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नई दिल्ली: वर्ष 2016-17 के बजट में आर्थिक वृद्धि की गति तेज करने के लिये बुनियादी ढांचे क्षेत्र पर काफी जोर दिया गया है। वर्ष के दौरान रेलवे और सड़क परियोजनाओं सहित विभिन्न ढांचागत योजनाओं के लिये 2.21 लाख करोड़ रुपए आवंटित किये गये हैं। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कहा कि ढांचागत क्षेत्र और निवेश अर्थव्यवस्था का मजबूत स्तंभ है और सरकार की भरसक कोशिश है कि इस क्षेत्र में आने वाली अड़चनों को दूर किया जाये। सरकार के इन्हीं प्रयासों के परिणामस्वरूप 2015 में सबसे ज्यादा सड़क निर्माण परियोजनाओं के ठेके दिये गये और मोटर वाहनों की वर्ष के दौरान सर्वाधिक बिक्री हुई। ये आर्थिक वृद्धि के स्पष्ट संकेत हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि 2016-17 के लिए बुनियादी ढांचा क्षेत्र के लिए कुल परिव्यय 2.21 लाख करोड़ रुपए रखा गया है। इसमें सड़क एवं रेल के लिए कुल आवंटन 2.18 लाख करोड़ रुपए है। उन्होंने कहा कि अटकी हुई 70 सड़क परियोजनाओं में से 85 प्रतिशत को वापस लीक पर लाया गया है। इन परियोजनाओं में 8,000 किलोमीटर से अधिक की सड़क परियोजनाओं के लिए एक लाख करोड़ रुपए तक का निवेश किया जाएगा।
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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में विपक्ष के हंगामे के बीच वित्त वर्ष 2016-17 का आम बजट पेश किया। उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था गंभीर संकट में है, वित्तीय बाजार आहत हैं और व्यापार संकुचित हुआ है। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार पर 2016-17 में सातवें वेतन आयोग और ओआरओपी खर्च का अतिरिक्त बोझ आएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकारी लाभ सिर्फ जरूरतमंदों को मिले, इसके लिए सरकार कानून बनाएगी। उन्होंने कहा कि वैश्विक निर्यात में गिरावट के बावजूद 2015-16 में वद्धि दर बढ़कर 7.6 प्रतिशत पर पहुंच गई है। हमारी बाहरी स्थिति मजबूत है। चालू खाते का घाटा घटकर 14.4 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। यह जीडीपी के 1.4 प्रतिशत के बराबर होगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि उपभोक्ता थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति पिछली साल के तीन साल में 9.4 प्रतिशत रही। यह अब घटकर 5.5 प्रतिशत पर आ गई है। उन्होंने कहा कि बजट नौ क्षेत्रों- कषि क्षेत्र, ग्रामीण ढांचा, सामाजिक क्षेत्र, शिक्षा एवं कौशल विकास, जीवनस्तर में सुधार, वित्तीय क्षेत्र, कारोबार सुगमता और कर सुधारों पर केंद्रित है। जेटली ने कहा कि हमें ढांचागत सुधारों कें जरिये अपनी बचाव क्षमता को मजबूत करना होगा।
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नई दिल्ली: महज 251 रुपये में स्मार्ट फोन देने का वादा करने वाली नोएडा की कंपनी रिंगिंग बेल्स ने अपने दावों के नकारात्मक आकलनों को देखते हुए ग्राहकों के पैसे वापस करने शुरू कर दिए हैं। रिंगिंग बेल्स के निदेशक मोहित गोयल ने बताया, 'हमें लेकर आसपास बहुत ज्यादा नकारात्मकता थी, इसलिए हमने फोन देने के बाद ही अपने ग्राहकों से पैसे लेने का फैसला किया है। जिन्होंने फोन बुक करने के लिए पैसे दिए हैं, हम उन्हें वापस लौटा रहे हैं और हम 'कैश ऑन डिलिवरी' का विकल्प दे रहे हैं।' करीब 30,000 लोगों ने फोन के बुकिंग के पैसे दिए हैं और सात करोड़ से ज्यादा लोगों ने इसके लिए पंजीकरण कराया है। इसके धन का भुगतान सीसीएवेन्यू और पेयूबिज के माध्यम से हुआ है। गोयल ने कहा, 'हम शुरुआत में ग्राहकों का पैसा नहीं चाहते हैं। हमारी परियोजना के लिए हमारे पास निवेशक हैं। मूल्य को तर्कपूर्ण ठहराने के लिए बिजनेस मॉडल है।
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नई दिल्ली: दिल्ली मेट्रो अपनी एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर एक मार्च से माल ढुलाई करेगी। यह लाइन इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से जोड़ती है। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) के अधिकारी ने कहा कि परीक्षण के तौर पर सेवा तीन महीने के लिए एक मार्च से शुरू होगी और अगर इसको लेकर अच्छी प्रतिक्रिया मिलती है तो दीर्घकालीन व्यवस्था के लिए निविदा जारी की जाएगी। इसके जरिये केवल जल्दी खराब नहीं होने वाले सामान तथा ई-कॉमर्स वेबसाइट की वस्तुओं की ढुलाई होगी। इसके लिए डीएमआरसी ने विशेषीकृत कार्गो एजेंसी के साथ सहमति पत्र पर दस्तखत किए हैं। एक अधिकारी ने कहा कि यह पहला मौका है जब देश की कोई मेट्रो लाइन का उपयोग माल ढुलाई के लिए किया जाएगा। बयान के अनुसार इस पहल से सड़कों पर माल ढुलाई वाले वाहनों में कमी आएगी और फलस्वरूप जीवाश्म ईंधन का कम उपयोग होगा और कार्बन उत्सर्जन कम होगा।
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