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नई दिल्ली: सरकार ने आज कहा कि सरकार द्वारा जनधन खातों के दुरूपयोग के प्रति आगाह किए जाने के बाद इन बैंक खातों में जमाओं के प्रवाह में अच्छी खासी कमी आई है। सरकार ने जनधन खाताधारकों को चेतावनी दी थी कि वे अपने खातों का दुरूपयोग कालेधन को वैध बनाने के लिए नहीं करने दें। नोटबंदी के बाद इन खातों में जमाओं में अचानक उछाल देखने को मिला था। हालांकि सरकार के कड़े रुख व चेतावनी के बाद इनमें हो रही जमाएं लगातार कम हुई हैं। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अनुसार इन खातों में 8 से 15 नवंबर के दौरान 20,206 करोड़ रुपये जमा हुए। वहीं 16-22 नवंबर के दौरान यह राशि 11,347 करोड़ रुपये रही। इसी तर 23-30 नवंबर की अवधि में इन खातों में होने वाली जमाएं घटकर 4867 करोड़ रुपये रह गई। इसके अनुसार जनधन खातों में कुल जमाएं एक दिसंबर को 410 करोड़ रुपये व दो दिसंबर को 389 करोड़ रुपये रही।
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मुंबई: रिजर्व बैंक के नीतिगत दर को अपरिवर्तित रखने के फैसले से शेयर बाजारों में पिछले दो दिन से जारी तेजी पर आज विराम लग गया और सेंसेक्स 156 अंक की गिरावट के साथ 26,237 अंक पर बंद हुआ। रिजर्व बैंक का कदम बाजार की उम्मीदों के विपरीत है। रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने अपनी दूसरी मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया और 6.25 प्रतिशत पर बरकरार रखा। साथ ही नकद आरक्षित अनुपात को भी चार प्रतिशत पर कायम रखा। साथ ही केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिये जीडीपी वृद्धि के अनुमान को 7.6 प्रतिशत से कम कर 7.1 प्रतिशत कर दिया। उसने कहा कि नोटबंदी के कारण अल्पकाल में आर्थिक गतिविधियों के बाधित होने तथा मांग में कमी से वृद्धि के नीचे जाने का जोखिम है। तीस शेयरों वाला सूचकांक 155.89 अंक या 0.59 प्रतिशत की गिरावट के साथ 26,236.87 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 26,540.83 से 26,164.82 अंक के दायरे में रहा।पिछले दो सत्रों में सेंसेक्स 162.10 अंक मजबूत हुआ था। नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी 41.10 अंक या 0.50 प्रतिशत की गिरावट के साथ 8,102.05 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 8,077.50 से 8,190.45 अंक के दायरे में रहा। बीएनपी परिबा म्यूचुअल फंड के वरिष्ठ कोष प्रबंधक के लक्ष्मणन ने कहा, ‘‘आज बाजार में कारोबार के पहले चरण में सतर्कता के साथ कारोबार हुआ।
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मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक ने आज कहा कि नोटबंदी का फैसला व्यापक चर्चा के बाद किया गया न कि जल्दबाजी में। इसके साथ ही बैंक ने नकदी संकट से निपटने के लिए नयी मुद्रा की लगातार आपूर्ति करने का वादा भी किया है। केंद्रीय बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने यहां कहा, ‘यह (नोटबंदी का) फैसला जल्दबाजी में नहीं किया बल्कि यह कदम व्यापक विचार विमर्श के बाद उठाया गया।’ उन्होंने कहा कि इस पहल में गोपनीयता का पूरा ध्यान रखा गया तथा केंद्रीय बैंक व सरकार को इससे आम जनता को होने वाली तात्कालिक दिक्कतों का भान था तथा इन्हें दूर करने के लिए हरसंभव कदम उठाए गए हैं। द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद पटेल ने मीडिया से कहा कि आम लोगों को हो रही दिक्कतें ‘हमारी शीर्ष प्राथमिकता में हैं’ और इस बात की पूरी कोशिश की जा रही है कि ‘दिक्कत की यह अवधि कम से कम हो।’ रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर आर गांधी ने कहा कि 500 व 1000 रुपये के जितने मूल्य के नोट प्रचलन से बाहर किए थे उनमें से 11.85 लाख करोड़ रुपये की राशि फिर प्रणाली में आ गई है। सरकार ने 8 नवंबर की रात नोटबंदी की घोष
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नई दिल्ली: नोटबंदी के बाद आज (बुधवार) पहली बार रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने क्रेडिट पॉलिसी का ऐलान किया। नए नीतिगत फैसलों में देश पर विकास दर के कम होने का खतरा मंडराने लगा है। इसके अलावा आरबीआई ने रेप रेट में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसका मतलब साफ है कि आपकी ईएमआई नहीं घटेगी। नोटबंदी के बाद पहली बार रिजर्व बैंक के गर्वनर उर्जित पटेल ने क्रेटिड पॉलिसी यानि कर्ज नीति का ऐलान किया। माना जा रहा था कि इस क्रेडिट पॉलिसी में ब्याज दरों में कटौती की जा सकती है और इसका सीधा असर आपकी इएमआई पर पड़ सकता है। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ और आरबीआई ने रेपोरेट में कोई बदलाव नहीं किया। यानी मौजूदा रेपो रेट 6.25 फीसदी आगे भी बरकरार रहेगा। इसके अलावा आरबीआई के गर्वनर उर्जित पटेल ने देश के विकास दर के भी कम होने का अनुमान लगाया है। यानी पहले विकास दर का अनुमान 7.6 लगाया गया था, जिसे अब 7.1 कर दिया गया है। इसके अलावा 4 लाख करोड़ के नए नोट जारी किये गए हैं। इन नए नोटों में 10, 20 और 50 और 100 के होंगे। रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता में एमपीसी की यह दूसरी बैठक है। इससे पहले अक्टूबर में हुई बैठक में समिति ने रेपो रेट को 0.25 प्रतिशत घटाकर 6.25 प्रतिशत करने का फैसला किया था। जनवरी 2015 के बाद से रिजर्व बैंक मुख्य नीतिगत दर में 1.75 प्रतिशत कटौती कर चुका है।
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