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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

मुंबई: सरकार ने 16 जून 2017 से पेट्रोल और डीजल के भाव को रोजाना स्तर पर तय करना शुरू किया था और तब से भाव में एकतरफा तेजी देखने को मिल रही है। दिल्ली में पेट्रोल का दाम 70.30 रुपए प्रति लीटर मिल रहा है, जो करीब 8 महीने में सबसे अधिक भाव है। वहीं, मुंबई में पेट्रोल 79.41 रुपए प्रति लीटर रहा जो अगस्त 2014 के बाद मुंबई में सबसे अधिक भाव है। वहीं कोलकाता में 73.05 रुपए और चैन्नई में 72.87 रुपये प्रति लीटर के भाव से पेट्रोल मिल रहा है। रोजाना डीजल -पेट्रोल की बढ़ती कीमतों से यूं तो ग्राहकों को फायदा होने का दावा किया गया था, लेकिन ऐसा लग नहीं रहा है कि इससे ग्राहकों को कोई फायदा हो रहा है। आपको बता दें कि ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने 16 जून से 15 साल पुरानी व्यवस्था को छोड़ रोजाना कीमतों की समीक्षा व्यवस्था लागू की है। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 30 अगस्त को साफ कर दिया है कि पेट्रोल-डीजल के दाम कम नहीं होंगे। धर्मेंद्र प्रधान ने कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में तेजी के मद्देनजर पेट्रोल व डीजल पर करों में किसी तरह की कटौती की संभावना को खारिज कर दिया। प्रधान ने इस बारे में पूछे जाने पर पत्रकारों से कहा, ऐसे हालात नहीं हुए हैं कि हम कर ढांचे पर फिर से विचार करें।

प्रधान ने कहा कि नयी व्यवस्था में पेट्रोल व डीजल के दामों में बदलाव पारदर्शी आधार पर किया जा रहा है और शहरानुसार कीमतें एसएमएस पर उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि कीमतों में दैनिक आधार पर बदलाव बाजार को सटीक ढंग से परिलक्षित करता है। क्या सरकार पेट्रोल व डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती पर विचार कर रही है, यह पूछे जाने पर उन्होंने कहा, अभी नहीं. जब ऐसी परिस्थिति होगी तो हम देखेंगे। प्रधान ने कहा कि उनका मंत्रालय पेट्रोल व डीजल को माल व सेवाकर जीएसटी प्रणाली के दायरे में लाए जाने के पक्ष में है। पेट्रोल, डीजल, कच्चे तेल, विमानन ईंधन व प्राकृतिक गैस को जीएसटी से अलग रखा गया है। उन्होंने कहा, हम विा मंत्रालय तथा राज्यों से भी बार बार आग्रह कर रहे हैं कि पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी प्रणाली में शमिल किया जाएगा।

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