नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरण जेटली के साथ आज (शनिवार) यहां बजट-पूर्व बैठक में ज्यादातर राज्यों ने केंद्रीय बिक्री कर (सीएसटी) को धीरे -धीरे खत्म की प्रक्रिया में राज्यों के अटके मुआवजे का भुगतान करने और इसके लिए आगामी बजट में प्रावधान किये जाने के लिए कोष मुहैया कराए जाने की मांग की। राज्यों के वित्त मंत्रियों ने केंद्र से कहा कि वह सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने पर अतिरिक्त बोझ के वहन के लिए विशेष सहायता प्रदान करे और 14वें वित्त आयोग की सिफारिश के मुताबिक राज्यों की ऋण सीमा बढ़ाने की भी अपील की। ओड़िशा के वित्त मंत्री ने प्रदीप कुमार अमत ने बैठक में कहा, ‘‘हम केंद्र से राज्यों को सीएसटी के कारण हुए नुकसान की पूरी तरह भरपाई करने के लिए 2016-17 के आम बजट में पर्याप्त प्रावधान करने का आग्रह करते हैं।’
पंजाब, उत्तर प्रदेश, असम, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों ने भी इसी तरह की मांग की है। पंजाब के वित्त मंत्री एस परमिंदर सिंह ढींढसा ने कहा, ‘‘हम चालू वित्त वर्ष के दौरान 2012-13 के लिए सभी राज्यों के शेष सीएसटी मुआवजे के लिए बजट में उचित आवंटन का आग्रह करते हैं।’’ सरकार ने धीरे धीरे चार साल में सीएसटी की दर में एक एक प्रतिशत की कमी करते हुए इसे खत्म करने का फैसला किया था। यह निर्णय वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दिशा में बढाने की प्रक्रिया का हिस्सा था।