नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने शुक्रवार को कहा कि औद्योगिक गतिविधियों में अपेक्षा से अधिक गिरावट के कारण भारत में आर्थिक वृद्धि अनुमान से अधिक धीमी हो गई है और 2026 तक इसके 6.5 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है। आईएमएफ ने विश्व आर्थिक परिदृश्य (डब्ल्यूईओ) की अपने अद्यतन रिपोर्ट में कहा, “औद्योगिक गतिविधि में अपेक्षा से अधिक तीव्र गिरावट के कारण भारत में वृद्धि दर अपेक्षा से अधिक धीमी हो गई।”
भारत की वृद्धि दर 2024 में घटकर 6.5 प्रतिशत रह गई
रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक अर्थव्यवस्था स्थिर बनी हुई है। साल 2023 में भारत की वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत थी, जो 2024 में घटकर 6.5 प्रतिशत रह गई। साल 2025 और 2026 में वैश्विक वृद्धि 3.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो ऐतिहासिक (2000-19) औसत 3.7 प्रतिशत से कम है।
साल 2025 के लिए पूर्वानुमान अक्टूबर, 2024 की रिपोर्ट से मोटे तौर पर अपरिवर्तित है। मुख्य रूप से अमेरिका में वृद्धि के कारण अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में गिरावट होती है।
आईएमएफ के मुख्य अर्थशास्त्री पियरे-ओलिवियर गौरींचस ने कहा कि इस वर्ष मुद्रास्फीति में 4.2 प्रतिशत और अगले वर्ष 3.5 प्रतिशत की गिरावट से हाल के वर्षों में हुई वैश्विक उथल-पुथल को कम करने में मदद मिलेगी, जिसमें कोविड महामारी और यूक्रेन पर रूस का आक्रमण भी शामिल है। इनके कारण चार दशकों में मुद्रास्फीति में सबसे बड़ी वृद्धि हुई।