नई दिल्ली: रेल मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को कहा कि मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना रेल परिवहन के लिए मील का पत्थर साबित होगी। गोयल ने दावा किया कि बुलेट ट्रेन परियोजना निर्धारित लक्ष्य दिसंबर 2023 से एक साल पहले ही पूरी कर ली जाएगी उन्होंने कहा, बुलेट ट्रेन देश में हवाई यात्रा का नया विकल्प बनेगी। बल्कि इसकी नई तकनीक भारत में रेल परिचालन को अधिक सुरक्षित बनाएगी। मेक इन इंडिया के तहत नई तकनीक के कोच उत्पादन से 12 लाख नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। रेल मंत्री बनने के बाद पहली बार मीडिया को संबोधित करते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे संयुक्त रूप से गुजरात के साबरमती में 14 सितंबर को बुलेट ट्रेन परियोजना का शिलान्यास करेंगे। बुलेट ट्रेन के परिचालन के बाद मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड कॉरिडोर के सामानांतर नए उद्योग व व्यवसाय विकसित किए जाएंगे। इससे लगभग 12 लाख युवाओं को रोजगार मिलेगा। बुलेट ट्रेन तकनीक को रेलवे अधिकारियों को हस्तानांतरण के लिए साबरमती में प्रशिक्षण केंद्र खोला जाएगा। बुलेट ट्रेन परिचालन में सीधे तौर पर चार हजार और अपरोक्ष रूप से 20 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। रेल मंत्री ने बताया कि बुलेट ट्रेन के लिए जापान की शिंकनसेन तकनीक रेलवे के ट्रेन परिचालन को अधिक सुरक्षित बनाएगी।
इस तकनीक को हाईस्पीड ट्रेन में दुनिया की सबसे बेहतरीन तकनीक माना जाता है। जापान की यह तकनीक देश में तेज, सुरक्षित व सुविधाजनक रेल यात्रा मुहैया कराएगी। रेल मंत्री ने बुलेट ट्रेन परियोजना पर एक लाख 8000 करोड़ रुपये के निवेश को मंहगा होने के आरोपों को खारित करते हुए कहा कि नई तकनीक शुरू में मंहगी होती है। लेकिन बाद में बड़े पैमाने पर इस तकनीक से कोच उत्पादन से मुनाफा कमाया जा सकता है। तीन दशक पहले मारुति सुजुकी मंहगी तकनीक लगती थी लेकिन आज स्वदेशी विकसित मारुति तकनीक से अच्छी कारें उपलब्ध हैं। पीयूष गोयल ने कहा कि कहा कि परियोजना की कुल लागत को 81 फीसदी पैसा जापान 0.1 फीसदी के सस्ते ब्याज पर 50 साल के लिए दे रहा है। भारत सहित विश्व में बुनियादी ढांचे के लिए इतने सस्ते ब्याज पर यह पहला कर्ज देने का मामला होगा।