वॉशिंगटन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस महीने के आखिर में होने वाली अमेरिका यात्रा से पहले भारत और अमेरिका ने कई मुद्दों पर पहले से करीबी साझेदारी को गहन करने पर सहमति जताई है जिनमें लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ लड़ाई शामिल है जिन्हें भारत में कई आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है। विदेश सचिव एस जयशंकर की अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सुसैन राइस से मुलाकात के दौरान यह फैसला किया गया। व्हाइट हाउस में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता नेड प्राइस ने मंगलवार को एक बयान में कहा, ‘राइस और जयशंकर ने जलवायु परिवर्तन, व्यापार एवं रक्षा पर द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई और आगामी परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन की तैयारियों का संज्ञान लिया।’ उन्होंने कहा, ‘उन्होंने लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और अन्य आतंकवादी खतरों के खिलाफ अमेरिका-भारत के सहयोग पर भी चर्चा की।’
प्राइस ने कहा, ‘अमेरिका-भारत की साझेदारी को 21वीं सदी के निर्धारक संबंध बनाने की अपने देशों के नेताओं की प्रतिबद्धताओं के अनुरूप, उन्होंने इन मामलों पर पहले से करीबी सहयोग को और गहरा करने पर सहमति व्यक्त की।’ लश्कर-ए-तैयबा का हाथ भारत में कई आतंकी हमलों में रहा है जिनमें 2008 का मुंबई आतंकवादी हमला शामिल है। भारत ने पठानकोट के दो जनवरी के आतंकी हमले के लिए जैश-ए-मोहम्मद को जिम्मेदार ठहराया है। जयशंकर ने कल यहां विदेश मंत्रालय, वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारियों और अमेरिकी कारोबारी प्रतिनिधियों से मुलाकात की। विदेश सचिव स्तर की बैठकें भी होने की उम्मीद है। जयशंकर दो दिवसीय वॉशिंगटन यात्रा पर आए है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस माह के अंत में परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए अमेरिका आएंगे।