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लाहौर: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की सरकार द्वारा मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमांइड हाफिज सईद को नजरबंद करने के बाद उसके रिश्तेदार हाफिज अब्दुल रहमान मक्की को जमात-उद-दावा का प्रमुख बना दिया गया। मक्की पर 20 लाख डॉलर का इनाम है। जेयूडी के एक सदस्य ने कहा, ‘सईद की नजरबंदी के बावजूद हाफिज अब्दुल रहमान मक्की को आधिकारिक रूप से जेयूडी का प्रमुख बना दिया गया।’ उन्होंने कहा कि मक्की जेयूडी का दूसरे नंबर का नेता था जिसे सईद की नजरबंदी के बाद समूह की कमान संभाली गयी। यह पूछे जाने पर कि क्या सईद अब भी अपने घर (जिसे पंजाब सरकार ने उप कारागार घोषित किया है) से जेयूडी का संचालन कर रहा है, सदस्य ने ना में जवाब दिया। उन्होंने कहा, ‘मक्की साहब ही संगठन के सभी मामले देख रहे हैं।’ सईद को नजरबंद करने के बाद से मक्की ने लाहौर में आधा दर्जन से अधिक रैलियों का नेतृत्व किया है।

लंदन: पाकिस्तान की नोबेल शांति पुरस्कार विजेता एवं शिक्षा कार्यकर्ता मलाला यूसुफजई जरूरी एएए ग्रेड मिलने पर प्रतिष्ठित ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में पढ़ सकती हैं। 19 साल की मलाला पाकिस्तान में तालिबान के हमले का शिकार हुई थीं और ब्रिटेन में उनका इलाज किया गया था। मलाला के विश्वविद्यालय के दर्शन, राजनीति एवं अर्थशास्त्र (पीपीई) पाठ्यक्रम में दाखिला लेने की संभावना है। यह पाठ्यक्रम लोकप्रिय है। उन्होंने बर्मिंघम में स्कूल एवं कॉलेज लेक्चरर संघ के वार्षिक सम्मेलन में प्रधानाध्यापकों से कहा, ‘मैं इस समय पढ़ाई कर रही हूं, यह मेरा 13वां साल है और मेरी ए लेवल की परीक्षा होने वाली है तथा मुझे शर्त के साथ पेशकश मिली है जिसके तहत मुझे तीन ए हासिल करने की जरूरत है, जिस पर मैं पूरा ध्यान दे रही हूं।’ मलाला ने कहा, ‘मैंने पीपीई पढ़ने के लिए आवेदन दिया है इसलिए अगले तीन साल तक मैं यही पढ़ाई करूंगी।लेकिन इसके अलावा मैं अपने मलाला फंड के काम पर ध्यान देते रहना चाहती हूं।’ मलाला ने यह साफ नहीं किया कि उन्हें किस कॉलेज से पेशकश मिली है। लेकिन पूर्व में कहा था कि वह विश्वविद्यालय के लेडी मार्गरेट हॉल में आवेदन करेंगी। जिसके पूर्व छात्र-छात्राओं में पाकिस्तान की दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो शामिल हैं। जो मलाला के पसंदीदा नेताओं में से एक हैं।

न्यूयॉर्क: भारतीय मूल के अमेरिकी अटॉर्नी प्रीत भरारा को ट्रंप प्रशासन ने बर्खास्त कर दिया। उन्होंने ओबामा प्रशासन के दौरान नियुक्त किए गए 46 अधिवक्ताओं (अटॉर्नी) से इस्तीफे मांगने के आदेश के बाद अपना पद छोड़ने से इनकार कर दिया था जिसके बाद ट्रंप प्रशासन ने यह कदम उठाया। भरारा ने सदर्न डिस्ट्रिक्ट ऑफ न्यूयार्क के अपने अधिकार क्षेत्र का जिक्र करते हुए ट्वीट किया, ‘मैंने इस्तीफा नहीं दिया। कुछ क्षणों पहले मुझे बर्खास्त कर दिया गया। एसडीएनवाई का अमेरिकी अटॉर्नी होना मेरे पेशेवर जीवन का सबसे बड़ा सम्मान रहेगा।’ 48 वर्षीय भरारा से कार्यवाहक डिप्टी अटॉर्नी जनरल ने कल तत्काल इस्तीफा देने को कहा था। भरारा ने नवंबर में ट्रंप की चुनावी जीत के बाद उनसे मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद मीडिया में आई खबरों में कहा गया था कि ट्रंप ने भरारा को उनके पद पर बने रहने को कहा है। सीएनएन ने न्यूयॉर्क के सीनेटर चार्ल्स शूमर के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि शूमर अमेरिकी अधिवक्ताओं से, खासतौर पर भरारा से, इस्तीफे के लिए किए गए अनुरोधों की खबरों को सुनकर ‘व्यथित’ हैं।

बीजिंग: चीन ने शनिवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक तरह से आगाह करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच किसी भी तरह के व्यापार युद्ध से सिवाय नुकसान के कुछ हासिल नहीं होगा। चीन की ओर से यह बयान ऐसे समय में आया है जबकि आशंकाएं जताई जा रही हैं कि राष्ट्रपति ट्रंप चीनी उत्पादों पर शुल्क दर बढ़ाने के अपने चुनावी वादों को पूरा कर सकते हैं। चीन के वाणिज्य मंत्री चोंग शान ने संसद सत्र के अवसर पर संवाददाताओं से कहा कि चीन व अमेरिका के बीच व्यापार युद्ध दोनों देशों के हित में नहीं है और इससे नुकसान के अलावा कुछ हासिल नहीं होने वाला है। उन्होंने कहा कि सहयोग ही ‘सही रास्ता है’ और दोनों देशों को सहयोग बढाने तथा मतभेदों को दूर करने की दिशा में काम करना चाहिए। उन्होंने दोनो देशों के द्विपक्षीय संबंधों में आर्थिक व कारोबारी सहयोग के महत्व को रेखांकित किया।

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