नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने महाराष्ट्र के लक्ष्मी को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। साथ ही इस बैंक को दिए निर्देश में कहा है कि वो अपने खाताधारकों को 5 लाख रुपये तक वापस भी करे। हालांकि इसके लिए खाताधारकों को अपनी जमा राशि के अनुसार बैंक से पैसे वापस लेने के लिए आवेदन करना होगा। खास बात ये है कि लक्ष्मी को- ऑपरेटिव बैंक महाराष्ट्र का एकलौता ऐसा बैंक नहीं है, जिसका लाइसेंस रद्द किया गया हो। इससे पहले पिछले ही साल रिजर्व बैंक ने महाराष्ट्र में कनराला नागरी कोऑपरेटिव बैंक, पनवेल का लाइसेंस रद्द कर दिया था। रिजर्व बैंक ने कहा था कि इस कोऑपरेटिव बैंक के पास पर्याप्त पूंजी नहीं है और यह अपने मौजूदा जमाकर्ताओं की पूरी राशि चुकाने की स्थिति में नहीं है। रिजर्व बैंक ने कहा कि शुक्रवार को कारोबार बंद होने के बाद बैंक बैंकिंग परिचालन नहीं कर पाएगा।
बैंक का लाइसेंस रद्द करने की घोषणा करते हुए केंद्रीय बैंक ने कहा था कि बैंक ओर से दिए गए ब्योरे के अनुसार 95 प्रतिशत जमाकर्ताओं को जमा बीमा एवं ऋण गारंटी निगम के जरिये अपनी पूरी जमा राशि मिलेगी।
अगर बैंक डूबता है तो प्रत्येक जमाकर्ता को नए नियमों के तहत जमा राशि पर बीमा दावे का अधिकार होता है, इसकी सीमा पांच लाख रुपये तक है,रिजर्व बैंक ने कहा कि करनाला नागरी सहकारी बैंक का लाइसेंस नौ अगस्त के आदेश के तहत रद्द किया गया है।
इससे पहले आरबीआई ने 14 जुलाई को पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावना नहीं होने के कारण डॉ. शिवाजीराव पाटिल निलंगेकर अर्बन कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड का लाइसेंस रद्द कर दिया था। आरबीआई ने कहा था कि ये बैंक अपनी मौजूदा वित्तीय स्थिति के हिसाब से जमाकर्ताओं को पूरा भुगतान करने में असमर्थ दिख रहा है।