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मुंबई: त्योहारी सीजन में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने आम आदमी को बड़ा झटका दिया है। आरबीआई ने रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया है। इससे ईएमआई महंगी हो सकती है। केंद्रीय बैंक ने अपनी प्रमुख उधार दर (रेपो रेट) को 50 आधार अंकों से बढ़ाकर 5.90 प्रतिशत कर दिया है।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गर्वनर शक्तिकांत दास ने मॉनीटरी पॉलिसी कमेटी (एमपीसी) की बैठक खत्म होने के बाद बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि रेपो रेट 50 बेसिस पॉइंट बढ़ाने का फैसला किया गया है। महंगाई पर काबू पाने के लिए केंद्रीय बैंक लगातार रेपो रेट में इजाफा कर रहा है। पिछले महीने 5 अगस्त को भी आरबीआई ने रेपो रेट में 0.50 फीसदी का इजाफा किया था।

आरबीआई गवर्नर दास ने मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करते हुए कहा, "मौद्रिक नीति समिति के छह सदस्यों में से पांच ने नीतिगत दर में वृद्धि का समर्थन किया है।" उन्होंने कहा, "हम कोविड महामारी, रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद विभिन्न देशों के केंद्रीय बैंकों के नीतिगत दर में आक्रामक वृद्धि से नये ‘तूफान' का सामना कर रहे हैं।"

आरबीआई के गर्वनर शक्तिकांत दास ने कहा, "मुद्रास्फीति की ऊंची दर को देखते हुए मौद्रिक नीति समिति ने सूझ-बूझ के साथ मौद्रिक नीति को लेकर उदार रुख को वापस लेने के रुख पर कायम रहने का फैसला किया है।" उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी छमाही में मुद्रास्फीति की दर 6 प्रतिशत के आसपास रहने की उम्मीद है।

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