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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

नई दिल्ली: केंद्रीय उड्डयन मंत्रालय ने हवाई सफर करने वाले यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नो-फ्लाई लिस्ट जारी की है। जिसमें हवाई सफर के दौरान हंगामा करने वाले यात्रियों के लिए सख्त नियमों का प्रावधान किया गया है। शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री अशोक गजपति राजू ने लिस्ट जारी करते हुए बताया कि फ्लाइट में गलत व्यवहार करने वाले पर कानूनी कार्रवाई के अलावा नो-फ्लाई लिस्ट की कैटिगरीज में ऐक्शन लिया जाएगा। नो-फ्लाई लिस्ट को तीन कैटिगरीज में बांटा गया है, जिसमें विमान में गलत व्यवहार करने वाले यात्रियों पर तीन महीने से लेकर लाइफ टाइम बैन लगाया जा सकता है। पहला लेवर होगा वर्बल व्यवहार यानि मौखिक तौर पर बुरा व्यवहार, दूसरा फिजिकल यानि की शारीरिक तौर पर नुकसान पहुंचाना और तीसरा जान से मारने की धमकी देना। तीनों स्तर के व्यवहार के लिए सजा का भी प्रावधान है। पहले स्तर के व्यवहार के लिए तीन महीने के लिए हवाई यात्रा पर प्रतिबंध, दूसरे स्तर के लिए छह महीने के लिए हवाई यात्रा पर प्रतिबंध और तीसरे स्तर के लिए दो साल से ज्यादा या फिर आजीवन प्रतिबंध का प्रावधान है। बैन के खिलाफ अपील करने के लिए कमिटी होगी और फिर अदालत में भी चुनौती दी जा सकेगी।

केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने कहा कि सुरक्षा संबंधी नो-फ्लाई लिस्ट लाने वाला भारत पहला देश होगा। सरकार ने यह कदम हाल में विमान में परिचालन दल के साथ हुए दुर्व्यवहार की घटनाओं के मद्देनजर उठाया है। इन घटनाओं में सबसे चर्चित शिवसेना सांसद रवींद्र गायकवाड़ का मामला रहा। उन्होंने बिजनेस क्लास में सीट नहीं मिलने पर कथित तौर पर एयर इंडिया के कर्मचारी के साथ मारपीट की थी। नागर विमानन मंत्रालय के मुताबिक विमान के पायलट की ओर से किसी यात्री की शिकायत करने पर एयरलाइन की आतंरिक समिति मामले की जांच करेगी। समिति 30 दिन की अवधि के भीतर प्रतिबंध की अवधि पर फैसला करेगी। यदि समिति इस अवधि में फैसला देने में विफल रहती है, तो यात्री उड़ान के लिए स्वतंत्र होगा। साथ ही यात्री को प्रतिबंध के खिलाफ अपील कर सकेंगे।

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