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नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय ने रिजर्व बैंक के यथास्थिति बनाये रखने के फैसले को ‘साहसिक और बढ़िया’ करार दिया और कहा कि वैश्विक अनिश्चितता के दौर में नीतिगत दर में कटौती से विदेशी निवेशक अपना निवेश यहां से निकालने लगते। आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने कहा, ‘अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दर के बारे में निर्णय को लेकर संभवत: अनिश्चितता है। इसीलिए अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में अनिश्चितता को ध्यान में रखते हुए तथा मुद्रास्फीति के नीचे जाने को लेकर कुछ प्रतिरोध के साथ रिजर्व बैंक ने यथास्थिति बनाये रखने तथा देखो और इंतजार करो की नीति अपनाने का फैसला किया।’ रिजर्व बैंक ने अपनी पांचवीं मौद्रिक नीति समीक्षा में प्रमुख नीतिगत ब्याज दर को 6.25 प्रतिशत पर बरकरार रखा। मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियम ने कहा, ‘यह रिजर्व बैंक का साहसिक और बढ़िया फैसला है क्योंकि यह लोगों की उम्मीद के विपरीत है। अगर वह नीतिगत दर में कटौती करते तो निवेशकों के लिये रपये को छोड़कर अन्य मुद्रा में निवेश आकषिर्त करता। यह बहुत महत्वपूर्ण तथ्य है।’ सकल मूल्य वर्धन के अनुमान को 7.6 प्रतिशत से घटाकर 7.1 प्रतिशत करने के निर्णय के बारे में आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने कहा कि अन्य तबकों ने जीडीपी में अधिक कटौती का अनुमान जताया और रिजर्व बैंक का अनुमान उससे थोड़ा उलट है।

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