नई दिल्ली: केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने आज (मंगलवार) कहा कि कापरेरेट संचालन में और बेहतरी के लिये कंपनी अधिनियम और सूचीबद्ध कंपनियों के लिए सेबी के नियमों में बदलाव की जरूरत पड़ सकती है। फिक्की द्वारा यहां आयोजित एक समारोह में उन्होंने कहा, ‘‘कापरेरेट संचालन में बड़ा बदलाव दिख रहा है और पूंजीवाद के स्वरूप में भी बड़ा बदलाव है। हम जिस ढांचे के तहत काम कर रहे हैं उसमें गरीब समर्थक और बाजार समर्थक सरकार की बात की गई है।’’ वित्त राज्य मंत्री सिन्हा ने कहा, ‘‘कंपनी अधिनियम में और बदलाव की जरूरत पड़ सकती है और सेबी द्वारा सूचीबद्ध इकाइयों के नियमन के संबंध में भी और परिवर्तन करना होगा ताकि कापरेरेट संचालन को भी और मजबूत किया जा सके।’’
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के 2014 में सत्ता में आने के समय को याद करते हुए उन्होंने कहा कि तब सरकार और कंपनियां दोनों को सरकारी कामकाज में भरोसा कम था। उन्होंने कहा, इसके कारण प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और घरेलू निवेश थम सा गया था। लेकिन मई 2014 में नई सरकार के सत्ता में आने के बाद सरकार के कामकाज में सुधार आने लगा। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए राजकाज और प्रशासन संचालन हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण बना रहेगा। यदि हम कापरेरेट संचालन के बेहतरीन मानकों का अनुसरण नहीं कर सके और उन्हें बरकरार नहीं रख सके तो हमारी कंपनियों के लिए निवेश आकषिर्त करना और कारोबार बढ़ाने के लिए प्रतिभाओं को आकषिर्त करना बेहद मुश्किल होगा।’’ उन्होंने कहा इसलिए कापरेरेट संचालन की पूरी प्रक्रिया और तरीका बेहद महत्वपूर्ण है।