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'हाईकोर्ट के आदेश तक ट्रायल कोर्ट कोई कार्रवाई न करे': सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें वर्ष 2014 की तुलना में आधी हो जाने के बावजूद देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं। केंद्र सरकार के 3 साल के कार्यकाल में कच्चे तेल की कीमतें 53 फीसदी तक गिरी हैं, मगर बुधवार को पेट्रोल मुंबई में 80 रुपये तो दिल्ली में 70.38 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गया। पेट्रो कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी के लिए इसी साल 16 जून से लागू किए गए डेली डायनेमिक प्राइसिंग (डीडीपी) की नई व्यवस्था के अलावा केंद्र और राज्यों द्वारा अपनी कमाई बढ़ाने के लिए अधिक कर वसूला जाना भी है। तीन साल के दौरान डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 380 फीसदी तो पेट्रोल पर 120 फीसदी बढ़ाई गई। यही नहीं, हर रोज कीमत तय होने के महज दो माह में ही पेट्रोल 5 रुपये प्रति लीटर महंगा हो गया है। गौरतलब है कि विपक्ष में रहते और लोकसभा चुनाव प्रचार में भाजपा ने तेल की कीमतों को बड़ा मुद्दा बनाया था। एक्साइज ड्यूटी और वैट में बढ़ोतरी पर रोक लगाने के लिए नई प्रणाली पर जोर दिया था। मगर, सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार ने तीन साल में पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में 11 बार बदलाव किया है।इस दौरान   वैट बढ़ाने वाले राज्यों की संख्या बढ़ती गई

नई दिल्ली: तमिलनाडु के दिवंगत मुख्यमंत्री एमजी रामचंद्रन की जन्मशती के अवसर पर सरकार 100 रुपये और पांच रुपये का सिक्का जारी करेगी। सौ रुपये का सिक्का 44 मिलीमीटर का होगा. इसका वजन 35 ग्राम होगा। इसके अगले भाग पर अशोक स्तंभ बना होगा जिसके नीचे सत्यमेव जयते लिखा होगा। अशोक स्तंभ के एक ओर भारत और एक ओर इंडिया लिखा होगा। सिक्के के पिछले भाग पर एमजी रामचंद्रन का फोटो होगा. फोटो के नीचे 1917-2017 लिखा होगा। सौ रुपये का सिक्का चार धातुओं को मिलाकर बनेगा। इसमें चांदी 50 फीसद, तांबा 40 फीसद, निकल पांच फीसद और जस्ता पांच फीसद होगा। वहीं पांच रुपये का सिक्का 23 मिलीमीटर का होगा. इसका वजन छह ग्राम होगा। इसके अगले भाग पर अशोक स्तंभ बना होगा जिसके नीचे सत्यमेव जयते लिखा होगा। अशोक स्तंभ के एक ओर भारत और एक ओर इंडिया लिखा होगा। सिक्के के पिछले भाग पर एमजी रामचंद्रन का फोटो और इसके नीचे 1917-2017 लिखा होगा। यह तांबा (75 फीसद), जस्ता (20 फीसद) और निकल (पांच फीसद) से बना होगा।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने घर खरीदने वाले लोगों की आंखों में आंसुओं पर दुख जाहिर करते हुए कहा है कि बिल्डर उनके साथ दगाबाजी नहीं कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने जेपी ग्रुप को अपने दस ग्राहकों को फ्लैट सौंपने में देर करने को लेकर 50 लाख रुपये का अंतरिम मुआवजा देने का निर्देश दिया। न्यायालय ने यह भी कहा कि घर खरीदारों से सामान्य निवेशकों जैसा बर्ताव नहीं किया जा सकता क्योंकि उन्होंने अपने सिर पर छत के लिए अपनी गाढ़ी कमाई खर्च की है। इससे पहले, सुप्रीमकोर्ट ने जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड को अल्प अवधि की सावधि जमा के तौर पर बैंक में चार करोड़ रुपये जमा करने और नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर इसकी कलिप्सो कोर्ट परियोजना में घर खरीदारों को फ्लैट सौंपने का निर्देश दिया था। दरअसल, रियल एस्टेट कंपनी ने राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) के दो मई 2016 के आदेश को चुनौती दी थी। आयोग ने घर खरीदारों को फ्लैट सौंपने में हो रही देर को लेकर 12 फीसदी सालाना की दर से जुर्माना लगाया था। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने कहा कि वह घर खरीदारों की आंखों में आंसू देख कर चिंतित हैं। इन लोगों से बिल्डर दगाबाजी नहीं कर सकते हैं।

नई दिल्ली: काला धन छिपाने में ऑडिटरों की भूमिका की जांच के लिए शेल कंपनियों पर कई एजेंसियों ने कड़ी कार्रवाई की नीति अपना ली है। सूत्रों ने बताया कि अवैध लेन-देन में संलिप्तता को लेकर ऑडिटरों पर नजर रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि सूचीबद्ध कंपनियों समेत कई मामले सामने आने के बावजूद आडिटरों द्वारा सतर्क नहीं किए जाने को लेकर उनकी भूमिका की जांच की जा रही है। ये मामले कथित तौर पर वित्तीय ब्योरे में असमानता, नेटवर्थ में भारी गिरावट, कंपनी के समूह या प्रवर्तकों को धन स्थानांतरित करने से संबंधित हैं। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) और अन्य नियामकीय प्राधिकरण शेल कंपनियों की गतिविधियों पर कड़ी नजर बनाये हुए हैं। सूत्रों ने बताया, नियामकीय एजेंसियां इस बात की जांच कर रही हैं कि इस तरह की अवैध गतिविधियों में ऑडिटरों की क्या भूमिका रही। उन्होंने कहा कि सेबी और मंत्रालय विभिन्न कंपनियों खासकर लंबे समय से कारोबार नहीं कर रही कंपनियों के ऑडिटरों पर नजर रख रही हैं। प्राधिकरण गहन आकलन के बाद अगले कदम के बारे में निर्णय लेगी।

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