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नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने ग्राहकों को झटका दिया है। एक महीने में एसबीआई ने दूसरी बार रिटेल टर्म डिपॉजिट यानी फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) पर मिलने वाले ब्याज में कमी कर दी है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने बुधवार को कहा कि उसने विभिन्न टेनर्स के लिए फंड आधारित उधार दर (एमसीएलआर) बेसिस प्वाइंट की कटौती 10 मार्च से प्रभावी कर दिया है। कटौती के बाद एक साल का एमसीएलआर 7.85 फीसदी से घटकर 7.75 फीसदी पर आ गया है। एसबीआई ने ये साफ किया है कि नई दरें नई एफडी पर ही लागू होंगी। तीन महीने की एमसीएलआर को 7.65 % से संशोधित कर 7.50 % कर दिया गया है।
चालू वित्त वर्ष में बैंक द्वारा एमसीएलआर में यह लगातार 10 वीं कटौती है। हालांकि इस कटौती के बाद ऑटो लोन, होम लोन सस्ते होंगे। बैंक ने एक साल अवधि के लिए एमसीएलआर में 0.10 प्रतिशत की कटौती की है, जो 7.85 प्रतिशत से घटकर 7.75 प्रतिशत हो गई है। बैंक ने चालू वित्त वर्ष में लगातार 10वीं बार एमसीएलआर कटौती की है।
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नई दिल्ली: देश में बुधवार को तेल की कीमतों में भारी गिरावट आई है। दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत में 2.69 रुपये और डीजल की कीमत में 2.33 रुपये प्रति लीटर की गिरावट आई है। दिल्ली में आज पेट्रोल 70.29 और डीजल 63.01 रुपये प्रति लीटर हो गया है। अन्य महानगरों में इतना है दाम कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में एक लीटर पेट्रोल की कीमत क्रमश: 72.98, 75.99 और 73.02 रुपये है। डीजल की बात करें, तो इन महानगरों में एक लीटर डीजल के लिए लोगों को क्रमश: 65.35, 65.97 और 66.48 रुपये चुकाने होंगे। दिल्ली और कोलकाता में पेट्रोल की कीमतों में कटौती हुई है लेकिन मुंबई और चेन्नई में इसकी कीमतों में आज जबरदस्त बढ़ोतरी की गई है।
इसलिए आई गिरावट
अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा संगठन का मानना है कि 2020 में कच्चे तेल की मांग में कमी आने की वजह से इसकी कीमतों में कमी आ रही है। सऊदी अरब और रूस के बीच ऑयल प्राइस वार छिड़ने से सोमवार को कच्चा तेल की कीमत अंतरराष्ट्रीय वायदा बाजार में 31 फीसदी तक टूट गई थी।
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मुंबई: कच्चा तेल अब पानी से सस्ता हो गया है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अचानक कच्चे तेल के दाम में 30 फीसदी की गिरावट आई है, जिसके बाद भारतीय वायदा बाजार में कच्चा तेल 2,200 रुपए प्रति बैरल के नीचे आ गया है। कच्चे तेल के दाम में 1991 के खाड़ी युद्ध के बाद यह सबसे बड़ी एक दिनी गिरावट है, जो कि मुख्य रूप से सऊदी अरब द्वारा तेल का भाव घटाने के कारण आई है। एक बैरल में 159 लीटर कच्चा तेल होता है। इस प्रकार एक लीटर कच्चे तेल का दाम करीब 13-14 रुपए आएगा, जबकि एक लीटर पानी की बोतल के लिए कम से कम 20 रुपए चुकाने पड़ते हैं।
कच्चे तेल को लेकर शुरू हुए प्राइस वार और कोरोनावायरस के प्रकोप के कारण अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में सोमवार (9 मार्च) को 30 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। विदेशी बाजार से चलने वाले कच्चे तेल के कारोबार में घरेलू वायदा बाजार में कच्चे तेल का भाव 30 फीसदी से ज्यादा टूटकर 2,200 रुपए प्रति बैरल से नीचे आ गया। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज यानी एमसीएक्स पर कच्चे तेल के मार्च अनुबंध में 997 रुपए यानी 31.56 फीसदी की गिरावट के साथ 21,62 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था।
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नई दिल्ली: कोरोना वायरस और यस बैंक पर प्रतिबंध के दबाव को झेल रहे शेयर बाजार में सऊदी अरब के तेल की कीमतों में कटौती की घोषणा से सुनामी आ गई। इससे बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का सेंसेक्स 1,941.67 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 538 अंक लुढ़क गया। घरेलू शेयर बाजार में अंक के हिसाब में अबतक की सबसे बड़ी गिरावट से निवेशकों को 7 लाख करोड़ रुपये की चपत लगी। एक फरवरी को आम बजट के बाद से सेंसेक्स कुल मिला कर 5,088.54 यानी 12.49 प्रतिशत और निफ्टी 1,510.65 अंक यानी 12.62 प्रतिशत नीचे आ चुका है। पिछले साल सेंसेक्स कुल मिलाकर करीब 14 प्रतिशत और निफ्टी 12 प्रतिशत मजबूत हुआ था।
दिन में कारोबार के दौरान दोनों सूचंकाकों सेंसेक्स और निफ्टी क्रमश: 2,467 अंक और 695 अंक नीचे आ गए थे। तीस शेयरों वाला बीएसई 30 सेंसेक्स अंत में पिछले बंद से 1,941.67 अंक यानी 5.17 प्रतिशत की गिरावट के साथ 35,634.95 अंक पर बंद हुआ। निफ्टी 538 अंक यानी 4.90 प्रतिशत की गिर कर 10,451.45 अंक रह गया।
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