ज्यादातर समय भारतीय हाफ में ही खेला गया। अगर श्रीजेश नहीं होता तो भारत दूसरा मैच भी गंवा देता।

रियो डी जेनेरियो: रियो ओलंपिक से भारत के लिए बुरी ख़बरें आना तीसरे दिन भी लगातार जारी रहा। तैराकी में सजन प्रकाश और शिवानी कटारिया पुरुषों और महिलाओं की 200 मीटर बटरफ्लाई फ्रीस्टाइल स्पर्धाओं में बेहद ख़राब प्रदर्शन कर क्वालिफिकेशन दौर में ही बाहर हो गए। शिवानी जहां 43 प्रतिभागियों में 41वें स्थान पर रहीं, वहीं सजन प्रकाश 29 प्रतिभागियों में 28वें स्थान पर रहे। शिवानी ने दो मिनट 9.3० सेकेंड का समय निकाला और शीर्ष स्थान के साथ अगले दौर में प्रवेश करने वाली अमेरिकी तैराक कैथलीन लेडेकी से 14.29 सेकेंड पीछे रहीं। वहीं एक मिनट 59.37 सेकेंड का समय निकालने वाले सजन शीर्ष पर रहे हंगरी के टामस केंडेरेसी से 4.64 सेकेंड पीछे रहे। गौरतलब है कि रियो ओलंपिक की तैराकी स्पर्धा में भारत के यही दो प्रतिनिधि थे, जिनके बाहर होने से तैराकी से भारत की उम्मीदें भी पहले ही दौर से खत्म हो गईं। हीट-1 में शिवानी दूसरे स्थान पर आईं तो भारत की उम्मीदें बढ़ गई थीं, लेकिन अगले छह हीट से स्पष्ट होता गया कि शिवानी सहित हीट-1 की कोई भी तैराक आगे नहीं जाने वाली। शिवानी का रिएक्शन टाइम (.78 सेकेंड) हालांकि सबसे खराब रहा।

रियो डी जेनेरियो: ओलंपिक में भारत की हार का सिलसिला लगातार जारी है और अभी तक भी देश के हिस्से में कोई पदक नहीं आ सका है। टेनिस वीमेंस डबल्स में सानिया मिर्जा और पुरुष डबल्स में लिएंडर पेस और रोहन बोपन्ना के बाद शूटर अभिनव बिंद्रा 10 मीटर 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में पदक से एक कदम दूर रह गए। सोमवार को भारत के लिए बुरी ख़बरों की लाइन लगी रही। रियो ओलंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम पूल-बी के मुकाबले में ब्रिटेन के हाथों 0-3 से हार गई। भारतीय महिलाएं जरा भी लय में नजर नहीं आईं और गेंद अपने पास रखने में संघर्ष करती दिखीं। ब्रिटेन के लिए दूसरे क्वार्टर में मैच के 25वें मिनट में जिसेल एंश्ले ने पेनाल्टी कॉर्नर पर पहला गोल दागा। दो मिनट बाद ही निकोला व्हाइट ने फील्ड गोल कर ब्रिटेन को 2-0 की बढ़त दिला दी। तीसरे क्वार्टर में लौरा अंसवर्थ का शॉट चूक गया, लेकिन एलेक्जांद्रा डैनसन ने रिवर्स होकर आई गेंद को गोलपोस्ट की राह दिखा दी और ब्रिटेन को 3-0 की निर्णायक बढ़त दिला दी। ब्रिटिश महिलाओं ने इसके बाद लगातार भारतीय गोलपोस्ट पर हमले जारी रखे और तीसरा क्वार्टर समाप्त होने से पहले चार पेनाल्टी कॉर्नर और हासिल किए, हालांकि वे इन्हें गोल में तब्दील नहीं कर सकीं। 0-3 से पिछड़ चुकीं भारतीय महिलाओं ने आखिरी क्वार्टर में बेहतर खेल का प्रदर्शन किया और कई हमले करने में सफल रहीं। भारतीय टीम को आखिरी क्वार्टर में कई पेनाल्टी कॉर्नर भी मिले पर शुरुआती से ही दबाव में आ चुकी भारतीय टीम किसी अवसर का लाभ नहीं उठा सकी।

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