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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना
संविधान की प्रस्तावना में भी संशोधन कर सकती है संसदः सुप्रीम कोर्ट

रायपुर: छत्तीसगढ़ में शनिवार को सोने की खदान की नीलामी की गई। देश में सोने के खदान की यह पहली नीलामी है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि देश में सोने की खदान की पहली नीलामी छत्तीसगढ़ राज्य में सफलतापूर्वक सम्पन्न हुई। इसमें बाघमारा (सोनाखान) गोल्ड माइन्स का सफलतापूर्वक ई-ऑक्शन किया गया। अधिकारियों ने बताया कि आईबीएम विक्रय मूल्य रुपये 74,712 प्रति ट्राय ऑन्ज का 12.55 प्रतिशत बोली लगाकर, यह खान मेसर्स वेदान्ता लिमिटेड द्वारा प्राप्त किया गया है। इस खान की नीलामी से छत्तीसगढ़ राज्य को प्रचलित रॉयल्टी इत्यादि की आय के अतिरिक्त लगभग 81.39 करोड़ रुपये से अधिक की राशि प्राप्त होगी। राज्य सरकार के खनिज संसाधन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार बाघमारा सोने की खदान के विकास से भारत में सोने के आयात में कमी आ सकती है।

नई दिल्ली: सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक अधिकारियों द्वारा सोमवार को हड़ताल पर जाने की चेतावनी के बीच भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने शुक्रवार को कहा कि उसके कर्मचारियों का एक वर्ग 29 फरवरी की हड़ताल में शामिल हो सकता है। इसी दिन वित्त मंत्री अरुण जेटली आम बजट पेश करेंगे। बंबई शेयर बाजार को भेजी सूचना में एसबीआई ने कहा कि ऑल इंडिया स्टेट बैंक ऑफिसर्स फेडरेशन इस हड़ताल में शामिल होगी। इसी तरह अलग से भेजी सूचना में सार्वजनिक क्षेत्र के एक अन्य बैंक इंडियन बैंक ने कहा है कि उसके कर्मचारियों का एक वर्ग भी इस प्रस्तावित हड़ताल में शामिल हो सकता है।

नई दिल्ली: ट्रेनों में रेल यात्रियों को मिलने वाले चादरों, तकियों और कंबलों से बदबू आने की शिकायतों के बीच आज (शुक्रवार) रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा कि उन कंबलों की धुलाई दो महीने में एक बार की जाती है। मनोज सिन्हा ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान विभिन्न सदस्यों के पूरक सवालों के जवाब में कहा कि चादरों, तकियों के खोलों को हर दिन साफ किया जाता है जबकि कंबलों को दो महीनों में धोया जाता है। कुछ सदस्यों ने ट्रेनों में रेलवे द्वारा दिए जाने वाले चादरों, कंबलों आदि की सफाई को लेकर शिकायतें की थीं। सभापति हामिद अंसारी ने कहा कि अपना बिस्तरबंद ले जाने का पुराना चलन ही अच्छा था। सिन्हा ने कहा कि यह अच्छी सलाह है और रेलवे को कोई समस्या नहीं होगी अगर यात्री उस चलन को स्वीकार करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि यात्रियों से बेडरॉल की गुणवत्ता के संबंध में समय समय पर पत्र प्राप्त होते रहते हैं और उन उचित कार्रवाई की जाती है।

नई दिल्ली: गरीबों को दी जाने वाली सब्सिडी पर नीतिगत नजरिये से सबका ध्यान चला जाता है लेकिन सरकार की कई ऐसी नीतियां हैं जिससे संपन्न वर्ग को भी अच्छा-खासा लाभ होता है। लघु बचत योजनाओं तथा रसोई गैस, रेलवे, बिजली, विमान ईंधन, सोना तथा केरासिन पर कर राहत या सब्सिडी से करीब एक लाख करोड़ रुपये का फायदा हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा धनाढ्यों को मिलने वाली कर छूट का मामला उठाये जाने के बाद समीक्षा में यह बात कही गयी है। प्रधानमंत्री ने पिछले महीने गरीबों को मिलने वाली सब्सिडी तथा धनी लागों को मिलने वाली कर छूट की तुलना करते हुए कहा था, ‘जब लाभ किसानों या गरीबों को दिया जाता है, विशेषज्ञ एवं सरकारी अधिकारी इसे आम तौर पर सब्सिडी कहते हैं। लेकिन जब इसका लाभ उद्योग या वाणिज्य को मिलता है तो उसे सामान्य रूप से ‘प्रोत्साहन’ या ‘सहायता’ कहते हैं।

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