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नई दिल्ली: यस बैंक संकट पर एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार ने शनिवार को कहा कि यस बैंक में जमाकर्ताओं का पैसा पूरी तरह से सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि एसबीआई यस बैंक में 2,450 करोड़ रुपये का निवेश करेगा। रजनीश कुमार ने कहा कि एसबीआई बोर्ड ने यस बैंक में 49 फीसदी तक की हिस्सेदारी लेने की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। इस योजना पर कानूनी टीम काम कर रही है।

बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक ने संकट में फंसे निजी क्षेत्र के यस बैंक पर गुरुवार को सख्ती बढ़ाते हुए बैंक के निदेशक मंडल को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया था। साथ ही बैंक के ग्राहकों के लिए धन निकासी की सीमा 50 हजार रुपये तय कर दी गई थी। ग्राहक एक माह में इससे अधिक राशि नहीं निकाल सकेंगे। रिजर्व बैंक ने एसबीआई के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी प्रशांत कुमार को यस बैंक का नया प्रशासक नियुक्त किया था।

-इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को यस बैंक संकट पर कहा था कि बैंक द्वारा कई बड़ी कंपनियों को 2014 से काफी पहले कर्ज दिया गया था। यह सब पहले से ही सार्वजनिक है।

मुंबई: यस बैंक के पूर्व सीईओ राणा कपूर के मुंबई के वर्ली स्थित घर (समुद्र महल) पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम छापेमारी कर रही है। यह छापेमारी यस बैंक में गहराई संकट के बाद की जा रही है। प्रवर्तन निदेशालय ने यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर के खिलाफ धन शोधन रोकथाम अधिनियम के तहत मामला भी दर्ज किया है। वहीं, इससे पहले ईडी ने डीएचएपएल के कपिल धवन को मनी लॉन्ड्रिंग के केस और गैंगस्टर इकबाल मिर्ची से संबंध को लेकर गिरफ्तार किया था। एक अधिकारी के मुताबिक, ईडी के पूर्व सीईओ राणा कपूर के घर शुक्रवार की रात ईडी छापेमारी कर रही है। ईडी के अधिकारी राणा कपूर से बैंक द्वारा डीएचएफएल को दिए गए लोन को लेकर पूछताछ कर रही है।

निर्मला सीतारमण द्वारा डीएचएफएल का नाम लेने के बाद यह कार्रवाई की जा रही है। यस बैंक अगस्त, 2018 से संकट में है। उस समय रिजर्व बैंक ने बैंक के संचालन और ऋण से जुड़ी खामियों की वजह से तत्कालीन प्रमुख राणा कपूर को 31 जनवरी, 2019 तक पद छोड़ने को कहा था। उनके उत्तराधिकारी रवनीत गिल के नेतृत्व में बैंक ने संकटग्रस्त रिणों की सूचना प्रकाशित की। बैंक को मार्च, 2019 की तिमाही में पहली बार घाटा हुआ।

नई दिल्ली: यस बैंक में जारी संकट पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमारी सरकार ग्राहकों के हितों की रक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। हमने इस मामले में आरबीआई से रिपोर्ट मांगी है। साथ ही उन्होंने कहा कि आरबीआई से रिस्ट्रक्टर स्कीम के तहत नया बोर्ड बनाने के लिए कहा गया है।

रिजर्व बैंक द्वारा येस बैंक के बोर्ड को भंग करने और जमा खाताधारकों की निकासी सीमा तय करने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में वित्त मंत्री ने कहा कि बैंक की 2017 से निगरानी की जा रही थी और इससे संबंधित गतिविधियों की हर दिन निगरानी की गई। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक ने 2017 से बैंक में प्रशासन संबंधी मसले, कमजोर अनुपालन, गलत परिसंपत्ति वर्गीकरण जैसी स्थिति को पाया। उन्होंने कहा कि कर्ज के जोखिम भरे फैसलों का पता चलने के बाद रिजर्व बैंक ने येस बैंक प्रबंधन में बदलाव का सुझाव दिया।

उन्होंने कहा कि ये फैसले बैंक के हित में किए गए और सितंबर 2018 में एक नए सीईओ की नियुक्ति हुई। उन्होंने कहा कि जांच एजेंसियों को भी येस बैंक में अनियमितताओं का पता चला। सीतारमण ने कहा कि सरकार चाहती है कि रिजर्व बैंक तात्कालिकता की भावना के साथ यथोचित कानूनी प्रक्रिया सुनिश्चित करे।

नई दिल्ली: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने यस बैंक से निकासी की सीमा तय कर दी है। आरबीआई के इस आदेश के बाद अब ग्राहक 50 हजार रुपये से ज्यादा नहीं निकाल सकेंगे। आरबीआई के अनुसार फिलहाल यह रोक 5 मार्च से 3 अप्रैल तक लगी रहेगी। भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को नकदी संकट से जूझ रहे यस बैंक के निदेशक मंडल को भी भंग करते हुए उसपर प्रशासक नियुक्त कर दिया है। आरबीआई ने बैंक के जमाकर्ताओं पर निकासी की सीमा सहित इस बैंक के कारोबार पर कई तरह की पाबंदिया भी लगा दी हैं। केंद्रीय बैंक ने अगले आदेश तक बैंक के ग्राहकों के लिए निकासी की सीमा 50,000 रुपये तय की है। बैंक का नियंत्रण भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व में वित्तीय संस्थानों के एक समूह के हाथ में देने की तैयारी की गई है।

आरबीआई ने देर शाम जारी बयान में कहा कि यस बैंक के निदेशक मंडल को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया गया है और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) प्रशांत कुमार को यस बैंक का प्रशासक नियुक्त किया गया है।

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