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काबुलः अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के सबसे बड़े सैन्य अस्पताल में आज आतंकी हमला हुआ है। ये हमला सरदार दाउद खान अस्पताल में डॉक्टर बनकर आये आतंकवादियों ने किया. हमले के बाद काबुल विस्फोट और गोलीबारी से दहल उठा. हमले में अभी तक कम से कम दो लोगों की मौत और 12 अन्य के घायल होने की खबर है. अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने हमले की पुष्टि की है और बताया है कि आतंकियों से एनकाउंटर जारी है. अस्पताल प्रशासक अब्दुल हाकिम ने एएफपी को टेलीफोन पर कहा, ‘‘हमलवार हर जगह गोलियां चला रहे हैं। हम स्थिति को नियंत्रण में करने की कोशिश कर रहे हैं।’’ अस्पताल में फंसे डॉक्टरों और कर्मचारियों ने सोशल मीडिया पर मदद मांगी है। अस्पताल के एक कर्मचारी ने फेसबुक पर लिखा, ‘‘हमलावर अस्पताल के अंदर हैं। हमारे लिये दुआ कीजिये।’’ स्पताल प्रशासकों ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि विस्फोट के बाद डॉक्टरों के सफेद कोट पहने तीन बंदूकधारी अस्पताल में घुस आये जिससे वहां अफरातफरी मच गयी। काबुल में सेना का ये अस्पताल 400 बेड का हैं। अभी तक किसी भी आतंकवादी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है लेकिन यह हमला ऐसे समय में किया गया है जब गर्मियों में तालिबान के हमले शुरू होने से पहले ही उसके आतंकवादियों के हमले बढ़ गये हैं

संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने उत्तर कोरिया के हालिया बैलिस्टिक मिसाइल प्रक्षेपण की कड़ी निंदा करते हुए प्योंगयांग के बढ़ते अस्थिरताकारी बर्ताव पर चिंता जताई है। यह कड़ी निंदा अमेरिका द्वारा तैयार किए गए बयान में की गई है। वाशिंगटन द्वारा दक्षिण कोरिया में आधुनिक मिसाइल रक्षा प्रणाली तैनात किए जाने पर चीन और अमेरिका में चल रहे तनाव के बावजूद इस बयान को परिषद में सर्वसम्मति से मंजूरी दी गई। परिषद ने इस मिसाइल परीक्षण को संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का ‘गंभीर उल्लंघन’ बताया और ‘अन्य महत्वपूर्ण कदम उठाने का’संकल्प लिया। संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव उत्तर कोरिया को मिसाइल तकनीक विकसित करने से रोकते हैं। अमेरिका और जापान के निवेदन के बाद परिषद के सदस्य उत्तर कोरिया के चार मिसाइल परीक्षणों पर चर्चा करने के लिए आज आपातकालीन बैठक करेंगे। उत्तर कोरिया ने अपने मिसाइल परीक्षणों को जापान स्थित अमेरिकी अड्डों पर हमला करने का प्रशिक्षण अभ्यास बताया था। सोमवार को दागी गई तीन मिसाइलें जापान के निकट जलक्षेत्र में आ गिरी थीं।

नई दिल्ली: जैश ए मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने की भारत की मांग पर चीन जल्द निर्णय करेगा और वह अजहर की आतंकी गतिविधियों की जांच कर रहा है। यह बात कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने मंगलवार को कही। मा शियांगवू ने एक सुरक्षा सम्मेलन में कहा कि चीन अजहर और मामले के अन्य कई पहलुओं पर भारत के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है। अन्य पहलुओं में यह भी शामिल है कि क्या इस कदम का समर्थन करने से वह बड़ी दिक्कत में तो नहीं पड़ जाएगा। आतंकवाद के सभी स्वरूपों को समाप्त करने की जरूरत बताते हुए उन्होंने कहा कि हम इस पर विचार कर रहे हैं। हम जल्द इस पर फैसला करेंगे। भारत ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा अजहर पर पाबंदी लगवाने के लिए ठोस सबूत मांगने पर चीन पर पिछले महीने निशाना साधा था। चीन ने पिछले साल दो बार इस मामले में तकनीकी रोक लगा दी थी। भारत ने पठानकोट आतंकी हमले के बाद अजहर पर प्रतिबंध लगाने के लिए आवेदन दिया था। बीजिंग ने इस साल भी यही रख अपनाया, जब अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र में आवेदन दिया था। उन्होंने कहा कि भारत के प्रस्ताव पर विचार करते हुए चीन अजहर की गतिविधियों की जांच कर रहा है।

वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने सोमवार को संशोधित ट्रैवल बैन ऑर्डर पर दस्तखत कर दिए। खास बात यह है कि व्हाइट हाउस ने संशोधित ट्रैवल बैन ऑर्डर में इराक का नाम लिस्ट से हटा दिया है। 27 जनवरी के पहले ट्रैवल बैन लिस्ट में 7 देशों के नाम थे। आपको बता दें कि ट्रंप ने राष्ट्रपति पद संभालने के साथ ही इराक समेत सात मुस्लिम बहुल देशों पर यात्रा प्रतिबंध लगाते हुए शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर किए थे, लेकिन अदालतों ने उसे रोक दिया। इसे लेकर दुनिया भर के लोगों में काफी गुस्सा भी था। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता सीन स्पाइसर ने बताया कि ट्रंप ने बंद कमरे में इस नये आदेश पर हस्ताक्षर किए। नए शासकीय आदेश में सूडान, सीरिया, ईरान, लीबिया, सोमालिया और यमन के लोगों पर 90 दिनों का प्रतिबंध लगाया गया है। हालांकि यह पहले से वैध वीजा प्राप्त लोगों पर लागू नहीं होगा। प्रवक्ता ने बताया कि आदेश के अनुसार यदि किसी व्यक्ति के पास 27 जनवरी से पहले वैध वीजा था या शासकीय आदेश के लागू होने के दिन वैध वीजा था तो उसे अमेरिका में प्रवेश से नहीं रोका जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रतिबंध की यह अवधि विदेशी नागरिकों द्वारा आतंकवादियों और अपराधियों के घुसपैठ को रोकने के लिए मानदंड तय करने और समुचित समीक्षा करने का वक्त देगी। वहीं दूसरी ओर न्यूयॉर्क के अटॉर्नी जनरल का कहना है कि वे ट्रंप के नये आदेश को अदालत में चुनौती देने के लिए तैयार हैं।

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