नई दिल्ली: सीबीआई ने सोमवार को घोटालों से ग्रसित डीएचएफएल द्वारा यस बैंक के सह-संस्थापक राणा कपूर के परिवार को कथित रूप से 600 करोड़ रुपये की रिश्वत देने के मामले में सात स्थानों पर छापे मारे। अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई अधिकारियों के दल मुंबई में आरोपियों के आवास और आधिकारिक परिसरों में तलाशी ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि एजेंसी का आरोप है कि कपूर ने डीएचएफएल के प्रवर्तक कपिल वाधवन के साथ आपराधिक षड्यंत्र कर यस बैंक के माध्यम से डीएचएफएल को वित्तीय सहायता मुहैया कराई और उसके बदले राणा के परिवार के सदस्यों को अनुचित लाभ मिला।
सीबीआई की प्राथमिकी के अनुसार घोटाला अप्रैल और जून, 2018 के बीच शुरू हुआ, जब यस बैंक ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएचएफएल) के अल्पकालिक ऋण पत्रों में 3,700 करोड़ रुपये का निवेश किया था। उन्होंने कहा कि इसके बदले वाधवन ने कथित रूप से कपूर और उनके परिवार के सदस्यों को 600 करोड़ रुपये का फायदा पहुंचाया। उन्होंने कहा कि यह लाभ डीओआईटी अर्बन वेंचर्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड को कर्ज के रूप में दिया गया।
राणा कपूर के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज
यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर इस वक्त ईडी की कस्टडी की हिरासत में हैं। पहले ही दिन की कस्टडी ने उनकी आंखों में आंसू ला दिए। डबडबाई आंखों से उन्होंने कोई भी गलत काम करने से इंकार किया। रविवार को विशेष अदालत ने उन्हें 11 मार्च तक ईडी की कस्टडी में भेज दिया। लगभग 30 घंटे तक ईडी की कड़ी पूछताछ के बाद तड़के सुबह करीब 4 बजे गिरफ्तार किया गया। इसके बाद पांच दिन की रिमांड मांगने के लिए उन्हें हॉलीडे कोर्ट में पेश किया गया। उन पर धन शोधन निवारण अधिनियम और अन्य प्रावधानों के तहत आरोप लगाए गए हैं।