नई दिल्ली: इस्पात और कोयला जैसे गैर विनियमित क्षेत्रों को कोयला आपूर्ति सुनिश्चित करने और समान अवसर उपलब्ध कराने के लिए उन्हें कोयला लिंकेज यानी कोयला आपूर्ति की सुविधा नीलामी के जरिये आवंटित की जाएगी। नीलामी की प्रक्रिया इसी महीने शुरू हो जाएगी। ये उद्योग कोयला स्रोत आवंटन के मामले में गैर विनियमित क्षेत्र में आते हैं। सरकार का इरादा पहले साल में करीब 2.4 करोड़ टन कोयले की आपूर्ति सुविधा की नीलामी करने का है। बिजली एवं कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने आज (बुधवार) यहां मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक के इस निर्णय की जानकारी दी। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘सीसीईए ने गैर विनियमित क्षेत्रों को सिर्फ नीलामी के जरिये कोयला लिंकेज देने की अनुमति दी है।’ इन क्षेत्रों में सीमेंट, इस्पात-स्पॉन्ज आयरन, अल्युमीनियम और अन्य (उर्वरक व यूरिया को छोड़कर) क्षेत्र शामिल हैं।
मंत्री ने कहा कि इस रूपरेखा का मकसद अंतिम रप से कोयले का उपभोग करने वाली इकाइयों को निष्पक्ष तरीके से कोयले का स्रोत सुलभ कराना है। गोयल ने कहा कि कोयला ब्लाक देने की प्रक्रिया अभी पूरी तरह पारदर्शी नहीं है। इस पूरी प्रक्रिया में कई तरह के अनुपालन हैं। उन्होंने कहा कि नीलामी की प्रक्रिया से पारदर्शिता आएगी और इसमें उपभोक्ताओं को समान अवसर उपलब्ध होंगे।