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बीजिंग: चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने उइगुर मुसलमानों और हान समुदाय के बीच अकसर झड़पों का सामना कर रहे शिनजियांग प्रांत में राष्ट्रीय एकता एवं सदभाव की रक्षा करने के लिए लोहे की विशाल दीवार बनाने का आह्वान किया है। शी ने शिनजियांग पर राष्ट्रीय जन कांग्रेस के वार्षिक सत्र में एक पैनल चर्चा में हिस्सा लेते हुए कल कहा कि प्रांत उत्तरपश्चिम चीन में एक अहम सुरक्षा अवरोध है और इसकी विशेष सामरिक अवस्थिति है और विशेष मुद्दे का सामना कर रहा है। हान चीन का बहुमत वाला जातीय समुदाय हैं जहां उइगुर तुर्क सांस्कृतिक तौर पर तुर्की भाषा बोलने वाला समुदाय और जातीय तौर पर मध्य एशियाई देशों के करीब है। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव एवं केन्द्रीय सैन्य आयोग के अध्यक्ष शी ने कहा कि इस क्षेत्र का अच्छा शासन बहुत अहम है। शिनजियांग की सीमा पाक अधिकृत कश्मीर और अफगानिस्तान से मिलती है।

बीजिंग: चीन ने आज (रविवार) कहा कि राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण भ्रष्टाचार विरोधी अभियान को पिछले वर्ष उल्लेखनीय सफलता मिली। इसके तहत 63,000 अधिकारियों को दंडित किया गया और वर्ष 2015 की तुलना में भ्रष्टाचार से संबंधित मुकदमों की संख्या एक तिहाई बढ़ गई। चीन में भ्रष्टाचार के खिलाफ व्यापक अभियान चलाया जा रहा जिसकी जद में सभी छोटे-बड़े अधिकारियों को लिया गया है। चीन के सुप्रीम पीपल्स कोर्ट (एसपीसी) द्वारा नेशनल पीपल्स कांग्रेस (एनपीसी) के वार्षिक सत्र में पेश की गई एक रिपोर्ट में कहा गया कि पिछले वर्ष अधिकारियों ने घोषणा की थी कि अभियान ने तेज गति प्राप्त कर ली है। मुख्य न्यायाधीश झोउ कियांग द्वारा प्रस्तुत की गई एक रिपोर्ट में बताया गया कि चीन की अदालत प्रणाली ने वर्ष 2016 में भ्रष्टाचार के 45,000 मामलों का निपटारा किया और 63,000 लोगों को दंडित किया।

संयुक्त राष्ट्र: हक्कानी नेटवर्क, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मुहम्मद जैसे संगठनों के साथ आतंकी संगठनों जैसा बर्ताव किया जाना चाहिए। इसके साथ ही भारत ने चेतावनी देते हुए कहा है कि आतंकवाद के ‘‘पुन:सिर उठाने वाले बलों’’ को किसी भी रूप में पनाहगाह नहीं दी जानी चाहिए। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरूद्दीन ने अफगानिस्तान की स्थिति पर सुरक्षा परिषद के एक सत्र के दौरान कहा, ‘‘बेरोकटोक होने वाले और लगातार बढ़ने वाले क्रूर आतंकी हमले, अफगानिस्तान के बाहर से मिलती मदद के साथ आतंकी समूहों का क्षेत्रीय प्रसार और उभरता गंभीर मानवीय संकट.. ये सभी भयावह समय के लक्षण हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह सुनिश्चित करना हमारा पहला और परम कर्तव्य है कि आतंकवाद और चरमपंथ को किसी भी नाम, रूप या स्वरूप में शरणस्थली न मिले।’’ उन्होंने कहा कि अनुभव ने यह दिखाया है कि उग्रवादियों के लिए जब ‘विदेशी मदद’ उपलब्ध होती है, तब स्थितियां बिगड़ती हैं और भारी नुकसान करती हैं। उन्होंने अच्छे और बुरे आतंकियों के बीच फर्क करने के खिलाफ और एक समूह के खिलाफ किसी दूसरे समूह का इस्तेमाल करने के खिलाफ चेतावनी दी।

संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र के मानवीय प्रमुख का कहना कि वर्ष 1945 में इस वैश्विक संस्था की स्थापना के बाद दुनिया अब तक के सबसे बड़े मानवीय संकट का सामना कर रही है। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें दुनिया के चार देशों में दो करोड़ से ज्यादा लोग भुखमरी और अकाल का सामना कर रहे हैं। स्टीफन ओ ब्राइन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को बताया कि ‘‘साझा और समन्वित वैश्विक प्रयासों के बिना लोग भूख से मर जाएंगे’’ और ‘‘कई अन्य लोग बीमारी से पीड़ित होंगे और मर जाएंगे।’’ उन्होंने ‘‘तबाही को रोकने के लिए’’ यमन, दक्षिण सूडान, सोमालिया और पूर्वोत्तर नाइजीरिया में तत्काल कोष भेजने और मानवीय मदद तक सुरक्षित एवं निर्बाध पहुंच बनवाने की अपील की। ओ ब्राइन ने कहा, ‘‘सटीक ढंग से कहें तो हमें जुलाई तक 4.4 अरब डॉलर चाहिए।’ उन्होंने कहा कि अधिक धन नहीं भेजा गया तो बच्चे कुपोषण से कमजोर हो जाएंगे और स्कूल नहीं जा पाएंगे। आर्थिक विकास के लाभ उलट जाएंगे और ‘‘रोजगार, भविष्य तथा उम्मीद खो जाएगी।’

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