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संविधान की प्रस्तावना में भी संशोधन कर सकती है संसदः सुप्रीम कोर्ट
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मुंबई: कमजोर तिमाही परिणामों के बाद बैंकिंग शेयरों में ताबड़तोड़ बिकवाली के चलते बंबई शेयर बाजार आज (बुधवार) 262 अंक लुढ़ककर 21 माह के निचले स्तर 23,758.90 अंक पर बंद हुआ। कारोबारियों का कहना है कि यूरोपीय शेयर बाजारों में मजबूती तथा अमेरिकी बाजार से सकारात्मक संकेतों के बावजूद घरेलू शेयर बाजार बिकवाली के दबाव में रहे। नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी अपने 21 माह के निचले स्तर पर बंद हुआ। देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई का शेयर वित्तीय परिणामों से पहले 4.82 प्रतिशत लुढ़ककर 158.95 अंक पर बंद हुआ। बीएसई का बैंक आधारित सूचकांक दो प्रतिशत से अधिक टूटा। बीएसई का तीस शेयर आधारित सेंसेक्स सुबह 23,938.32 अंक पर कमजोर खुला। कारोबार के दौरान 23,636.72 अंक तक लुढ़कने के बाद यह लगभग 21 महीने के निचले स्तर 23,758.90 अंक पर बंद हुआ, जो कि कल के बंद स्तर की तुलना में 262.08 अंक की गिरावट दिखाता है।

नई दिल्ली: सोना एक बार फिर चमक रहा है। 2016 में सोना ने अबतक की सबसे बड़ी छलांग लगाई है। वैश्विक स्तर पर तेजी और स्थानीय स्तर पर ज्वेलरों की जबरदस्त मांग के बीच सोने ने मंगलवार को साल की सबसे बड़ी छलांग लगाते हुए 28 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गया। सोने में 710 रुपये प्रति 10 ग्राम की तेजी रही। पिछले 8 दिनों में सोने में 825 रुपये प्रति 10 ग्राम की तेजी दर्ज की जा चुकी है। सोने में मंगलवार को 710 रुपए का उछाल आया जो इस साल किसी एक कारोबारी सत्र में सबसे बढ़ी तेजी है। जेवराती सोने के भाव भी 600 रुपए की तेजी के साथ 27,100 रुपए प्रति दस ग्राम पर आ गए। औद्योगिक इकाइयों और सिक्का निर्माताओं की लिवाली की वजह से 37,000 रुपए स्तर को पार करते हुए 1180 रुपए की तेजी के साथ 37,230 रुपए प्रति किलो तक जा पहुंचे। बाजार सूत्रों के मुताबिक वैश्विक बाजारों में सोना लगातार आठ दिन की तेजी के साथ 1200 डॉलर प्रति औंस के स्तर को लांघ गया।

नई दिल्ली: केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने आज (मंगलवार) कहा कि कापरेरेट संचालन में और बेहतरी के लिये कंपनी अधिनियम और सूचीबद्ध कंपनियों के लिए सेबी के नियमों में बदलाव की जरूरत पड़ सकती है। फिक्की द्वारा यहां आयोजित एक समारोह में उन्होंने कहा, ‘‘कापरेरेट संचालन में बड़ा बदलाव दिख रहा है और पूंजीवाद के स्वरूप में भी बड़ा बदलाव है। हम जिस ढांचे के तहत काम कर रहे हैं उसमें गरीब समर्थक और बाजार समर्थक सरकार की बात की गई है।’’ वित्त राज्य मंत्री सिन्हा ने कहा, ‘‘कंपनी अधिनियम में और बदलाव की जरूरत पड़ सकती है और सेबी द्वारा सूचीबद्ध इकाइयों के नियमन के संबंध में भी और परिवर्तन करना होगा ताकि कापरेरेट संचालन को भी और मजबूत किया जा सके।’’

वाशिंगटन: नेट न्यूट्रैलिटी पर भारत के फैसले को लेकर निराशा व्यक्त करते हुए फेसबुक के संस्थापक तथा प्रमुख मार्क ज़करबर्ग ने कहा है कि वह भारत सहित दुनियाभर में कनेक्टिविटी प्रतिबंधों को खत्म करने की दिशा में काम करते रहने के लिए प्रतिबद्ध हैं। नेट न्यूट्रैलिटी पर टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) के फैसले पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में ज़करबर्ग ने फेसबुक पर एक पोस्ट में लिखा, "इंटरनेट.ओआरजी के जरिये बहुत कुछ नया किया जाना संभव है, और हम तब तक इस दिशा में काम करते रहेंगे, जब तक सभी की पहुंच इंटरनेट तक न हो जाए... " दरअसल, टेलीकॉम नियामक ट्राई ने सोमवार को नेट न्यूट्रैलिटी का पक्ष लेते हुए ऑपरेटरों पर इंटरनेट सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कॉन्टेंट के आधार पर अलग-अलग दर वसूल किए जाने से प्रतिबंध लगा दिया था, जो फेसबुक की विवादित फ्री बेसिक्स तथा उससे मिलती-जुलती अन्य योजनाओं के लिए बड़ा झटका है।

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