नई दिल्ली: गैरकानूनी धन संग्रह योजनाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (सेबी) ने इस साल अब तक 40 से अधिक कंपनियों पर शिकंजा कसा है जिन्होंने जनता से करीब 1,500 करोड़ रुपए जुटाए। सेबी ने पाया कि ज्यादातर कंपनियों ने बिना सार्वजनिक पेशकश मानदंडों का अनुपालन किए निवेशकों को तरजीही शेयर और गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर की पेशकश कर धन जुटाया। सार्वजनिक पेशकश मानदंड के तहत कंपनियों को अपनी प्रतिभूतियों को सूचीबद्ध करना होता क्योंकि हर कंपनी को 50 से अधिक लोगों को शेयर जारी करना होता है। उन्हें अन्य चीजों के अलावा मसौदा पेश करना होना है लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। इसके अलावा कुछ कंपनियों ने गैरपंजीकृत सामूहिक निवेश योजनाओं के जरिए धन जुटाए। सेबी के आंकड़ों के मुताबिक 2016 की शुरआत से लेकर अब तक बाजार नियामक ने कुल 43 कंपनियों खिलाफ कर्रवाई की है।
इन कंपनियों ने 5.2 लाख से अधिक निवेशकों से 1,479 करोड़ रुपए जुटाए हैं।