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रायपुर: छत्तीसगढ़ में शनिवार को सोने की खदान की नीलामी की गई। देश में सोने के खदान की यह पहली नीलामी है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि देश में सोने की खदान की पहली नीलामी छत्तीसगढ़ राज्य में सफलतापूर्वक सम्पन्न हुई। इसमें बाघमारा (सोनाखान) गोल्ड माइन्स का सफलतापूर्वक ई-ऑक्शन किया गया। अधिकारियों ने बताया कि आईबीएम विक्रय मूल्य रुपये 74,712 प्रति ट्राय ऑन्ज का 12.55 प्रतिशत बोली लगाकर, यह खान मेसर्स वेदान्ता लिमिटेड द्वारा प्राप्त किया गया है। इस खान की नीलामी से छत्तीसगढ़ राज्य को प्रचलित रॉयल्टी इत्यादि की आय के अतिरिक्त लगभग 81.39 करोड़ रुपये से अधिक की राशि प्राप्त होगी। राज्य सरकार के खनिज संसाधन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार बाघमारा सोने की खदान के विकास से भारत में सोने के आयात में कमी आ सकती है।

वहीं इसके अन्वेषण और उत्खनन के कार्यों में छत्तीसगढ़ में रोजगार के व्यापक अवसर सृजित होंगे तथा स्वर्ण आभूषणों के व्यवसाय को भी बढ़ावा मिलेगा। अधिकारियों ने बताया कि देश में स्वर्ण धातु के लिए कंपोजिट लाइसेंस (पूर्वेक्षण सह खननपट्टा) स्वीकृति का यह प्रथम मामला है। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार-भाटापारा जिला के पूर्वी क्षेत्र के लगभग 608 हेक्टेयर में फैली बाघमारा गोल्ड माइन रायपुर से लगभग 130 किलोमीटर दूर उत्तर-पूर्व में स्थित है। इस गोल्ड खान का एक्सप्लोरेशन वर्ष 1981 एवं 1990 के मध्य, संचालनालय, भौमिकी तथा खनिकर्म, पूर्ववर्ती मध्यप्रदेश द्वारा किया गया था। उन्होंने बताया कि अब तक किए गए एक्सप्लोरेशन कार्य एवं उपलब्ध रिपोर्ट के मुताबिक क्षेत्र में 2700 किलो गोल्ड मेटल आकलित किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि इस नीलामी के साथ ही छत्तीसगढ़ को देश में गोल्ड कंपोजिट लाइसेंस की सफलतापूर्वक नीलामी करने वाला प्रथम राज्य का श्रेय प्राप्त हो गया है। मध्य भारत क्षेत्र में स्वर्ण धातु के लिए यह सबसे पुराना पूर्वेक्षित क्षेत्र रहा है, जहां व्यावसायिक मात्रा में स्वर्ण भंडार होने का अनुमान है। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में प्राचीन खनन के चिन्ह भी विद्यमान है। राज्य द्वारा उक्त क्षेत्र की सफलतापूर्वक नीलामी प्रतिष्ठापूर्ण उपलब्धि है।

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