ताज़ा खबरें
आरएसएस-बीजेपी को हराने का रास्ता गुजरात से होकर जाता है: राहुल

नेपीताव: नोबेल पुरस्कार विजेता आंग सान सू की की पार्टी ने उनके पूर्व ड्राइवर एवं करीबी सहयोगी को म्यांमार के अगले राष्ट्रपति पद के लिए नामित किया। सू की ने प्रण किया है कि सेना के बनाए हुए विधान में अपने उपर लगे प्रतिबंध के बावजूद वह देश के शासन-प्रशासन में प्रमुख भूमिका निभाएंगी क्योंकि काफी संघर्ष के बाद नवंबर में हुए चुनावों में उनकी पार्टी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) को लाखों लोगों ने वोट देकर भारी जनादेश दिया था। कई महीनों तक चली अटकलों के बाद ह्तिन क्यॉ के नाम का चयन किया गया है। 69 वर्ष के क्यॉ सू की के साथ स्कूल जाया करते थे और अब उनके धर्मार्थ फांउडेशन को चलाने में मदद करते हैं। इस बारे में सू की पार्टी के सांसदों को भी अंधेरे में रखा गया क्योंकि पार्टी देश में राजनीतिक बदलाव को लेकर थोड़ा भयभीत है जिसके पीछे वजह देश में सेना का अभी भी मजबूत होना है। गुरूवार को सू की की पार्टी की वेबसाइट पर जारी उनके बयान में उन्होंने कहा, ‘यह एनएलडी का समर्थन करने वाले मतदाताओं की इच्छाओं एवं उम्मीदों को लागू करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।’

वाशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति पद की डेमोक्रेटिक उम्मीदवारी के दावेदार हिलेरी क्लिंटन और बर्नी सैंडर्स गुरुवार को रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रंप के ‘नस्लवादी’ होने से जुड़े एक सवाल से बचते दिखाई दिए। बहरहाल, दोनों ने ही विदेशी विरोधी नफरत वाली ट्रंप की बयानबाजी पर प्रहार किए। मियामी, फ्लोरिडा में डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रेजीडेंशियल बहस में प्रमुख दावेदार हिलेरी इस सवाल का सीधा जवाब देने से बचीं जबकि सैंडर्स ने इसके जवाब में कहा कि अमेरिकी जनता कभी ऐसे राष्ट्रपति का चयन नहीं करेगी, जो मेक्सिको के लोगों, मुस्लिमों, महिलाओं और अश्वेतों का अपमान करता है। मध्यस्थ ने पूछा, सीनेटर सैंडर्स, क्या आपको लगता है कि डोनाल्ड ट्रंप को नस्लवादी कहना सही है? सैंडर्स ने कहा कि मैं ऐसा सोचता हूं। मुझे लगता है कि अमेरिकी जनता कभी ऐसा राष्ट्रपति नहीं चुनेगी, जो मेक्सिको के लोगों, मुस्लिमों, महिलाओं, अफ्रीकी-अमेरिकियों का अपमान करता हो।

वाशिंगटन : पाकिस्तान को एफ-16 लड़ाकू विमान बेचने और नई दिल्ली की ओर से एक धार्मिक संस्था को वीजा न दिए जाने के मुद्दे पर भारत के साथ संबंध बिगड़ने की बात से अमेरिका ने इनकार करते हुए कहा कि अमेरिका के भारत के साथ अच्छे और मजबूत संबंध है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि मुझे लगता है कि भारत के साथ और विशेषकर मोदी सरकार के साथ हमारा अच्छा और मजबूत संबंध रहा है और हम इस संबंध को बरकरार रखने की ओर अग्रसर हैं। किर्बी से दैनिक संवाददाता सम्मेलन में जब पूछा गया कि क्या उन्हें लगता है कि पाकिस्तान को एफ-16 लड़ाकू विमान बेचने और वीजा के मुद्दे की पृष्ठभूमि में, अमेरिका और भारत के बीच सबकुछ उतना आसान नहीं चल रहा, तब उन्होंने कहा कि नहीं, मैं दरअसल इससे असहमत हूं। उन्होंने कहा कि ऐसे बहुत से साझा मुद्दे, चुनौतियां और खतरे हैं जिनका सामना हम और भारतीय लोग कर रहे हैं तो निश्चित तौर पर मैं ऐसी बात नहीं करूंगा।

वॉशिंगटन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस महीने के आखिर में होने वाली अमेरिका यात्रा से पहले भारत और अमेरिका ने कई मुद्दों पर पहले से करीबी साझेदारी को गहन करने पर सहमति जताई है जिनमें लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ लड़ाई शामिल है जिन्हें भारत में कई आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है। विदेश सचिव एस जयशंकर की अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सुसैन राइस से मुलाकात के दौरान यह फैसला किया गया। व्हाइट हाउस में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता नेड प्राइस ने मंगलवार को एक बयान में कहा, ‘राइस और जयशंकर ने जलवायु परिवर्तन, व्यापार एवं रक्षा पर द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई और आगामी परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन की तैयारियों का संज्ञान लिया।’ उन्होंने कहा, ‘उन्होंने लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और अन्य आतंकवादी खतरों के खिलाफ अमेरिका-भारत के सहयोग पर भी चर्चा की।’

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख