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नई दिल्ली: एजीआर बकाए के मामले में सुप्रीम कोर्ट बुधवार को केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई। शीर्ष कोर्ट टेलीकॉम कंपनियों के लिए केंद्र सरकार के अनुरोध पर भड़क गया। कोर्ट ने कहा कि अगर टेलीकॉम कंपनियों के मालिक चाहते हैं तो उनको कोर्ट बुला कर यहीं से जेल भेज देंगे। सुप्रीम कोर्ट ने दो टूक कहा कि की बकाया राशि का पुनर्मूल्यांकन नहीं होगा। डीओटी को फटकार लगाते हुए कोर्ट ने कहा कि यह सरासर अवमानना है..। किसने बकाया राशि के लिए पुनर्मूल्यांकन करने के लिए कहा।
कोर्ट ने कहा कि यह अवमानना का मामला बनता है, जो हो रहा है वो बेहद चौकाने वाला है। बकाया राशि के भुगतान का पुनर्मूल्यांकन को हमनें इजाजत नहीं दी फिर ये कैसे हुआ -"क्या हम मूर्ख हैं'। ये कोर्ट के सम्मान की बात है क्या? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि टेलीकॉम कंपनियों को लगता है कि वो संसार में सबसे पॉवरफुल है। जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि टेलीकॉम कंपनियों को कोर्ट के आदेश के मुताबिक भुगतान करना ही होगा। कंपनियों को ब्याज और जुर्माना दोनों ही देना ही होगा।
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नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार (16 मार्च) को एस्सेल समूह के सुभाष चंद्रा, जेट एयरवेट के पूर्व चेयरमैन नरेश गोयल, दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक कपिल वधावन को समन जारी किया है। इन सभी को यस बैंक के सह-संस्थापक और पूर्व प्रबंध निदेशक राणा कपूर ने करोड़ों का कर्ज दिया था, जो कि गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) में तब्दील हो गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने छह मार्च को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि अनिल अंबानी समूह, एस्सेल, आईएलएफएस, डीएचएफएल और वोडाफोन येस बैंक के बड़े कर्जदारों में शामिल हैं।
इससे पहले, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने येस बैंक के प्रवर्तक राणा कपूर एवं अन्य के खिलाफ जारी मनी लौंड्रिंग जांच के संबंध में रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी को भी समन जारी किया था। अधिकारियों ने कहा कि येस बैंक से लिए गए कर्ज में से जो खाते एनपीए में बदल गए, उनमें अनिल अंबानी के समूह की कंपनियां बड़े कर्जधारकों में हैं। इसी वजह से उन्हें ईडी के मुंबई कार्यालय में सोमवार को उपस्थित होने को कहा गया था।
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नई दिल्ली: पिछले शुक्रवार को शेयर बाजार को हमने 'ब्लैक फ्राइडे' से रोमांचक फ्राइडे बनते देखा। आज यानी सोमवार 16 मार्च को शेयर बाजार पर कोरोना का प्रभाव दिखा। घरेलू शेयर बाजार गिरावट के साथ खुले। सेंसेक्स 1000 अंक टूटकर 33,103.24 के स्तर पर खुला तो वहीं निफ्टी 367 अंकों की गिरावट के साथ के 9,587.80 स्तर पर। प्री ओपनिंग में ही सेंसेक्स सुबह नौ बजकर 12 मिनट पर 1000 अंकों का गोता लगा चुका था। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 1545 अंकों का गोता लगा चुका है और वह 32,557.64 के स्तर पर आ गया।
सोमवार सुबह गिरावट से निवेशकों के 6.25 लाख करोड़ रुपये डूब गए। कोरोना के खौफ से बीएसई-सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण शुरुआती कारोबार में 6,25,501.8 करोड़ रुपये घटकर 1,23,00,741.02 करोड़ रुपये रह गया। सेंसेक्स 32,146.59 के स्तर पर कारेाबार कर रहा है। यह अबतक 1956 अंक टूट चुका है। वहीं निफ्टी 9,432.45 के स्तर पर आ गया है। अब तक 522.75 अंकों के नुकसान के साथ कारोबार कर रहा है। निफ्टी 50 के 49 शेयर इस समय लाल निशान पर कारोबार कर रहे हैं। वहीं सेंसेक्स का कोई भी स्टॉक हरे निशान पर नहीं है।
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नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय ने येस बैंक संकट मामले में अनिल अंबानी को तलब किया है। उन्हें येस बैंक की ओर से जारी किए गए लोन के मामले में पूछताछ के लिए मुंबई में प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों के सामने पेश होने के लिए कहा गया है। अनिल अंबानी ने स्वास्थ्य कारणों का हवाले देते हुए पेश होने के लिए कुछ वक्त की मांग की है। अब ईडी सोमवार को उन्हें दूसरा समन जारी करेगी। वरना रिलायंस वित्तिय अधिकारियों को इस सप्ताह बुलाया जाएगा। अनिल अंबानी को शनिवार को समन जारी किया गया था।
यस बैंक के फाउंडर राणा कपूर और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी को समन भेजा है। जानकारी के अनुसार, रिलायंस समूह की कंपनियों ने बैंक से तकरीबन 12,800 करोड़ रुपये कर्ज लिया था, जो एनपीए हो गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने छह मार्च की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि अनिल अंबानी ग्रुप, एस्सेल, आईएलएफएस, डीएचएफएल और वोडाफोन आदि ग्रुप ने यस बैंक से कर्ज लिया था। अधिकारियों ने कहा कि उन सभी बड़ी कंपनियों के प्रमोटर्स को पूछताछ के लिए बुलाया है, जिन्होंने कर्ज लिया और वापस नहीं कर सके।
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