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नई दिल्ली: ‘टीम इंडिया’ की अवधारणा पर अमल के लिए जोर देते हुए वित्त मंत्री अरण जेटली ने आज (शनिवार) कहा कि केन्द्र और राज्यों को देश को उंची वृद्धि के रास्ते पर लाने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है। इस बीच राज्यों ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के मद्दे नजर अपने यहां भी वेतन वृद्धि पर अतिरिक्त व्यय की भरपाई के लिए केन्द्र से अधिक आबंटन की मांग की है। वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि हाल के समय में केन्द्र द्वारा की गई सुधारों की पहल को आगामी महीनों में आगे बढ़ाया जाएगा। जेटली ने भारत की वृद्धि दर में तेजी लाने के लिए राज्यों से मिलकर काम करने का आग्रह किया।वित्त मंत्री ने विदेशी निवेश आकषिर्त करने के लिए उनके प्रयासों की सराहना की और उम्मीद जताई कि ‘‘आने वाले महीनों में वृद्धि की गति रफ्तार पकड़ेगी।’’ राज्यों के साथ बजट पूर्व बैठक में जेटली ने उम्मीद जताई कि राज्य सरकारें ढांचागत क्षेत्र एवं गरीबी उन्मूलन योजनाओं पर खर्च बढ़ाएंगी क्योंकि 14वें वित्त आयोग ने उन्हें अधिक कोष दिया है।

नई दिल्ली: आने वाले आम बजट में कृषि क्षेत्र के लिए आवंटन बढ़ाने के साथ-साथ सातवें वेतन आयोग और समान रैंक समान पेंशन (ओआरओपी) को लागू करने के लिए 1.10 लाख करोड़ रुपये के प्रावधान की जरूरत होगी। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने यह कहा है। वित्त मंत्रालय से संबद्ध सलाहकार समिति की बैठक को संबोधित करते हुए जेटली ने कहा कि भारत में और तेजी गति से आगे बढ़ने की क्षमता है। उन्होंने चालू वित्त वर्ष के दौरान वित्तीय घाटे के तय लक्ष्य के दायरे में रहने के बारे में विश्वास व्यक्त किया। जेटली ने कहा, 'वित्तीय वर्ष 2016-17 के दौरान केन्द्र सरकार को 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों और समान रैंक समान पेंशन योजना को लागू करने के लिये 1.10 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान करना होगा।'

अहमदाबाद: नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने कुल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में तुलनात्मक रूप से कृषि क्षेत्र के कम योगदान को लेकर चिंता जतायी और दूसरी हरित क्रांति लाने के लिये इस क्षेत्र में सुधार का आह्वान किया। एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार पनगढ़िया कृषि विकास पर कार्यबल की बैठक की अध्यक्षता के लिये गांधीनगर में थे। इन कार्यबलों का गठन मध्य एवं पश्चिमी क्षेत्र के राज्यों ने किया है। उन्होंने कहा कि हालांकि देश की 49 प्रतिशत आबादी कृषि से संबद्ध है, लेकिन उनका कुल जीडीपी में योगदान 15 प्रतिशत ही है। विज्ञप्ति में उनके हवाले से कहा गया है, 'यह समय कृषि क्षेत्र को महत्व देने का है। दूसरी हरित क्रांति के लिये हमें क्षेत्र के विभिन्न भागों जैसे भूमि, कृषि, बीज आदि में सुधार लाना होगा

नई दिल्ली: मौजूदा 100 से 150 अरब डालर की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में अधिक निजी निवेश आकर्षित करने के इरादे से सरकार ने आज कहा कि निवेशकों को आकर्षक रिटर्न देने के लिए वह परियोजना ढांचे और नियमनों की समीक्षा करेगी। भारत निवेश सम्मेलन के दूसरे दिन वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने सॉवरेन संपदा कोषों, निजी इक्विटी और पेंशन कोषों के साथ बैठक में राजमार्ग, रेलवे तथा ऊर्जा क्षेत्र की पुरानी तथा नई परियोजनाओं के बारे में बताया। सिन्हा ने कहा, ‘मुद्दे क्या हैं और चुनौतियां क्या हैं, यह समझने के लिए हम काफी मेहनत कर रहे हैं। जहां तक कानून, नियमन और परियोजना ढांचे का सवाल है, हमें और क्या करने की जरूरत है, जिससे हम आपको अधिक आकर्षक रिटर्न दे सकें, जिसमें जोखिम भी कम हो।’

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