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नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भविष्य में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष टैक्स दरों में कमी का संकेत दिया है। उन्होंने कहा नोटबंदी की वजह से बेहिसाब किताब वाली संपत्ति तंत्र में आ रही है जिसके परिणामस्वरूप राजस्व प्राप्ति बढ़ेगी। जेटली ने उन लोगों को चेतावनी दी है जो कि बड़ी मात्रा में नकदी अपने पास रखे हुये हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। एजेंसियां पूरे मामले पर नजदीकी से निगाह रखे हुये हैं। सरकार ने आठ नवंबर को एक झटके में उच्च मूल्य वर्ग के नोटों को बंद कर दिया। उसके इस आदेश से अर्थव्यवस्था में चल रही 86% राशि के नोट चलन से बाहर हो गये। सरकार ने बंद किये गये नोटों को इस साल की समाप्ति से पहले अपने बैंक खातों में जमा कराने की अनुमति दी है। दूसरी तरफ बैंकों से नई करेंसी वितरित की जा रही है। बैंक खातों में जो भी धन जमा कराया गया है उसका हिसाब-किताब देना होगा और उसपर टैक्स भुगतान करना होगा। ऐसे बेहिसाब धन की स्वैच्छिक जानकारी देने पर 50% की दर से टैक्स देना होगा जबकि खुलासा नहीं करने पर 85% की दर से टैक्स लिया जायेगा। उन्होंने कहा, ‘इस तरह से काफी धन जो कि आर्थिक तंत्र में खुली नकदी के तौर पर इस्तेमाल होता रहा है अब बैंकिंग तंत्र में आ गया है।’ उन्होंने कहा, ‘इसका पूरा हिसाब-किताब होना चाहिये और जहां टैक्स नहीं लिया गया है वहां टैक्स वसूला जायेगा।’

नई दिल्ली: नोटबंदी के बाद कालेधन को सफेद करने में लगातार बैंकों पर उठ रही ऊंगली के बीच खबर आ रही है कि वित्त मंत्रालय ने देशभर के बैंकों के करीब 500 शाखाओं का स्टिंग ऑपरेशन करवाया है। ताकि वहां हो रही गड़बडि़यों का खुलासा हो सके। सरकार के पास इस स्टिंग की करीब 400 सीडी पहुंच गई है। एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक वित्त मंत्रालय ने जिन बैंकों का स्टिंग करवाया है उसमें निजी और सरकारी दोनों बैंक की शाखाएं हैं। सरकार की ओर से स्टिंग का फैसला नोटबंदी के बाद लगतार पकड़े जा रहे नए नोटों के बाद लिया गया है। इन सीडी में बैंकों में पुलिस-दलाल और प्रभावशाली लोगों कैसे धन बदला जा रहा है इसके सुबूत रिकार्ड किए गए हैं। इनमें महानगरों के साथ-साथ कुछ छोटे शहरों की निजी और सरकारी बैंकें शामिल हैं। हाल ही में गुजरात के डीसा में हुई रैली में पीएम मोदी ने बैंकों में गड़बड़ी करने वालों को चेताया था। उन्होंने साफ शब्दों में कहा था कि बैंकों में की जा रही धंधली पर सरकार की नजर है। रैली में पीएम मोदी ने कहा था कि इन्हें लग रहा है कि पिछले दरवाजे से गड़बड़ी कर लेंगे, लेकिन इन्हें पता नहीं कि मोदी ने पिछले दरवाजे पर भी कैमरे लगाए हुए हैं। पीएम ने डीसा रैली में बैक कर्मियों को चेताते हुए कहा था कि गडबड़ी करने वाले बैंककर्मी सरकार की नजरों से नहीं बच सकते हैं।

मुंबई: साइरस मिस्त्री को शेयरधारकों के मतदान के बाद सोमवार को टाटा इंडस्ट्रीज के निदेशक पद से हटा दिया गया। टाटा समूह के चेयरमैन पद से हटाये जाने के बाद यह पहला मौका है जब उन्हें निदेशक मंडल से हटाया गया। टाटा इंडस्ट्रीज ने कहा कि निदेशक पद से हटाये जाने के बाद वह कंपनी के चेयरमैन भी नहीं रहे। बयान के अनुसार, टाटा इंडस्ट्रीज की 12 दिसंबर 2016 को हुई असाधारण आम बैठक (ईजीएम) में कंपनी के निदेशक मंडल से साइरस मिस्त्री को हटा दिया गया। इसीलिए वह कंपनी के चेयरमैन भी नहीं रहे। मिस्त्री को नमक से लेकर साफ्टवेयर तक बनाने वाली 103 अरब डालर की होल्डिंग कंपनी टाटा संस के चेयरमैन पद से इस वर्ष 24 अक्तूबर को हटा दिया गया। उसके बाद से अंतरिम चेयरमैन रतन टाटा ने अपनी स्थिति मजबूत करने के इरादे से प्रमुख सूचीबद्ध कंपनियों से मिस्त्री को हटाने के लिये कदम उठाया है। पूरे दिसंबर में टाटा समूह की सूचीबद्ध कंपनियों की ईजीएम प्रस्तावित है जिसमें मिस्त्री को संबंधित कंपनियों के निदेशक मंडल से हटाने के टाटा संस के प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा। ईजीएम के बाद टाटा इंडस्ट्रीज के निदेशक मंडल में केआरएस जामवाल, आर भींगे, इरेना विट्ठल, आशीष धवन, एन श्रीनाथ और एफ एन सुबेदार शामिल हैं। टाटा इंडस्ट्रीज टाटा संस की अनुषंगी कंपनी है।

नई दिल्ली: प्रस्तावित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था में करदाता इकाइयों पर नियंत्रण के अधिकार के मुद्दे पर केंद्र व राज्यों के बीच रविवार को कोई चर्चा नहीं होने के कारण अब इस नई कर प्रणाली के अगले साल एक अप्रैल से लागू किए जाने की संभावना एक तरह से मुश्किल दिख रही है। जीएसटी परिषद की छठवीं बैठक में जीएसटी करदाताओं पर दोहरे नियंत्रण के मुद्दे पर फैसला किया जाना था लेकिन दो दिन की यह बैठक आज एक दिन में ही खत्म कर दी गई और इसमें नियंत्रण पर अधिकार के मुद्दे पर चर्चा नहीं हो सकी। आज का दिन प्रस्तावित जीएसटी विधेयकों के अनुच्छेदवार चर्चा में निकल गया। जीएसटी परिषद की आगामी बैठक अब 22-23 दिसंबर को होगी। बैठक के बाद वित्त मंत्री अरूण जेटली ने यद्यपि नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली को एक अप्रैल 2017 से लागू करन के लक्ष्य के बारे में साफ साफ कुछ नहीं कहा पर केरल व तमिलनाडु जैसे राज्यों के प्रतिनिधियों ने कहा कि अब यह समयसीमा संभव नहीं दिखती। अब जीएसटी को सितंबर 2017 से लागू किए जाने की संभावना है। जेटली ने कहा, ‘विधेयक के मसौदे में लगभग 195 अनुच्छेद हैं। इसलिए यह पूरे कानून का केंद्रीय विधेयक है। हमने 99 अनुच्छेदो पर चर्चा की और अभी कुछेक धाराओं को फिर से लिखने की जरूरत है। आने वाले दिनों में इसमें संशोधन कर लेंगे। उम्मीद है कि अगले बैठक में विधेयक से सम्बधित प्रस्तावों को मंजूरी मिल जाएगी।’

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