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'हाईकोर्ट के आदेश तक ट्रायल कोर्ट कोई कार्रवाई न करे': सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली: पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने पेट्रोल और डीजल के दाम की दैनिक आधार पर समीक्षा करने पर रोक के लिए सरकार के हस्तक्षेप से इनकार किया। ईंधन के दाम में जुलाई के बाद से 7.3 रुपए प्रति लीटर की वृद्धि के साथ उठ रहे सवालों के बीच उन्होंने यह बात कही। उन्होंने तीन जुलाई से कीमतों में वृद्धि के प्रभाव को हल्का करने के लिए कर में कटौती को लेकर भी कोई प्रतिबद्धता नहीं जताई। उन्होंने कहा, 'समय आ गया है कि जीएसटी परिषद पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार करें।' पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि को लेकर आलोचना को अनुचित करार देते हुए धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि 16 जून को दैनिक आधार पर कीमत समीक्षा के बाद एक पखवाड़े तक कीमतों में आई कमी की अनदेखी की गई और केवल अस्थाई तौर पर मूल्य वृद्धि की प्रवत्ति को जोर-शोर से उठाया जा रहा है। देश अपनी जरूरतों का 80 प्रतिशत आयात से पूरा करता है और इसीलिए 2002 से घरेलू ईंधन की दरों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों में उतार-चढ़ाव से जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि पहले दरों को हर पखवाड़े बदला जाता था लेकिन 16 जून से इसे दैनिक आधार पर बदला जा रहा है।

नई दिल्ली: अगस्त महीने में खुदरा मुद्रास्फीति की दर बढ़कर पांच महीने के उच्चस्तर 3.36 प्रतिशत पर पहुंच गई है। सब्जियों और फलों के भाव बढ़ने के चलते खुदरा महंगाई दर बढ़ी है। इससे पिछले महीने उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति की दर 2.36 प्रतिशत पर थी। अगस्त महीने का खुदरा मुद्रास्फीति का आंकड़ा मार्च, 2017 के बाद सबसे ऊंचा है। उस समय यह 3.89 प्रतिशत पर थी। सरकार की ओर से मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार अगस्त में खाद्य मुद्रास्फीति बढ़कर 1.52 प्रतिशत पर पहुंच गई। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार माह के दौरान रोजाना उपभोग वाले फल और सब्जियों की महंगाई दर बढ़कर क्रमश: 5.29 प्रतिशत और 6.16 प्रतिशत हो गई। यह जुलाई में क्रमश: 2.83 प्रतिशत और शून्य से 3.57 प्रतिशत नीचे थी। इसी तरह तैयार भोजन, जलपान और मिठाई की श्रेणी में मुद्रास्फीति अगस्त में बढ़कर 1.96 प्रतिशत हो गई। जो जुलाई में 0.43 प्रतिशत थी। इसी तरह परिवहन और संचार क्षेत्रों में भी महंगाई दर बढ़कर 3.71 प्रतिशत हो गई, जो जुलाई में 1.76 प्रतिशत थी।

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों का महंगाई भत्ता (डीए) एक प्रतिशत बढ़ाकर पांच प्रतिशत कर दिया है। इस फैसले से उसके 50 लाख कर्मचारियों तथा 61 लाख पेंशनभोगियों को लाभ होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया। इसके अलावा सरकार ने निजी क्षेत्र के कर्मचारियों की ग्रेच्युटी की सीमा बढाकर 20 लाख रूपये करने संबंधी विधेयक को आज मंजूरी दे दी। केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में ग्रेच्युटी भुगतान (संशोधन) विधेयक 2017 को संसद में पेश करने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया, इस संशोधन विधेयक के पारित होने के बाद निजी क्षेत्र तथा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और सरकार के तहत काम करने वाले स्वायत्त संस्थानों के कर्मचारियों की ग्रेच्युटी की सीमा केन्द्र सरकार के कर्मचारियों के बराबर हो जाएगी। पिछले वर्ष तक केन्द्र सरकार तथा निजी क्षेत्र दोनों के कर्मचारियों की ग्रेच्युटी की सीमा 10 लाख रूपये थी। सरकार की तरफ से आधिकारिक बयान में कहा गया है कि मूल्यवृद्धि से राहत के लिए मूल वेतन-पेंशन पर डीए की एक प्रतिशत बढ़ी हुई किस्त जारी की जाएगी। महंगाई भत्ते की नई दरें एक जुलाई से लागू होंगी।

मुंबई: सरकार ने 16 जून 2017 से पेट्रोल और डीजल के भाव को रोजाना स्तर पर तय करना शुरू किया था और तब से भाव में एकतरफा तेजी देखने को मिल रही है। दिल्ली में पेट्रोल का दाम 70.30 रुपए प्रति लीटर मिल रहा है, जो करीब 8 महीने में सबसे अधिक भाव है। वहीं, मुंबई में पेट्रोल 79.41 रुपए प्रति लीटर रहा जो अगस्त 2014 के बाद मुंबई में सबसे अधिक भाव है। वहीं कोलकाता में 73.05 रुपए और चैन्नई में 72.87 रुपये प्रति लीटर के भाव से पेट्रोल मिल रहा है। रोजाना डीजल -पेट्रोल की बढ़ती कीमतों से यूं तो ग्राहकों को फायदा होने का दावा किया गया था, लेकिन ऐसा लग नहीं रहा है कि इससे ग्राहकों को कोई फायदा हो रहा है। आपको बता दें कि ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने 16 जून से 15 साल पुरानी व्यवस्था को छोड़ रोजाना कीमतों की समीक्षा व्यवस्था लागू की है। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 30 अगस्त को साफ कर दिया है कि पेट्रोल-डीजल के दाम कम नहीं होंगे। धर्मेंद्र प्रधान ने कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में तेजी के मद्देनजर पेट्रोल व डीजल पर करों में किसी तरह की कटौती की संभावना को खारिज कर दिया। प्रधान ने इस बारे में पूछे जाने पर पत्रकारों से कहा, ऐसे हालात नहीं हुए हैं कि हम कर ढांचे पर फिर से विचार करें।

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