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नई दिल्ली: रेपो रेट में कटौती के बाद देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने फिक्स डिपॉजिट (एफडी) पर ब्याज दरों में कटौती का एलान कर दिया है। एसबीआई ने एफडी पर ब्याज दरों में 0.20% से 1 पर्सेंट तक की कमी कर दी है। नई दरें आज (28 मार्च) से लागू हो गई हैं। एसबीआई ने सभी समयावधि के रिटेल फिक्स डिपॉजिट के लिए ब्याज दरों को 0.20% से 0.50% तक कमी कर दी है, जबकि बल्क टर्म डिपॉजिट में ब्याज दरों को 0.50% से 1 पर्सेंट तक घटा दिया है।

ब्याज दरों में कटौती के बाद 7 से 45 दिनों के लिए एफडी पर 3.5 फीसदी ब्याज मिलेगा। 46 से 179 दिनों के टर्म डिपॉजिट पर 4.5 फीसदी ब्याज मिलेगा। 180 दिनों के लिए एफडी करते हैं तो 5 फीसदी ब्याज मिलेगा। 1 साल से 10 साल के एफडी पर 5.7 फीसदी की दर से ब्याज दिया जाएगा। एसबीआई वरिष्ठ नागरिकों को सभी अवधि के एफडी पर 0.50% का अतिरिक्त ब्याज देता है।

वाशिंगटन: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से पूरे विश्व में दहशत है। अभी तक दुनिया में साढ़े पांच लाख से अधिक पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं। इसका असर अर्थव्यवस्था पर भी देखने को मिल रहा है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की चेयरमैन क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने कहा है कि कोविड-19 महामारी ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को मंदी की ओर धकेल दिया है, जिससे विकासशील देशों को मदद के लिए बड़े पैमाने पर धन की आवश्यकता होगी। मीडिया रिर्पोटस के मुताबिक, शुक्रवार को आईएमएफ चीफ क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने कहा कि यह स्पष्ट है कि हमने एक मंदी में प्रवेश किया है, जो कि वैश्विक वित्तीय संकट के बाद 2009 से भी बदतर होगा।

आईएमएफ चीफ ने कहा है कि दुनिया भर में आर्थिक बंदी के साथ उभरते बाजारों की समग्र वित्तीय जरूरतों के लिए लगभग 2.5 ट्रिलियन डॉलर की आवश्यक्ता है। उभरते बाजारों में सरकारें, जिन्होंने हाल के सप्ताहों में 83 बिलियन डॉलर से अधिक की पूंजी का पलायन किया है, उनमें से बहुत कुछ कवर किया जा सकता है, लेकिन स्पष्ट रूप से घरेलू संसाधन अपर्याप्त हैं और कई पर पहले से ही अधिक ऋण का बोझ है।

नई दिल्ली: रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया है कि ऋण की किस्तों के भुगतान में तीन माह की मोहलत सभी तरह के खुदरा ऋण, क्रेडिट कार्ड के बकाया, कंपनियों को दिए गए ऋण, कृषि ऋण, फसली ऋण सहित सभी तरह के सावधिक ऋणों पर लागू होगी। कोविड- 19 महामारी की वजह से लागू पाबंदियों के चलते रिजर्व बैंक ने आर्थिक गतिविधियां में उत्पन्न व्यवधान को ध्यान में रखते हुए ऋण की किस्त के भुगतान का बोझ कम करने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि ठीक-ठाक चल रहे काम धंधे चलते रहें, खुदरा ऋण, क्रेडिट कार्ड बकाया और कंपनी ऋण सहित सभी तरह के ऋणों की वसूली तीन माह तक स्थगित करने की छूट देने घोषणा की है।

इस रोक के बारे में विस्तृत निर्देशों को जारी करते हुए रिजर्व बैंक ने कहा है कि एक मार्च से लेकर 31 मई की अवधि में बकाया मूल धन अथवा ब्याज की राशि, बुलेट भुगतान, समान मासिक किस्तें और क्रेडिट कार्ड की बकाया किस्तें इस राहत में शामिल होगी। केद्रीय बैंक ने कहा है कि सभी तरह के ऋण भुगतान की अवधि तीन महीने आगे बढ़ा दी जाएगी।

नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने कहा है कि उसने रेपो दर में 0.75 प्रतिशत कटौती का पूरा लाभ अपने ग्राहकों को पहुंचाने का फैसला किया है। नई ब्याज दर एक अप्रैल 2020 से प्रभावी होगी। साथ ही रिजर्व बैंक द्वारा ऋणधारकों के लिए राहत की घोषणा का पालन एसबीआई भी करेगी। सभी टर्म लोन पर 3 महीने का मोरोटोरियंम होगा। एसबीआई ने कहा है कि उसकी नई घटी दर बाहरी मानक दर से जुड़ी कर्ज दर (ईबीआर) और रेपो दर से जुड़ी कर्ज दर (आरएलएलआर) के तहत कर्ज लेने वाले ग्राहकों पर लागू होगी। बाहरी मानक दर से जुड़ी कर्ज दर को 7.80 प्रतिशत से घटाकर 7.05 प्रतिशत वार्षिक कर दिया गया है जबकि आरएलएलआर को 7.40 प्रतिशत से घटाकर 6.65 प्रतिशत पर ला दिया गया है।

एसबीआई ने यह भी कहा है कि ईबीआर और आरएलएलआर से जुड़े 30 साल के कर्ज पर दर घटने के बाद समान मासिक किस्त (ईएमआर) में प्रत्येक एक लाख रुपये पर 52 रुपये की कमी आयेगी।

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